Chhapra। डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के द्वारा वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम को लेकर एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला प्रशासन, नगर निकायों, स्वास्थ्य महकमे और अन्य संबद्ध विभागों के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर, उप विकास आयुक्त यतेंद्र पाल, नगर आयुक्त सुनिल कुमार पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह शामिल थे। इस दौरान लार्वीसाइडल दवा का छिड़काव, जल जमाव को समाप्त करने, अस्पतालों में डेंगू-चिकनगुनिया के इलाज की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दियाग या। शहरी क्षेत्र में नगर निगम और नगर परिषद्, नगर पंचायत के द्वारा फॉगिंग कराया जायेगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा छिड़काव होगा।

सदर अस्पताल में 10, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 तथा सभी पीएचसी में 2 बेड का डेंगू वार्ड बनेगा:

इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2 बेड सुरक्षित रखें। सभी बेड को मच्छरदानी युक्त रखने का निर्देश दिया है। संबंधित मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में हमेशा उपलब्ध रखें। डेंगू के मरीज की पुष्टि होने पर मरीज के निवास स्थान के 500 मीटर के रेडियस में फागिंग कराने का निर्देश दिया गया है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा एक्टिव सर्विलांस कराने का निर्देश भी दिया गया है ताकि नए मरीजों की खोज की जा सके। जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि मेडिकल कॉलेज से समन्वय स्थापित कर प्लेटलेट्स की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी निर्देश पर डीसीसी और और नगर आयुक्त के द्वारा सदर अस्पताल का भ्रमण किया गया और जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक उपाय बताये गये।  

 

एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू के रोकथाम के लिए सभी आवश्यक तैयारी की गयी है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू के जांच के लिए कीट की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। फॉगिंग के लिए नये मशीन की खरीदारी हुई है। बैठक आयोजित कर निर्देश दिया जा चुका है। जल्द हीं जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की जायेगी। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक-मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।

इन बातों का रखे ध्यान

• घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
• कूलर, टायर, गमलों आदि की सप्ताह में कम से कम एक बार सफाई करें।
• मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
• लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।

Sports,  (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट टीम ने टेस्ट इतिहास में एक अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। भारत ऐसी पहली टीम बन गई है जो पांच बल्लेबाजों के शतक के बावजूद कोई टेस्ट मैच हार गई हो। इससे पहले कभी भी किसी टीम को चार या उससे अधिक शतक लगने के बाद हार का सामना नहीं करना पड़ा था। यह रिकॉर्ड आखिरी बार 1928 में तब दर्ज हुआ था, जब ऑस्ट्रेलिया ने एमसीजी पर इंग्लैंड से हार झेली थी।

यह ऐतिहासिक हार हेडिंग्ले टेस्ट में दर्ज हुई

यह ऐतिहासिक हार हेडिंग्ले टेस्ट में दर्ज हुई, जहां इंग्लैंड ने 371 रनों के लक्ष्य का पीछा कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। इस यादगार जीत के नायक रहे बेन डकेट, जिन्होंने मात्र 149 रन की विस्फोटक पारी खेलकर चेज़ की नींव रखी। डकेट ने जैक क्रॉली के साथ पहले विकेट के लिए 188 रनों की साझेदारी की। क्रॉली ने संयमित 65 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों को भारतीय फील्डिंग में मिले जीवनदान का भरपूर फायदा मिला — क्रॉली 42 पर और डकेट 97 पर जीवनदान पाकर आगे बढ़े।

आखिरी दिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाते हुए भारत से जीत छीन ली

भारत की ओर से पांच बल्लेबाजों ने शतक जमाए, लेकिन गेंदबाज़ी और फील्डिंग में चूकों ने टीम को भारी नुकसान पहुंचाया। आखिरी दिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाते हुए भारत से जीत छीन ली। अब भारत को एजबेस्टन टेस्ट से पहले जल्दी संभलने की जरूरत है। टीम चयन में बदलाव की संभावना है, खासकर जब कुलदीप यादव जैसे कलाई के स्पिनर बेंच पर तैयार हैं।

