Patna: बिहार के सभी पंचायतों में विवाह भवन का नीतीश सरकार निर्माण कराएगी। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह कार्यक्रम में सुविधा के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण कराएगी। आज कैबिनेट में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ की मंजूरी दे दी गई है। पंचायतों में विवाह भवनों के निर्माण हेतु 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों के द्वारा किया जाएगा। पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी फायदा होगा।

Adra Nakshatra: 22 जून से आद्रा नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है। यह न केवल भारतीय धर्म, संस्कृति और ज्योतिष में विशेष महत्व रखता है, बल्कि इससे जुड़ी कई लोक मान्यताएं भी प्रचलित हैं। विशेष रूप से बिहार में, आद्रा को पारंपरिक और प्राकृतिक रूप से मनाने की प्रथा चली आ रही है। इस अवसर पर सात्विक भोजन का विशेष महत्व होता है, जो शुद्धता और आंतरिक शांति का प्रतीक माना जाता है।

शास्त्रों में आद्रा का महत्व

शास्त्रों के अनुसार आर्द्रा नक्षत्र का सीधा संबंध भगवान शिव के रुद्र रूप से है। रुद्र, शिव जी का वह रूप है जो तेज, उग्र और संहारक माना जाता है। जब आर्द्रा नक्षत्र आता है, तो इसे रुद्र की विशेष उपस्थिति का समय माना जाता है। ऐसे समय में अगर कोई व्यक्ति भगवान रुद्र की पूजा करता है, व्रत रखता है और हल्का, सात्विक भोजन करता है, तो उसे मन की शांति, बीमारियों से सुरक्षा और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। इसी वजह से इस दिन ज्यादा तैलीय, मसालेदार या भारी भोजन से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर और मन दोनों साफ-सुथरे और शांत बने रहें। यही अवस्था पूजा और ध्यान के लिए सबसे सही मानी जाती है।

आद्रा को लेकर लोक मान्यताएं

बिहार में यह लोक मान्यता प्रचलित रही है कि आर्द्रा नक्षत्र से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है। इसी समय खेतों में धान का बीज डाला जाता है, जिससे खेती का मौसम विधिवत आरंभ होता है। इस अवसर पर महिलाएं घर पर दाल-पूरी, खीर और आम का सात्विक भोजन बनाकर अपने कुल देवी-देवताओं को भोग अर्पित करती थीं। चूंकि इस मौसम में आम प्रमुख फल होता है, इसलिए इसका विशेष महत्व माना जाता था।

आद्रा नक्षत्र को लेकर एक प्रसिद्ध लोक कहावत भी है:

“आदरा के बदरा बरिस गइलें आजु, इनर बरिसिहें कहिया”

इस कहावत के माध्यम से लोग इंद्र देव से वर्षा की प्रार्थना करते थे और कहते थे कि—आर्द्रा नक्षत्र का जो बादल था, उसकी बारिश तो हो गई, लेकिन हे इंद्र देव! आपकी कृपा की वह भरपूर वर्षा कब होगी, जिससे धान के खेतों को पूरी तरह जल मिल सके और फसल लग सके? हालांकि समय के साथ-साथ ये परंपराएं और मान्यताएं अब विलुप्त होती जा रही हैं। न तो यह कहावत अब सामान्य जन-जीवन में सुनाई देती है, और न ही वह पारंपरिक सात्विक भोजन संस्कृति पहले जैसी रह गई है।

Patna, 24 जून (हि.स.)।बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित ललित नारायण (एलएन) मिश्रा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के स्थापना दिवस समारोह में मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि बिहार शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहा है। बिहार धर्म और ज्ञान की भूमि रही है, जिसने देश को अनेक क्रांतिकारी और चिंतक दिए हैं। इस भूमि पर आकर मुझे नई ताकत और ऊर्जा की अनुभूति होती है।

