बिहार के जमुई में ग्रामीणों ने किया पुलिस टीम पर हमला, पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त

पटना: बिहार में जमुई जिले के लछुआड़ थाना क्षेत्र अन्तर्गत कोड़ासी गांव में वारंटी को पकड़ने गई पुलिस पर शनिवार देर रात ग्रामीणों ने हमला कर दिया।

पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने “चोर-चोर” के नारे लगाते हुए पुलिस टीम पर पत्थरों की बारिश कर दी। इस हिंसक हमले में कई पुलिसकर्मी बाल-बाल बचे, जबकि पुलिस वाहन के शीशे टूट गए और उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

पुलिस पर हमले का यह सिलसिला रविवार की सुबह भी देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष और बच्चों ने लछुआड़ थाना का घेराव कर लिया। हिरासत में लिए गए नरेश कोड़ा (जिस पर शराब अधिनियम के तहत मामला दर्ज है) और लालकुमार को छुड़ाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने थाने को चारों ओर से घेर लिया। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने उल्टे पुलिस प्रशासन पर ही चोरी और महिलाओं से अश्लील हरकत जैसे गंभीर आरोप जड़ दिए।

फिलहाल, ग्रामीण अभी भी थाने में डटे हुए हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

सरकारी स्कूलों मे अब टेबलट के द्वारा बनाई जाएगी छात्रों की हाजरी

समस्तीपुर: शिक्षा विभाग द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराए जाने का कार्य जिले में प्रारंभ हो गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डीपीओ एसएसए मानवेन्द्र कुमार राय ने समस्तीपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकंठ, मध्य विद्यालय जितवारपुर एवं मध्य विद्यालय मोरदीवा के प्रधानाध्यापकों को टैबलेट प्रदान किया।

डीपीओ ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों को 2-2 जबकि माध्यमिक विद्यालयों को छात्र संख्या के अनुसार 2 या 3 टैबलेट प्रति विद्यालय आपूर्ति की जानी है। इसके लिए राज्य स्तर से तीन एजेंसियों को आपूर्ति के लिए अधिकृत किया गया है। एजेंसी द्वारा जिले को टैब की आपूर्ति प्रारंभ कर दी गई है।प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के स्तर से इसका शत प्रतिशत वितरण जल्द ही सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं एक शिक्षक को टैबलेट के संचालन के लिए प्रशिक्षित किए जाने की भी योजना है। ई -शिक्षा कोष के माध्यम से वर्ग शिक्षक कक्षा में बैठे एक साथ यानी सामूहिक रूप से 30 से 40 बच्चों की हाजिरी बनाएंगे। बच्चों की हाजिरी तीन बार बनेगी।पहली बार जब बच्चे स्कूल आएंगे, दूसरी बार जब बच्चे मध्याह्न भोजन करेंगे और तीसरी बार स्कूल में छुट्टी से पहले हाजिरी बनेगी। टैबलेट के जरिए अब स्कूलों की पढ़ाई, उपस्थिति, देखभाल और संधारण का पूरा विवरण डिजिटल रूप से दर्ज होगा. इससे विभाग सीधे निगरानी करेगा। अब तक कई स्कूलों में बच्चों की संख्या कम रही है। पढ़ाई का माहौल भी कमजोर रहा है। कई शिक्षक स्कूल की बजाय प्रखंड और जिला मुख्यालयों में समय बिताते रहे हैं। अब टैबलेट से सजी यह व्यवस्था स्कूलों की असली तस्वीर सामने ला

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र की हत्या, संविधान रक्षकों को किया नमन

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आपातकाल की 50वीं बरसी पर उसके काले अध्याय को याद किया और कहा कि यह सिर्फ संविधान की हत्या नहीं थी, बल्कि न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने का प्रयास था। उन्होंने उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने अत्याचारों का सामना करते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।