यह हार सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत के लिए चेतावनी है कि केवल रन बनाना काफी नहीं — मौके भुनाना और गेंदबाज़ी में धार लाना भी उतना ही जरूरी है।

Patna, 25 जून (हि.स.)। स्थानांतरण से संबंधित अपनी शिकायतों को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों से शिक्षकों की सचिवालय परिक्रमा लगातार जारी है। जिससे शिक्षा विभाग के कामकाज प्रभावित होने लगे हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बुधवार को राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर उन्हे निर्देश दिया है कि जब जिलों में ही स्थानांतरित शिक्षकों की स्थापना संबंधित समस्याओं के समाधान की व्यवस्था है, तब शिक्षकों का सीधे राज्य मुख्यालय की परिक्रमा करना उचित नहीं है। इससे विभाग में कामकाज के संचालन में समस्याएं उत्पन्न हो रही है।

डॉ. सिद्धार्थ ने जिलाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि शिक्षा विभाग का स्थापना बल दस लाख है

डॉ. सिद्धार्थ ने जिलाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि शिक्षा विभाग का स्थापना बल दस लाख है। अगर इस बल का आंशिक प्रतिशत भी अपनी समस्याओं को लेकर राज्य मुख्यालय आता है तो यह संख्या बहुत बड़ी हो जाती है। इससे शिक्षकों को तो समस्या हो ही रही है, साथ ही विभागीय कार्यों के संचालन में भी समस्याएं आ रही हैं। अपनी स्थानांतरण संबंधी समस्याओं को लेकर शिक्षकगण राज्य मुख्यालय में कार्यरत पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करते हैं। जिससे विभागीय कामकाज में दिक्कतें पैदा होती हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जिलों के अंदर स्थापना संबंधी समस्याओं को जिलास्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्थापना समिति द्वारा केस टू केस विचार कर यथोचित कार्रवाई की जाती है। अत्यंत ही विशेष स्थिति में अंतर जिला मामले ही राज्य स्तर पर विचाराधीन होते हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की जो भी शिकायतें हैं, उन्हे ऑनलाइन माध्यम से ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ही दर्ज किया जाए। इन सभी शिकायतों का नियमित अनुश्रवन राज्य स्तर पर जिलावार नामित नोडल पदाधिकारी द्वारा किया जा रहा है।

शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई है स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट

डॉ. सिद्धार्थ ने जिलाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इसके लिए शिक्षा विभाग में पूर्व से ही एक सुगम व्यवस्था कायम है। शिक्षकों की समस्याओं के निष्पादन के लिए स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट स्थापित किया गया है। इसके अंतर्गत ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों को अपनी शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया गया है। जो भी शिक्षक राज्य सरकार के अधीन कार्यरत हैं, वे अपनी लॉगइन के माध्यम से अपनी शिकायत इस पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं।

Saran: जिलाधिकारी सारण अमन समीर द्वारा आज समाज कल्याण विभाग, बिहार द्वारा सारण जिले में संचालित बाल पर्यवेक्षण गृह का निरीक्षण किया गयानिरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा उक्त भवन के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया गया तथा संतोष व्यक्त व्यक्त करते हुए कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, छपरा 1 को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उक्त भवन के जीर्णोद्धार कार्य में तेजी लाते हुए गुणवत्तापूर्ण सामग्रियों का उपयोग कर एक सप्ताह के अंदर सभी मरम्मति कार्य पूर्ण करने का निदेश दिया गया। साथ ही सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई को विद्युत कार्य प्रमंडल से समन्वय स्थापित कर पूरे भवन परिसर में विद्युत वायरिंग के मरम्मति हेतु प्राक्कलन तैयार कराने का निदेश दिया गया ताकि मरम्मति का कार्य कराया जा सके। निरीक्षण के क्रम में बाल संरक्षण पदाधिकारी, सहायक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन छपरा आदि उपस्थित रहे।

नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण आया है जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस मिशन में अमेरिका, हंगरी, पोलैंड और भारत के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक बनकर उभरे हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर किया पोस्ट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पोस्ट में कहा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, पूरा देश एक भारतीय की सितारों की यात्रा पर उत्साहित और गौरवान्वित है। उन्होंने और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने साबित किया है कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है- ‘वसुधैव कुटुम्बकम’। इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाता है। चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाओं को जन्म देंगे।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस मिशन को लेकर अपनी खुशी व्यक्त की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस मिशन को लेकर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, “हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वह अपने साथ 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं, आशाओं और आकांक्षाओं को लेकर चल रहे हैं। मैं उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को इस मिशन के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।”

Shillong, 25 जून (हि.स.)। मेघालय पुलिस ने राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर निवासी लोकेंद्र सिंह तोमर को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया है। तोमर वही व्यक्ति हैं जिनके इंदौर स्थित फ्लैट में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी ने हत्या के बाद शरण ली थी।

तोमर को जिला न्यायालय में पेश किया गया

सोमवार को ग्वालियर के गांधी नगर इलाके से गिरफ्तार किए गए तोमर को मोहनापुर थाने में रातभर रखा गया। इसके बाद मंगलवार सुबह उन्हें मेघालय पुलिस को सौंप दिया गया। मोहनापुर थाना प्रभारी राशिद खान ने बताया कि तोमर को जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आज उन्हें 72 घंटे की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया।

सिएम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि तोमर की इस मामले में तलाश थी

पुलिस के अनुसार, तोमर पर हत्या से जुड़े अहम सबूतों को छिपाने और नष्ट करने में मदद करने का आरोप है। ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक वी. सिएम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि तोमर की इस मामले में तलाश थी।

“मैं इन आरोपों से वाकिफ हूं, लेकिन मैंने सिर्फ अपना फ्लैट किराए पर दिया था” – तोमर

हालांकि, तोमर ने सभी आरोपों से इनकार किया है। पुलिस के साथ जाते समय उन्होंने मीडिया से कहा, “मैं इन आरोपों से वाकिफ हूं, लेकिन मैंने सिर्फ अपना फ्लैट किराए पर दिया था। मेरा इस मामले से कोई संबंध नहीं है। जिस बैग की बात हो रही है, वह मेरे पास नहीं था। मुझसे सिर्फ जेम्स बात करता था।”

जांच एजेंसियों का मानना है कि सोनम ने हत्या के बाद एक संदिग्ध बॉक्स तोमर के फ्लैट में छिपाया था

जांच एजेंसियों का मानना है कि सोनम ने हत्या के बाद एक संदिग्ध बॉक्स तोमर के फ्लैट में छिपाया था। इससे पहले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने देवास से प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स और अशोक नगर से सुरक्षा गार्ड बल्ला अहिरवार को गिरफ्तार किया था। दोनों पर सोनम की फरारी में मदद करने का संदेह है।

उल्लेखनीय है कि राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी। दोनों 20 मई को हनीमून मनाने मेघालय पहुंचे थे और 23 मई को सोहरा में लापता हो गए। राजा का सड़ा-गला शव 2 जून को एक जलप्रपात के पास खाई में मिला था। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी। हत्या के बाद वह असम, पश्चिम बंगाल, बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंची और अंततः 8 जून को गाज़ीपुर में आत्मसमर्पण किया। अब तक इस केस में सोनम, राज कुशवाहा, तीन शूटर सहित कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तोमर की गिरफ्तारी के साथ पुलिस अब साजिश की पूरी परतें खोलने की कोशिश कर रही है।

Golaghat (Assam), 25 जून (हि.स.)। असम के गोलाघाट जिले में स्थित बोकाखात क्षेत्र के सापजुरी पानबारी निगम में मंगलवार रात एक ग्रेनेड विस्फोट की घटना हुई। अज्ञात हमलावर बाइक से आए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप (अब इसमें असम पुलिस की 11वीं एपीबीएन यूनिट तैनात है)पर ग्रेनेड फेंक कर फरार हो गए।

संदिग्ध विस्फोट में  तीन जवान सिद्धार्थ बरबोरा, सुशील भूमिज और मिंटू हजारिका घायल हो गए हैं