धनखड़ ने कहा कि आजादी की बात करूं तो चंपारण सत्याग्रह बिहार की भूमि पर हुआ

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आजादी की बात करूं तो चंपारण सत्याग्रह बिहार की भूमि पर हुआ। 1917 में महात्मा गांधी जी ने यहां से अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन किया। किसान की समस्या को उन्होंने राष्ट्र हित का आंदोलन बना दिया। बिहार की जनता का उत्साह, ज्ञान और चेतना पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। अपने संसदीय जीवन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिताए समय को भी याद किया। उनके संसदीय अनुभवों की सराहना की। इसके साथ ही पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा, ”उस समय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था

उपराष्ट्रपति ने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा, ”उस समय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था, लेकिन जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चली संपूर्ण क्रांति ने भारत में लोकतंत्र को नई ऊर्जा और दिशा दी।” उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर जिला प्रशासन की ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एल. एन मिश्रा कॉलेज सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर दंडाधिकारियों की तैनाती की गई थी।

कुलपति दिनेश चंद्र राय ने अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया

इस अवसर पर उद्योग मंत्री सह कॉलेज के संस्थापक नीतीश मिश्रा और बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश चंद्र राय ने अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। उपराष्ट्रपति ने कॉलेज कैंपस में पौधारोपण किया। पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्रा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदानों को भी याद किया।

Chhapra: जय भोले भंडारी सेवा दल रजिo छपरा, बिहार के अध्यक्ष, पप्पू चैहान एवं अन्य सदस्यों ने विधिवत पूजा अर्चना कर हरी झंडी दिखा ट्रक को उधमपुर, जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किया।

सामग्री लदे ट्रक को दूल्हे की तरह सजाकर, बैण्ड-बाजा व मनमोहक झाकियों के साथ पुरे शहर में घुमाया गया

भंडारे की सामग्री लदे ट्रक को दूल्हे की तरह सजाकर, बैण्ड-बाजा व मनमोहक झाकियों के साथ पुरे शहर में घुमाया गया। जय भोले, हर हर महादेव, जय बाबा अमरनाथ बर्फानी, बोल बम के नारों से पूरा शहर गूंज उठा। यह नजारा देख भोले के भक्त, शहरवासी हर्ष उल्लास से भड़ गए। अमरनाथ जाने वालों के साथ अन्य शिव भक्त भी इस सोभा यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए। नगर भ्रमण यात्रा में शामिल भक्तों के लिए शहर में जगह-जगह पर पानी, सरबत, लस्सी, बिस्कुट, पुरी-सब्जी आदि खाने पिने की व्यवस्था की गई थी।

यह बिहार का पहला और एकमात्र भंडारा है जो श्री अमरनाथ जी की यात्रा मार्ग पर लगता है

मालूम हो की इस सेवा दल के द्वारा श्री बाबा अमरनाथ जी यात्रा मार्ग उधमपुर, जम्मू-कश्मीर में भंडारा लगाया जाता है I वहां अमरनाथ यात्रियों के लिए नि:शुल्क भोजन, पानी, चाय-नास्ता, शौचालय, स्नानघर, यात्रियों के ठहरने व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था किया जाता है। यह बिहार का पहला और एकमात्र भंडारा है जो श्री अमरनाथ जी की यात्रा मार्ग पर लगता है। इस वर्ष 5 वां विशाल भंडारा लग रहा हैं। पूर्व में इस भंडारे में लगभग 400 यात्रियों के ठहरने व खाने-पीने आदि की व्यवस्था किया जाता था। इस वर्ष उसे बढ़ाकर 800 व्यक्तियों का किया जा रहा है। उक्त ट्रक के साथ सेवा दल के अध्यक्ष पप्पू चौहान एवं कुछ सेवादार भी जा रहे हैं जो भंडारे की तैयारियां शुरू करेंगे।