मोदी ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया। जॉर्ज फर्नांडिस को जंजीरों में बांधा गया, छात्रों को परेशान किया गया और मीसा कानून के तहत बिना कारण लोगों को जेलों में डाला गया। अभिव्यक्ति की आज़ादी पूरी तरह कुचल दी गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि वह दौर कैसा था। आपातकाल लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने ऑडियो भी साझा किए, जिनमें उन्होंने उस दौर की भयावहता को स्पष्ट किया।

उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों में बांधा गया था। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। मीसा के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। छात्रों को भी परेशान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी का भी गला घोंट दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस दौर में जो हजारों लोग गिरफ्तार किए गए उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार हुए लेकिन यह भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया। आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई-आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए। मोदी ने कहा, “यह भारत की जनता का सामर्थ्य था कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया।”

25 जून को लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा इसे “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया गया। मोदी ने कहा कि देश पर आपातकाल थोपे जाने के 50 वर्ष कुछ दिन पहले ही पूरे हुए हैं। हम देशवासियों ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया है। हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डट कर मुकाबला किया था। इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।

टांगी से काटकर बड़े भाई ने की छोटे भाई की हत्या

लोहरदगा:  भंडरा थाना क्षेत्र के मसमानो गांव में शनिवार की देर शाम बड़े भाई ने छोटे भाई को टांगी से काटकर मार डाला। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित फरार हो गया।

मृतक की पहचान भंडरा थाना क्षेत्र के मसमानो गांव निवासी अंगा उरांव के पुत्र बसंता उरांव (28 ) के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही भंडरा थाना पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मृतक बसंता उरांव व उसके बड़े भाई डांगू उरांव के बीच पैसाें के लेन-देन को लेकर एक माह पूर्व भी कहा सुनी हुई थी।इनके बीच कई बार पैसों को लेकर विवाद हो चुका था। इसके बाद शनिवार की शाम डांगू उरांव ने नशे की हालत में अपने छोटे भाई बसंता उरांव की टांगी से गले में वार कर हत्या कर दी।

घटना भंडरा थाना क्षेत्र के मसमानों पंचायत भवन के पास की है। घटना के बाद आरोपित फरार है। भंडरा थाना पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। मामले में लोहरदगा एसपी सादिक अनवर रिजवी का कहना है कि बड़े भाई ने छोटे भाई की हत्या कर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही हत्यारा को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस हर बिंदुओं पर जांच कर रही है।

28 जून (हि.स.)। बिहार के भागलपुर में 29 जून को टाउन हॉल में विशाल तांती सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इसको लेकर शनिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने परिसदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय सिन्हा, तार किशोर प्रसाद, लालमोहन गुप्ता सहित तांती समाज के सभी प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे।

शहनवाज हुसैन ने दावा किया कि एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य हर समाज को साथ लेकर चलना है। आने वाले विधानसभा चुनाव में हर वर्ग को जोड़कर एनडीए को मजबूत करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी।

जातीय जनगणना एनडीए का पुराना विचार है:शहनवाज हुसैन

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना एनडीए का पुराना विचार है। जिसे विपक्ष आज अपना बताकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहता है। लेकिन जनता सब जानती है। भागलपुर सीट से उम्मीदवार बनने के सवाल पर शाहनवाज ने साफ कहा कि पार्टी जो निर्णय लेगी, वही उनका भी निर्णय होगा। वे पूरी तरह से संगठन के साथ हैं और मिलकर बिहार में एनडीए की सरकार बनाएंगे।

Gopalganj, 28 जून (हि.स.)। बिहार में गो पालगंज जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के लाइन बाजार स्थित एक आइसक्रीम फैक्ट्री में शनिवार को हुए जोरदार गैस टंकी विस्फोट से इलाके में दहशत फैल गई। इस दर्दनाक हादसे में एक मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई।