संदिग्ध विस्फोट में असम पुलिस की 11वीं सशस्त्र पुलिस बटालियन (एपीबीएन) के तीन जवान सिद्धार्थ बरबोरा, सुशील भूमिज और मिंटू हजारिका घायल हो गए हैं। उन्हें बोकाखात के शहीद कमला मिरी महकमा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना के बाद पुलिस ने रात में ही अभियान चलाया

दरअसल, यह कैंप अब सीआरपीएफ का नहीं रहा है, यहां वर्तमान में असम पुलिस की 11वीं एपीबीएन यूनिट तैनात है। घटना के बाद पुलिस ने रात में ही अभियान चलाया और संदेह के आधार पर दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।

यह घटना किसी उग्रवादी संगठन की साजिश नहीं मानी जा रही है

पुलिस के अनुसार, यह घटना किसी उग्रवादी संगठन की साजिश नहीं मानी जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई गई है कि किसी अवैध शिकारी या नशीले पदार्थों के तस्कर ने यह हमला किया होगा। फॉरेंसिक विभाग टीम बुधवार दोपहर को घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंची हैं।

पटना 25 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में भवन निर्माण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित 101 सहायक वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।

 

बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित 101 सहायक वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तुविदों का कार्य इमारतों की डिजाईन बनाने के साथ-साथ पूरी निर्माण प्रक्रिया का रचनात्मक एवं तकनीकी मार्गदर्शन करना होता है ताकि निर्मित भवन सुंदर तथा उपयोगी हो। साथ ही वहां धूप, हवा एवं रोशनी का संतुलन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि आज के इस कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित 101 सहायक वास्तुविदों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है, मैं आप सभी को बधाई एवं शुभकामनायें देता हूँ और आपसे उम्मीद करता हूं कि आप अच्छे ढंग से अपने कार्य का निर्वहन करेंगे।

योग्यता के अनुसार उनको कार्य आवंटित करने का प्रस्ताव है

आज 101 चयनित वास्तुविदों में प्लानिंग में पीजी की योग्यता रखने वाले 31, आपदा जोखिम में विशेषज्ञता रखने वाले 02, अर्बन डिजाईनिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले 02 एवं लैंडस्केपिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। ऐसे वास्तुविद जो विशेष योग्यता रखते हैं, उनकी योग्यता के अनुसार उनको कार्य आवंटित करने का प्रस्ताव है।

East Champaran, 25 जून(हि.स.)। जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र स्थित पुलवाघाट धनौती नदी के किनारे 20 जून को मिले सड़े गले शव की पहचान पुलिस ने कर ली है। उक्त शव की पहचान तुरकौलिया नयका टोला गांव के मनोज सिंह की पुत्री चांदनी कुमारी (16वर्ष) के रूप में हुई है।

पुलिस ने मामले में हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

इसकी जानकारी देते एएसपी सदर-1 शिवम धाकड़ ने बताया कि चांदनी की हत्या उसके पिता मनोज ने ही किया था। हत्या के बाद साक्ष्य को छुपाने के लिए उसने गड्डा खोदकर शव को गाड़ दिया था। पुत्री के प्रेम-प्रसंग के कारण पिता ने उक्त कदम उठाया। पुलिस ने मामले में हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

एफएसएल टीम की उपस्थिति में सड़े गले शव के अवशेष को गड्ढे से बरामद किया

मनोज हरसिद्धि थाना क्षेत्र के धवही गांव का रहने वाला है।वर्तमान में वह तुरकौलिया के नयका टोला में घर बनाकर रह रहा था।एएसपी ने बताया कि 20 जून को एक अज्ञात शव पुलवाघाट के पास मक्के के खेत से मिला। तुरकौलिया थाना ने मजिस्ट्रेट और एफएसएल टीम की उपस्थिति में सड़े गले शव के अवशेष को गड्ढे से बरामद किया।अनुसंधान के क्रम में बेतिया से डॉग स्क्वायड की टीम भी मंगाई गई थी।इस दौरान सड़े गले शव के पास से एक पीले रंग का फ्रॉक भी मिला था। जिसपर कढ़ाई की गई थी और उस टेलर का टैग भी लगी थी।