इस आयोजन में सेवादल के सदस्य इस प्रकार हैं –

 दिलीप गुप्ता, राजेश रिबॉक, संजय प्रसाद वार्ड पार्षद, अमित कुमार मेडिकल, अशोक गुप्ता, नर्मदेश्वर प्रसाद, विकाश कुमार, रवि सोनी, जयंत गुप्ता, मंटू बाबा, लालबाबू राय, फूटी जी, सुधीर सिंह, नीरज कु धंन्नू, बबलू गुप्ता, गुड्डू गुप्ता, आदित्य कुमार लड्ड़ू, अवनीश कुमार, राज अमिष, रिशु कुमार, मुकेश कुमार, अनिल कुमार गुप्ता, किशन गुप्ता, संजय प्रसाद, हेमंत कुमार, रंजीत कुमार, मुकेश कुमार, विकास कुमार, केदार प्रसाद, शिवजी रस्तोगी, संत रस्तोगी बिट्टू सिंह, राकेश, मनीष सिंह, सोनू सिंह, राजेश बम, रामजी प्रसाद, भीम चौरसिया, राजू कुमार आदि ने भाग लिया।

Chhapra: मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सभी जिला के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गई।

सचिव द्वारा सभी जिलों को योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया

गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, खेल विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग,परिवहन विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, वाणिज्यकर विभाग तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव द्वारा सभी जिलों को योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। महिला संवाद एवं डॉ अम्बेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत प्राप्त आकांक्षाओं/आवेदनों के तार्किक निष्पादन हेतु सभी जिलों एवं संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई का निदेश दिया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत अभियान बसेरा, म्युटेशन एवं परिमार्जन से संबंधित मामलों का प्राथमिकता से निष्पादन सुनिश्चित कराने को कहा गया।

प्रमंडल स्तर खेलकूद के लिये संरचना के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने का निदेश सभी संबंधित जिलों को दिया गया।

परिवहन विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना एवं मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप स्वीकृति प्रप्त लाभुकों से वाहन का क्रय कराकर सब्सिडी की राशि का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया। खेल विभाग के तहत प्रमंडल स्तर खेलकूद के लिये संरचना के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने, प्रखंडों में स्टेडियम के निर्माण , जिला मुख्यालय में खेल भवन सह व्यायामशाला के निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने का निदेश सभी संबंधित जिलों को दिया गया।

 

New Delhi, 24 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख कर कहा कि इसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट और कठोर नीति को दुनिया के सामने रख दिया है।

भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। आज का भारत अपने हितों के अनुसार हर जरूरी कदम उठाने में पीछे नहीं रहता। उन्होंने श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी की 1925 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात को याद करते हुए कहा कि यह संवाद केवल इतिहास की घटना नहीं, बल्कि आज भी सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि श्रीनारायण गुरु का जीवन समता, एकता और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक रहा है। भारत की विशेषता यही है कि जब भी देश किसी संकट में होता है, कोई न कोई महान विभूति मार्गदर्शन के लिए सामने आती है। श्रीनारायण गुरु ऐसे ही संत थे, जिन्होंने समाज को नई दिशा दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ को खुद के लिए सौभाग्यशाली बताया 

प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि यह मठ हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा का ज़िक्र कर कहा कि उस कठिन समय में शिवगिरी मठ ने भारत सरकार के बजाय उन्हें संपर्क किया, जब वे केवल एक मुख्यमंत्री थे। उन्होंने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ और ‘वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे वैश्विक दृष्टिकोणों का उल्लेख करते हुए भारत के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास के लक्ष्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं- प्रधानमंत्री

महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों का उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं। हमने उन क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है, जहां पहले उनकी एंट्री तक वर्जित थी।

मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति न केवल शिक्षा को समावेशी और आधुनिक बना रही है, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा देकर पिछड़े वर्गों को आगे ला रही है। शताब्दी समारोह के अवसर पर मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है, जो सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक सद्भाव के मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह ऐतिहासिक संवाद 12 मार्च 1925 को शिवगिरी मठ में महात्मा गांधी और श्रीनारायण गुरु के बीच हुआ था, जिसमें वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अस्पृश्यता उन्मूलन, दलित उत्थान और मोक्ष जैसे विषयों पर विचार हुआ था। श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस आयोजन में देशभर के आध्यात्मिक और सामाजिक नेता हिस्सा ले रहे हैं।