धमाका इतना जोरदार था कि उसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी

मृतक की पहचान पश्चिम बंगाल निवासी अरुण पाल के रूप में हुई है, जो मीरगंज के वार्ड नंबर-6 में किराए पर रहकर काम करता था। जानकारी के अनुसार, शनिवार को फैक्ट्री में तकनीकी खराबी आने के बाद गैस टंकी की मरम्मत के लिए मिस्त्री अरुण पाल को बुलाया गया था। वह गैस टंकी में गैस भर रहा था, तभी अचानक तेज धमाके के साथ टंकी फट गई। धमाका इतना जोरदार था कि उसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।

ग्रामीणों ने बताया कि फैक्ट्री में पहले भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं

फैक्ट्री के आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।घटना के वक्त फैक्ट्री परिसर में मौजूद अन्य मजदूर बाल-बाल बच गए, लेकिन अरुण पाल की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विस्फोट इतना भयंकर था कि शव क्षत-विक्षत हो गया।सूचना मिलते ही मीरगंज थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गोपालगंज सदर अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और फैक्ट्री संचालक से भी पूछताछ की जा रही है।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि फैक्ट्री में पहले भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस हादसे के बाद फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और प्रशासन द्वारा मुआवजे को लेकर कोई आधिकारिक बयान अब तक नहीं आया है।

Patna, 28 जून (हि.स.)। बिहार ने भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत कर दी है। देश में पहली बार मोबाइल से ई-वोटिंग की सुविधा को जमीनी हकीकत में बदलते हुए, तीन जिलों की 6 नगरपालिका में हुए उपचुनावों में हजारों मतदाताओं ने घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

विभा देवी ने देश की पहली महिला ई-वोटर बनकर इतिहास रच दिया

पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ी दयाल की निवासी विभा देवी ने देश की पहली महिला ई-वोटर बनकर इतिहास रच दिया, जबकि मुन्ना कुमार पहले पुरुष ई-वोटर के रूप में वोट डाला। ई-वोटिंग के माध्यम से कुल 67 प्रतिशत लोगों ने अपने मातधिकार का प्रयोग किया।

बक्सर जिले की प्रेमावती देवी, जो उम्र के कारण पहले मतदान केंद्र नहीं जा पाती थीं, उन्होंने भी आज मोबाइल से पहली बार वोट डालकर गर्व महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि “मोबाइल से वोट डालना आसान नहीं था, पर बच्चों ने सिखाया और मैंने घर बैठे ही लोकतंत्र में हिस्सा ले लिया।

बिहार निर्वाचन आयोग के अनुसार यह एक पायलट प्रोजेक्ट है

ई-वोटिंग सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक हुई। 67 प्रतिशत ई-वोटर्स ने मतदान में हिस्सा लिया। 80 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, दिव्यांग, असाध्य रोग से पीड़ित और प्रवासी बिहारियों को ई- मतदान का मौका दिया गया। बिहार निर्वाचन आयोग के अनुसार यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसकी सफलता पूरे देश में ई-वोटिंग प्रणाली के विस्तार की संभावनाएं खोल सकती है। नगर पंतायत के लिए हुए मतदान के नतीजे 30 जून को घोषित किए जाएंगे।

प्रवासी बिहारी मतदाता मोबाइल के जरिए ई-वोटिंग प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं

बिहार राज्य चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, दिव्यांग, गर्भवती महिला, असाध्य रोगों से ग्रसित व्यक्ति और प्रवासी बिहारी मतदाता मोबाइल के जरिए ई-वोटिंग प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए पहले ही रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।

Nalanda , 28 जून (हि.स.)। जिले में सोहसराय थाना क्षेत्र के अंतर्गत एनएच-20 पर सत्रह नंबर के समीप शनिवार की सुबह बेखौफ बदमाशों ने न्यू दुखी होटल पर सिगरेट न देने पर तीन राउंड हवाई फायरिंग कर दहशत फैला दी।

