पटना, 24 अगस्त (हि.स.)। पटना हाई कोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। जस्टिस पीबी बजनथ्री व जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शिव प्रताप ने आरबीआई के एक सर्कुलर का हवाले देते हुए कहा कि बैंक में यदि घोटाले की रकम तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की हो तो इसे सीबीआई को जांच के लिए सुपुर्द किया जाना चाहिए। जनहित याचिका नवनीत कुमार और धर्मजय कुमार ने दायर की है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 8 अगस्त को एसएसपी, मुजफ्फरपुर ने व्यक्तिगत हलफनामा दायर किया। इसमें उन्होंने बताया कि सभी अभियुक्तों के विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिला। उन्होंने उलटे याचिकाकर्ताओं पर आरोप लगा कर केस बंद करने का अनुरोध किया। इससे पूर्व एसएसपी, मुजफ्फरपुर की गठित टीम के प्रमुख पुलिस उपाधीक्षक राघव दयाल की रिपोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन देने की बात बताई गई थी।
वर्तमान में सीबीआई वैशाली जिले के कस्तूरीसराय शाखा में हुए घोटाले की जांच कर रही है। कोर्ट ने मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई से कराने के एसएसपी, मुजफ्फरपुर के अनुरोध को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि पूर्व में भी मुजफ्फरपुर पुलिस ने काजी मुहम्मदपुर थाना कांड संख्या 83/2022 बिना किसी जांच के बंद कर वादी पर ही आरोप लगा दिया था, जिसकी कोर्ट के हस्तक्षेप से पुनः सुनवाई की जा रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितम्बर को होगी।