Entertainment: आमिर खान की ‘सितारे ज़मीन पर’ के साथ रिलीज हुई धनुष की फिल्म ‘कुबेर’ भी सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। फिल्म को ना सिर्फ समीक्षकों से सराहना मिली है, बल्कि दर्शकों ने भी धनुष की दमदार एक्टिंग और फिल्म की कहानी की खूब तारीफ की है। शुरुआती तीन दिनों में ‘कुबेर’ ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की। हालांकि, चौथे दिन फिल्म की कमाई की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई है, जिससे इसके कारोबार में गिरावट दर्ज की गई है।

दूसरे दिन कुबेर ने 16.5 करोड़ रुपये और तीसरे दिन 17.35 करोड़ रुपये का कारोबार किया था

बॉक्स ऑफिस ट्रैकर सैकनिल्क के मुताबिक ‘कुबेर’ ने रिलीज के चौथे दिन यानी पहले सोमवार को 6.50 करोड़ रुपये की कमाई की। इसके साथ ही फिल्म का भारत में कुल कलेक्शन अब 55.10 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। फिल्म ने पहले दिन 14.75 करोड़ रुपये के साथ दमदार शुरुआत की थी। दूसरे दिन इसने 16.5 करोड़ रुपये और तीसरे दिन 17.35 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। शुरुआती तीन दिनों में शानदार प्रदर्शन के बाद सोमवार को फिल्म की कमाई में गिरावट आई, जो आमतौर पर वीकडेज पर देखने को मिलती है।

फिल्म का डिजिटल प्रीमियर जुलाई के अंत तक किया जा सकता है

‘कुबेर’ का निर्देशन शेखर कम्मुला ने किया है। फिल्म में धनुष के साथ नागार्जुन अक्किनेनी और रश्मिका मंदाना ने भी प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। इसके अलावा जिम सर्भ और दलीप ताहिल जैसे कलाकारों ने भी अपनी शानदार अदाकारी से फिल्म को और खास बना दिया है। सिनेमाघरों में शानदार प्रदर्शन के बाद अब यह फिल्म जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म का डिजिटल प्रीमियर जुलाई के अंत तक किया जा सकता है।

Badrinath, 24 जून (हि.स.)। सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो आने वाले दिनों में श्रद्धालु श्री बदरीनाथ में स्थित ध्यान गुफाओं में ध्यान साधना के साथ ही रात्रि प्रवास भी कर सकेंगे। ऐसे में मौसम ने साथ दिया तो आगामी जुलाई माह में ध्यान गुफा सुविधायुक्त तैयार हो जाएंगे। ऐसे में उम्मीदों के बीच नगर पंचायत कार्य करवाने में जुटी है।


नगर पंचायत के अनुसार इनका निर्माण 2022 में किया गया

श्री बदरीनाथ मंदिर से करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर ऋषि गंगा फॉल के पास ध्यान गुफाएं है। नगर पंचायत के अनुसार इनका निर्माण 2022 में किया गया। चार ध्यान गुफाओं में दो पत्थरों से तथा दो सीमेंट से निर्मित है लेकिन बर्फबारी से क्षतिग्रस्त होने और सुविधाओं के अभाव में यहां कम ही श्रद्धालु पहुंचते। इस सब के बीच नगर पंचायत ने इन गुफाओं की दिशा में कार्य शुरू किया तो उम्मीदों को भी पंख लगे।

नगर पंचायत बदरीनाथ के ईओ सुनील पुरोहित ने बताया कि डीएम के निर्देश पर ध्यान गुफाओं को सुविधायुक्त बनाया जा रहा है। जहां बिजली, बेड, कंबल, इलेक्ट्रिक केटल की सुविधा मिलेगी। बताया कि बोर्ड बैठक में शुल्क का निर्धारण होगा। मौसम ने साथ दिया तो जल्दी ही कार्य पूरा कर लिया जायेगा।

Sasaram। सासाराम नगर थाना के पुरानी जीटी रोड के बेदा नहर के समीप आज सुबह एक डंफर और ऑटो की जोरदार टक्कर में दो लोगों की घटनास्थल पर हीं मौत हो गई।