चार की संख्या में आए हथियारबंद बदमाशों की करतूत

चार की संख्या में आए हथियारबंद बदमाशों की करतूत वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। होटल संचालक आनंद कुमार ने बताया कि चार युवक होटल पर पहुंचे और सिगरेट की मांग करने लगे जब सिगरेट देने से मना किया गया तो पहले बहस शुरू हुई जिसके बाद बदमाशों ने कुछ ही देर में होटल पर चढ़कर तीन राउंड फायरिंग कर दी।

गोलीबारी की घटना में होटल का एक कर्मी बाल-बाल बच गया

होटल संचालक के बड़े भाई आशीष कुमार ने बताया कि गोलीबारी की पूरी घटना होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। हैरान करने वाली बात यह रही कि घटना स्थल से महज 100 मीटर की दूरी पर 112 की पुलिस टीम मौजूद थी लेकिन वे लोग गोली की आवाज सुनकर भी वहां नहीं पहुंचे। गोलीबारी की घटना में होटल का एक कर्मी बाल-बाल बच गया। थानाध्यक्ष राजमणि ने बताया कि घटना की जानकारी पर गश्ती टीम मौके पर पहुंची है मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

Patna, 28 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बापू सभागार में 21,391 नवनियुक्त सिपाहियों को नियुक्ति पत्र बांटा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, वर्ष 2005 को नयी सरकार बनी थी, तब से राज्य में कानून का राज है और राज्य सरकार लगातार विकास के काम में लगी हुई है। आज की बहाली के बाद बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़कर लगभग 36 हजार हो गयी है, जो देश के किसी भी राज्य से अधिक है।

लोग शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलते थे। विधि-व्यवस्था का बुरा हाल था: नीतीश कुमार 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बनने के पहले पिछली सरकार में क्या स्थिति थी सभी लोग जानते हैं। लोग शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलते थे। विधि-व्यवस्था का बुरा हाल था। 24 नवम्बर, 2005 को राज्य में नई सरकार बनने के समय बिहार पुलिस में कार्यरत बल की संख्या काफी कम थी। उस समय पुलिस में स्वीकृत बल की संख्या लगभग 51 हजार थी। इसके विरूद्ध मात्र 42 हजार 481 पुलिस कर्मी कार्यरत थे।


राज्य में पुलिस बल की संख्या बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार तय कर दिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका शुरू से कहना है कि राज्य में पुलिस बल की संख्या को और बढ़ाया जाये। इसके लिए वर्ष 2006 से ही पुलिस बल की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की गयी। वर्ष 2013 में पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया। वर्ष 2022 में राज्य में पुलिस बल की संख्या बढ़कर 1 लाख 10 हजार हो गयी। वर्ष 2023 में पुलिस सप्ताह कार्यक्रम में हमने राज्य में पुलिस बल की संख्या बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार तय कर दिया। इसके बाद इन सभी पदों को भरने के लिए बिहार में पुलिस बहाली का काम तेजी से हो रहा है। 55 हजार पदों को गृह विभाग द्वारा प्रोन्नति दे कर भरा जा रहा है, जबकि 64 हजार पदों पर सीधी बहाली का काम तेजी से हो रहा है।

हमारी इच्छा है कि इसके बाद बचे हुए 22 हजार 771 पदों पर भी बहाली का काम तेजी से हो: नीतीश कुमार 

मुख्यमंत्री ने कहा ” मुझे खुशी है कि 21 हजार 391 सिपाहियों की सीधी बहाली का काम पूरा हो गया है। अब इसके बाद 42 हजार 609 सिपाहियों की बहाली पर काम शुरू कर दिया गया है। इनमें से 19 हजार 838 पदों पर बहाली की लिखित परीक्षा अगले ही महीने जुलाई में हो रही है। हमारी इच्छा है कि इसके बाद बचे हुए 22 हजार 771 पदों पर भी बहाली का काम तेजी से हो।”

