पटना, 24 अगस्त (हि.स.)। बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती परीक्षा गुरुवार से शुरू हुई। पहले दिन पहली पाली में कक्षा एक से पांच तक पुरुष अभ्यर्थियों और दूसरी पाली में महिला अभ्यर्थियों के लिए सामान्य अध्ययन की परीक्षा हुई। परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही।
परीक्षार्थी ने बताया कि प्रश्न आसान नहीं थे। क्वेश्चन का लेवल जो था वह काफी मॉडरेट था। थोड़ा कन्फ्यूजिंग भी। जिस स्तर का पेपर तैयार किया गया उसे देखने के बाद तो यही कहा जा सकता है कि एसडीएम, एसडीओ और एक टीचर की भर्ती में कोई फर्क ही नहीं रहेगा। पेपर से पहले ना जाने कितनी बार बीपीएससी नियम बदल चुकी है। शुरुआती समय में कहा गया था कि पूरा पेपर जो होगा उसमें नेगेटिव मार्किंग होगा। क्वेश्चन पेपर में भी लिखा है कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग है लेकिन दो दिन पहले ही यह सूचित किया गया कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं है। अब ऐसे में जो बच्चे मीडिया से दूर हैं, उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग हटा दी गई है।
शिक्षक गुरु रहमान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों सिटिंग में कुछ क्वेश्चन आसान थे। कुछ क्वेश्चन घुमा कर पूछे गए थे। इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजनीतिक विज्ञान के प्रश्न 11वीं और 12वीं स्तर के थे, जो एनसीईआरटी पर आधारित थे। प्रश्नों की प्रवृति घुमावदार एवं कुछ प्रश्न अत्यंत कठिन थे। गणित, रेजनिंग के प्रश्न अधिक कठिन नहीं थे। गुरु रहमान के मुताबिक कट-ऑफ ईबीसी का 48-52 फीसदी और एससी-एसटी का 45-48 फीसदी के बीच रहने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि 25 अगस्त को पहली पाली में सभी पुरुष अभ्यर्थियों के लिए और दूसरी पाली में सभी महिला अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य विषय भाषा की परीक्षा होगी। 26 अगस्त को पहली पाली में कक्षा 9 से 10 तक के अभ्यर्थियों के लिए सामान्य अध्ययन व विषयों की और दूसरी पाली में कक्षा 11 से 12 तक के अभ्यर्थियों के लिए सामान्य अध्ययन और संबंधित विषय की परीक्षा होगी।