Chhapra/Siwan: गिरी, गोस्वामी समाज के प्रबुद्ध नागरिकों ने उनके हित में राष्ट्रीय स्तर पर लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान द्वारा उठाए जा रहे कदम के मद्देनजर बैठक कर उनकी सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह बैठक भाजपा नेता डॉ. अशोक कुमार भारती (शंकर जी) की अध्यक्षता में उनके निवास स्थान भदौर, बलिया कोठी महिंद्रानाथ, सिवान में संपन्न हुई। बैठक में सारण प्रमंडल प्रभारी एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. विधानचंद्र भारती, मुखिया दीपक गिरी, पैक्स अध्यक्ष सत्यकिशोर पुरी, डॉक्टर जयप्रकाश भारती, सवालिया गिरी, एडवोकेट अनिल गिरी, प्रोफेसर बलरामपुरी, प्रोफेसर अशोक भारती एवं शिवनाथ पुरी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे
हाल ही में श्री पासवान ने गिरी, गोस्वामी समाज के लाखों लोगों के साथ न्याय के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्तर पर इनके साथ न्याय की मांग की है। उन्होनें दोनों मंत्रियों को प्रेषित अपने पत्र में उल्लेख किया है कि “गोस्वामी, अतिथ, गिरी तथा सन्यासी जाति बिहार में पिछड़ी जाति की सूची में है परंतु इन सभी जातियों को भारत सरकार की जाति सूची में सामान्य जाति के अंतर्गत रखा गया है, जो कि न्यायसंगत नहीं है। बिहार में 30 लाख की आबादी वाला यह जाति वर्ग अति गरीब है। इन्हें भारत सरकार की जातीय सूची में पिछड़ा वर्ग में शामिल कर राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने की आवश्यकता है।”
उल्लेखनीय है कि उक्त मांग दसनामी गोस्वामी समाज के नेताओं एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा बहुत लंबे समय से उठाई जा रही है। हाल ही में पटना में हुए वृहद पार्टी सम्मेलन एवं कार्यकर्ता सम्मान समारोह के दौरान सारण प्रमंडल प्रभारी एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. विधान चंद्र भारती ने करीब 60 गाड़ियों का काफिला ले जाकर अपनी दमदार उपस्थिति सिद्ध की थी और कार्यक्रम के दौरान इस मांग को पार्टी अध्यक्ष एवं प्रदेशभर से एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं के मध्य मजबूती से दोहराया था।
इसे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पासवान एवं अन्य प्रमुख पदाधिकारियों ने गंभीरता से लेते हुए केंद्र में प्रयास करने का आश्वासन दिया था। इससे पूर्व अन्य कई कार्यक्रमों में यह मांग पार्टी के शीर्षस्थ पदाधिकारियों के समक्ष गंभीरतापूर्वक रखी जा चुकी है। इन्हीं प्रयासों की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में श्री पासवान द्वारा केंद्र सरकार के समक्ष उठाई गई मांग को देखा जा रहा है।