पटना, 13 जून (हि.स.)। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने संतोष मांझी के कैबिनेट से इस्तीफा देने पर कहा कि उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। जीतन राम मांझी की पार्टी छोटी दुकान है।
ललन सिंह ने कहा कि हम मांझी की पार्टी का विलय चाहते थे जिसके लिए वे तैयार नहीं हुए। मंत्री संतोष सुमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। संतोष सुमन के इस्तीफे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजूर भी कर लिया है। इस्तीफे के बाद संतोष मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार हम का जदयू में विलय करने का दबाव बना रहे थे। जबकि जदयू का कहना है कि मांझी जैसे लोग आते-जाते रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। संतोष सुमन के इस्तीफा पर भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अहंकार में किसी का सम्मान नहीं करते हैं।
ललन सिंह ने कहा कि संतोष मांझी ने त्यागपत्र दिया जिसे मुख्यमंत्री जी ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह लिखा है कि निजी कारणों से साथ चलने में असमर्थ हैं। इसलिए हम लोग मानते हैं कि उन्होंने महागठबंधन छोड़ दिया। मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि कब विस्तार करेंगे किसको बनाएंगे कब बनाएंगे। विलय करने की बात थी यदि आप पार्टी अलग चला रहे हैं। अलग-अलग छोटा छोटा दुकान चलाने से क्या फायदा है। उन्होंने कहा कि हम आपके साथ आगे चलने में असमर्थ हैं।
विजय चौधरी ने कहा कि हमारे पास तो उनके इस्तीफे की कॉपी है जिसमें उन्होंने साफ लिखा है कि निजी कारणों से अब साथ चलने में असमर्थ हैं। अब संतोष सुमन मंत्री नहीं है। इसका मतलब है कि वे अब महागठबंधन में नहीं है। दो पार्टी यदि विलय करती है तो ज्यादा मजबूत पार्टी बनती है। लेकिन उन्होंने स्वयं कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ नहीं चलेंगे। पूरे देश की पार्टियां एक हो रही है। पूरा विपक्ष 23 जून को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ रही है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मांझी जी पहले हम लोगों के गठबंधन में थे तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी जी को बिहार का सीएम बनाया और संतोष जी को मंत्री बनाया। कोई ये नहीं कह सकता कि नीतीश कुमार ने मांझी जी को सम्मान नहीं दिया। जब हम फिर से महागठबंधन में आए तो सबकों साथ लेकर आए। संतोष सुमन की चिट्ठी में लिखा हुआ है कि निजी कारणों से वे महागठबंधन के साथ नहीं चल सकते। अब वे महागठबंधन का अंग नहीं बनना चाहते हैं।0
इससे पहले बिहार सरकार के मंत्री संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री आवास में देर शाम आपात बैठक आयोजित की गयी। जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजेंद्र यादव और विजय कुमार चौधरी शामिल हुए। बैठक के बाद मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा की ऐसा समझा जाए कि अब जीतन राम मांझी की पार्टी महागठबंधन के साथ नहीं है।