घटना के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मरने वालों में एक वनकर्मी इंद्रदेव सिंह के 17 वर्षीय पुत्र संतोष कुमार शामिल हैं, जो माली का काम करते थे। वहीं दूसरे मृतक की पहचान मोरसराय निवासी किसान 45 वर्षीय भोला पासवान के रूप में की गई है। घटना के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

एक डंफर ने ऑटो को रौंद डाला, जिससे घटनास्थल पर हीं दो लोगों की मौत हो गई

पुलिस के मुताबिक तेज रफ्तार डंफर और आटो की टक्कर इतनी भीषण थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए और इस घटना में दो अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिनका फिलहाल सदर अस्पताल सासाराम में इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि ऑटो में सवार तीन से चार लोग सासाराम की तरफ आ रहे थे, तभी विपरीत दिशा से आ रहे एक डंफर ने ऑटो को रौंद डाला, जिससे घटनास्थल पर हीं दो लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने पुरानी जीटी रोड को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सड़क जाम कर रहे लोग मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने एवं डंफर चालक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

Patna, 23 जून (हि.स.)। बाल श्रम और बच्चों की ट्रैफिकिंग से जुड़े नेटवर्क के खिलाफ चलाए गए अभियानों में वर्ष 2024-25 में बाल मजदूरों को मुक्त कराने के मामले में बिहार देश में दूसरे स्थान पर रहा। बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के सहयोगी संगठनों ने इस दौरान कुल 53,651 बाल मजदूरों को मुक्त कराया। जिसमें 3,974 बच्चे बिहार से छुड़ाए गए। बाल मजदूरों को मुक्त कराने में तेलंगाना शीर्ष पर रहा जहां 11,063 बच्चे छुड़ाए गए।

 छापों के बाद 38,388 मामले दर्ज किए गए और 5,809 गिरफ्तारियां हुईं

जेआरसी के सहयोगी संगठन इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के शोध प्रभाग सेंटर फॉर लीगल एक्शन एंड बिहेवियर चेंज (सी-लैब) की बाल श्रम के संबंध में एक रिपोर्ट ‘बिल्डिंग द केस फॉर जीरो : हाउ प्रासीक्यूशन एक्ट्स ऐज टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड लेबर’ में उजागर हुए, रिपोर्ट के अनुसार मुक्त कराए गए बच्चों में 90 प्रतिशत उन क्षेत्रों में काम कर रहे थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन व भारत सरकार बाल मजदूरी का सबसे बदतरीन स्वरूप मानती है। इन छापों के बाद 38,388 मामले दर्ज किए गए और 5,809 गिरफ्तारियां हुईं। इनमें 85 प्रतिशत गिरफ्तारियां बाल मजदूरी के मामलों में हुईं। यह रिपोर्ट 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच देश के 24 राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों के 418 जिलों में काम कर रहे जेआरसी के 250 से भी ज्यादा सहयोगी संगठनों के बाल श्रम और ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को मुक्त कराने के लिए की गई छापामार कार्रवाई के आंकड़ों पर आधारित है।

दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है

रिपोर्ट में समग्र नीतिगत बदलावों, सरकारी खरीदों में बाल श्रम का इस्तेमाल कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति, खतरनाक उद्योगों की सूची के विस्तार, राज्यों को उनकी विशेष जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनाने, बाल मजदूरी के खात्मे के लिए सतत विकास लक्ष्य 8.7 की समय सीमा को 2030 तक बढ़ाने, दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

2024-25 में बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने में तेलंगाना देश में अव्वल रहा

रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान सबसे ज्यादा तेलंगाना में 7,632 छापे मारे गए जबकि इसके बाद उत्तर प्रदेश (2,469), राजस्थान (2,453) और मध्यप्रदेश (2,335) रहे। यह दर्शाता है कि देशभर में चलाए गए बाल मजदूरी विरोधी अभियान प्रभावी रहे हैं, लेकिन स्थायी बदलाव तभी आएगा जब कानून का डर और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। रिपोर्ट बताती है कि छापेमारी के साथ बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने में भी तेलंगाना अव्वल रहा वर्ष 2024-25 में बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने में तेलंगाना देश में अव्वल रहा जहां 11,063 बच्चे छुड़ाए गए जबकि इसके बाद बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली का स्थान है।

