Chhapra: महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने संसद में रेलमंत्री से रेल से संबंधित कई मांग की.
सांसद ने पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने इस स्टेशन का नाम परमहंस दयाल जी महाराज के नाम पर करने की मांग उठायी है. उन्होंने कहा कि छपरा में जन्मे परमहंस दयाल जी महाराज के लाखों अनुयायी विश्व के विभिन्न देशों में है. जो उनके जन्मस्थान के दर्शन के लिए छपरा पहुंचते है.
कौन है परमहंस दयाल जी महाराज
परमहंस दयाल जी अद्वैतानंद जी महाराज का जन्म छपरा शहर के दहियावां मुहल्ले में एक ब्राह्मण परिवार में 1846 ई. में हुआ था. जन्म के आठ माह बाद माता और पांच वर्ष बाद पिता तुलसीनाथ पाठक का देहांत हो गया था. माता-पिता की मृत्यु के बाद संत 17 वर्ष की आयु तक छपरा के नई बाजार में लाला नरहर प्रसाद श्रीवास्तव के पुत्र की तरह उनके साथ रहे. उनकी मृत्यु के बाद परमहंस जी दयाल का मन भौतिक जगत से विरक्त हो गया और वे सन्यासी हो गए. छपरा से निकलकर वे कई प्रांतों में गए. जयपुर में संत आनंदपुरी के सानिध्य में लम्बे समय तक रहे. यहीं वे दयाल अद्वैतानंद जी महाराज कहे जाने लगे. फिर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के कारक जिला स्थित टेरी पहुंचे. वहां स्वामी जी ने कृष्ण युग के योग शक्ति ज्ञान से अनुयायियों का परिचय कराया. अंत में उन्होंने 10 जुलाई 1919 को समाधि ले ली.