आगे मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पुलिस को किसी भी तरह के संसाधन की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सभी थानों में गाड़ियां उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि पुलिस वालों को कार्य करने में, गस्ती के दौरान कहीं आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं हो।” उन्होंने कहा कि जो कोई भी गड़बड़ करता है, तो उसे छोड़ें नहीं। क्राइम करने वालों से सख्ती से निपटें।

नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को पुलिस के कर्तव्य एवं अनुशासन तथा विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने मद्यनिषेध की शपथ दिलाई। कार्यक्रम के दौरान बिहार पुलिस की कार्य पद्धति एवं उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म प्रस्तुत की गई

Patna: उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने आम महोत्सव के अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों से आए हुए आम उत्पादकों द्वारा लगाए गए आम की विभिन्न प्रजातियों का बारीकी से अवलोकन किया और प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रजातियों के आमों के उत्पादन और विशिष्टता के बारे में उत्पादकों से जानकारी ली। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न तथा कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने आम का पौधा भेंटकर स्वागत किया।

राज्य के सभी जिलों से करीब 800 आम उत्पादकों के द्वारा 5 हजार प्रदर्शों के साथ प्रदर्शनी में भाग लिया गया है

ज्ञान भवन में 28-29 जून को आम महोत्सव-2025 का भव्य आयोजन हो रहा है। राज्य के सभी जिलों से करीब 800 आम उत्पादकों के द्वारा 5 हजार प्रदर्शों के साथ प्रदर्शनी में भाग लिया गया है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में ‘आम खाओ और इनाम पाओ’ सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। होनेवाली प्रतियोगिताओं में किसान और बच्चे भाग ले सकते हैं। विजेता प्रतिभागी को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

इस महोत्सव में बिहार में मौजूद आमों की विविधता को भी देखा जा सकता है

इस आम महोत्सव का मुख्य आकर्षण आम की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन है। इस महोत्सव में बिहार में मौजूद आमों की विविधता को भी देखा जा सकता है। यहां लगने वाली प्रदर्शनी में बिहार में पाये जाने वाले मालदह, जर्दालू, गुलाबखास, जर्दा बम्बई, लंगड़ा, दशहरी, कृष्णभोग, अल्फांसो, हुस्न-ए-आरा, बेनजीर, फजली, सीपिया आदि आमों को देखा जा सकता है।

इस वर्ष के आयोजन का थीम है ‘पुराने बागों का जीर्णोद्धार, भावी पीढ़ियों को उपहार’

कृषि विभाग आम उत्पादन और संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत कई वर्षों से आम महोत्सव का आयोजन करता आ रहा है। इस वर्ष के आयोजन का थीम है ‘पुराने बागों का जीर्णोद्धार, भावी पीढ़ियों को उपहार’। राज्य सरकार के इस अनूठे प्रयास से न केवल आम उत्पादकों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि राज्य के बागवानी क्षेत्र में नवाचार और प्रगति को भी बढ़ावा मिलेगा।

बिहार में आम का उत्पादन करीब 1.65 लाख हेक्टेयर में  किया जाता है

बिहार में आम का उत्पादन काफी बड़े पैमाने पर होता है। करीब 1.65 लाख हेक्टेयर में आम का उत्पदान किया जाता है। कृषि रोड मैप के लागू होने से वर्ष 2007-08 की तुलना में उत्पादन में करीब 82 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। सरकार के द्वारा राज्य में आम के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन हेतु आम विकास योजना संचालित है। वर्ष 2018 में भागलपुर के जर्दालू आम को जीआई टैग प्रदान किया गया है। आम महोत्सव का आयोजन आम उत्पादक व्यापारी, प्रसंस्करण करनेवाले वैज्ञानिक, निर्यातक सभी को एक मंच प्रदान करता है।

राज्य में स्थित कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैंगो, वैशाली के द्वारा आम विकास के हर पहलु पर कृषकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे

Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बापू सभागार, पटना में आयोजित एक समारोह में 21,391 नवनियुक्त सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर उन्होंने सभी नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि ये सभी युवा पूरी निष्ठा, ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें, जिससे बिहार में कानून-व्यवस्था और अधिक मजबूत हो सके।

कुल 2 लाख 29 हजार से भी अधिक पदों का सृजन किया गया है

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार पुलिस बल को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में अब तक कुल 2 लाख 29 हजार से भी अधिक पदों का सृजन किया गया है और तेजी से बहाली प्रक्रिया चलाई जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस साल के अंत तक स्वीकृत बल के अनुरूप सभी पदों को भर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “इससे राज्य के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे और बिहार पुलिस बल की ताकत भी बढ़ेगी।

Chhapra: सारण जिले में स्थित नैनी मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और जन-जन की आस्था का केंद्र बन गया है। विशेष अवसरों जैसे निर्जला एकादशी और जन्माष्टमी के दौरान यहाँ भारी भीड़ उमड़ती ही है, लेकिन अब यहां बारहमासी श्रद्धालुओं का जो सैलाब उमड़ रहा है, वह अपने आप में विशेष है।

मंदिर प्रशासन के अनुसार, सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगती है। लोग परिवार सहित आते हैं, पूजन-अर्चन करते हैं और प्रसाद चढ़ाकर सुख-शांति की कामना करते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग के लोगों में आस्था की वही तीव्रता देखने को मिल रही है।

स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं का संगम

नैनी मंदिर केवल छपरा या सारण जिले तक ही सीमित नहीं है। यहां राज्य के लगभग सभी जिलों से लोग दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर की महिमा और वातावरण ऐसा है कि यह केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक समागम का भी प्रमुख स्थल बन गया है।

मंदिर निर्माण में एक भी लोहे की वस्तु का नहीं हुआ इस्तेमाल

नैनी मंदिर श्रद्धा और आस्था का केंद्र तो बना ही है, साथ ही यह अपनी अनोखी निर्माण शैली के कारण भी विशेष चर्चा में रहता है। गौरतलब है कि इस मंदिर का निर्माण बिना ईंट, सरिया, सीमेंट और बालू के किया गया है, जो इसे आधुनिकता के इस दौर में भी विशिष्ट बनाता है। द्वारकाधीश मंदिर के पत्थरों को जोड़ने के लिए विशेष प्रकार के केमिकल का उपयोग किया गया है, और पत्थरों को जोड़कर स्थिर बनाए रखने के लिए इंटरलॉकिंग तकनीक (Interlocking Technique) का प्रयोग किया गया है। बता दें कि पूरे मंदिर में एक भी लोहे की वस्तु का उपयोग नहीं किया गया है। दरवाजों और चौखटों के निर्माण में लकड़ी के कील और गोंद का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, घुमावदार स्थानों पर दो पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे और पीतल की क्लिप्स का प्रयोग किया गया है।

गुजरात के विशिष्ट पत्थर से निर्मित है भव्य मंदिर

इस भव्य मंदिर के  शिलान्यास से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक कुल 14 वर्षों का समय लगा। मंदिर का शिलान्यास 11 मई 2005 को किया गया था, और इसका विधिवत उद्घाटन वर्ष 2019 में संपन्न हुआ। इस मंदिर को विशेष रूप से गुजरात में पाए जाने वाले एक विशिष्ट पत्थर  से निर्मित किया गया है, जो अपनी मजबूती और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी गुजरात के संवेदक मफत भाई पटेल (एम. बी. पटेल) के नेतृत्व में कार्यरत कुशल कारीगरों द्वारा निभाई गई, जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट शिल्पकला से इस मंदिर को एक कलात्मक स्वरूप प्रदान किया।

कैसे पहुचें नैनी मंदिर

नैनी मंदिर छपरा-जलालपुर मुख्य मार्ग पर छपरा शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। जहां पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से व्यवसायिक वाहन हर समय उपलब्ध रहते हैं।