बिहार में 3,974, राजस्थान में 3,847, उत्तर प्रदेश में 3,804 और दिल्ली में 2,588 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया।

जेआरसी के राष्ट्रीय संयोजक रवि कांत ने बातचीत में कहा कि “इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का बाल श्रम के सबसे वीभत्स स्वरूपों में इस्तेमाल यह बताता है कि सरकार व नागरिक समाज के तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने का हमारा राष्ट्रीय संकल्प अभी अधूरा है। देश अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के कन्वेंशन 182 यानी बाल श्रम के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संधि का हस्ताक्षरकर्ता देश है जिसमें बाल श्रम के सभी खतरनाक स्वरूपों को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई गई है।

Patna, 23 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सोमवार को परिवार के साथ राजद ऑफिस पहुंचे, और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन किया।

नामांकन के दौरान तेज प्रताप यादव समेत पूरा लालू परिवार मौजूद रहा

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत पूरा लालू परिवार मौजूद रहा। पटना स्थित राजद कार्यालय में नामांकन के लिए भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता भी जुटे हुए थे।

कार्यालय के बाहर और भीतर “लालू यादव ज़िंदाबाद” के नारों से माहौल गूंज उठा।

लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अब तक किसी और ने नामांकन नहीं दाखिल किया है, जिससे यह तय माना जा रहा है कि वे एक बार फिर से राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि लालू यादव ही अगले अध्यक्ष होंगे। राजद द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषणा 5 जुलाई को की जाएगी, उस दिन लालू यादव का जन्मदिन भी है। पार्टी इसे “लालू सम्मान दिवस” के रूप में भी मनाने की तैयारी कर रही है।

जगदानंद सिंह की गैरमौजूदगी ने सियासी अटकलों को दिया जन्म 

नामांकन के मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की गैरमौजूदगी ने सियासी अटकलों को जन्म दे दिया है। हाल के दिनों में जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद की खबरें सामने आई थीं। ऐसे में उनका पार्टी कार्यालय में उपस्थित न रहना एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

Bihar 23 जून (हि.स.)। बिहार के चर्चित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास कुमार पांडे अब राजनीति के माध्यम से जनसेवा की एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। जिन्होंने बीते 17 वर्षों में चिकित्सा सेवा के जरिए 17,000 से अधिक जरूरतमंद मरीजों की आंखों की रोशनी लौटाई, अब जनसुराज अभियान के अंतर्गत भागलपुर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।

हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले पलायन रोकेंगे- विकास कुमार पांडे

डॉ पांडे ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर अटूट विश्वास जताते हुए कहा कि अब तक हमने मरीजों की सेवा की, अब जनता की सेवा करने का समय है। उन्होंने कहा कि भागलपुर आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है। इसे स्मार्ट सिटी बनाना हमारा संकल्प है। भागलपुर सिर्फ नाम का स्मार्ट सिटी बन कर रह गया है। जमीनी हकीकत बहुत पीछे है। हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले भागलपुर से पलायन रोकेंगे, ताकि हमारे युवा, हमारे किसान, हमारे मजदूर यहां सम्मान से जी सकें।

सियासत में आने का मेरा उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा है- विकास कुमार पांडे

डॉ. पांडे ने आगे कहा कि अब तक उन्होंने ऑपरेशन थियेटर में रोशनी दी, अब वे विधान सभा में आवाज़ उठाकर बदलाव की मशाल जलाना चाहते हैं। सियासत में आने का मेरा उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा है। मेरा लक्ष्य भागलपुर को एक ऐसा मॉडल शहर बनाना है जहां हर तबके की आवाज़ सुनी जाए। जनसुराज की सोच और नीति से प्रभावित होकर वे अब गांव-गांव जाकर लोगों से मिलेंगे, उनकी बात सुनेंगे और एक जनआधारित परिवर्तन की शुरुआत करेंगे।