वैज्ञानिक साक्ष्य एवं सूचना के आधार पर शव के संबंध में जानकारी प्राप्त हुआ

अज्ञात शव के सड़े गले होने के कारण एफएमटी विभाग एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में डीएनए का प्रोफाइलिंग की गई है। फ्रॉक में लगे टैग से टेलर की पहचान कर टेलरिंग मास्टर से भी पूछताछ की गई,साथ ही वैज्ञानिक साक्ष्य एवं सूचना के आधार पर शव के संबंध में जानकारी प्राप्त हुआ।जिसके बाद पुलिस ने इस ब्लाइंड केस को सुलझा लिया है। पुत्री की हत्या करने वाले आरोपी पिता मनोज सिंह ने अपना गुनाह कबूल करते बताया कि बेटी के प्रेम प्रसंग से तंग आ गया था,लोक लाज के डर से उसने बेटी की हत्या कर शव को गढ्ढा खोद कर छुपा दिया था।

New Delhi, 25 जून (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर एक्स हैंडल पर अपने उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून, 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया।

न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया- गृहमंत्री

उन्होंने लिखा, ” यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है। आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्रविरोधी मानसिकता का परिचायक था। प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई। न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया।”

संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों गृहमंत्री शाह ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी 

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने लिखा, ” देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि। ” उल्लेखनीय है कि केंद्रीयमंत्री शाह ने कल ‘आपातकाल के 50 साल’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ” नई दिल्ली में आपातकाल की पूर्व संध्या पर आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम में आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले वीरों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।”

गृहमंत्री शाह ने आगे कहा कि 

जब किसी व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ तानाशाही स्वभाव बाहर आ जाता है, तभी आपातकाल लगता है, यह इतिहास हमारी युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। आपातकाल, कांग्रेस द्वारा मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी को एक पार्टी की तानाशाही में बदलने के षड्यंत्र की शुरुआत थी। आपातकाल का मूल कारण सत्ता की भूख थी। न देश पर कोई बाहरी खतरा था, न ही कोई आंतरिक संकट था, खतरा बस इंदिरा गांधी की कुर्सी पर था।

New Delhi, 25 जून (हि.स.)। देश में साल 1975 में थोपे गए आपातकाल की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘संविधान हत्या दिवस’ पर इस काले कालखंड की लड़ाई में शामिल हर योद्धा को सलाम किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा ” हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने तथा विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं तथा गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करें।”

 

प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ के संबंध में एक्स पर कई पोस्ट किए हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, ” हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं! ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।”

भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं

उन्होंने लिखा, ” आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था!”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब के क्रूर कालखंड याद करते हुए लिखा

” जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।”

उल्लेखनीय है कि ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन की इस किताब का नाम ‘द इमरजेंसी डायरीज – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ है। फाउंडेशन के अनुसार, इस किताब का विमोचन आज केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह करेंगे।

Patna: जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ में अब 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से भोजन की व्यवस्था होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से  दी जानकारी  

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि आप सभी अवगत हैं कि जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ का संचालन बहुत ही अच्छे ढंग से हो रहा है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों तथा विभिन्न सरकारी संस्थानों में जीविका द्वारा संपोषित ’दीदी की रसोई’ द्वारा संचालित कैंटीन के माध्यम से 40 रूपए प्रति थाली भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था। अब हमलोगों ने 40 रूपए के स्थान पर 20 रूपये प्रति थाली की दर से गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी गई है।

सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी

‘दीदी की रसोई’ का प्रति थाली न्यूनतम खर्च लगभग 40 रूपए है इसलिए 20 रूपए प्रति थाली की क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा जीविका को उपलब्ध कराई जाएगी। सस्ता एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध होने से बाह्य मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी। राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमलोगों ने इस व्यवस्था को राज्य के सभी समाहरणालयों, अनुमण्डल कार्यालयों, प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालयों में भी लागू करने का निर्णय लिया है और इसके लिए अधिकारियों को निदेशित कर दिया गया है ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले आमजनों को सस्ते दर पर शुद्ध भोजन मिल सके।