डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को संयुक्त रूप से फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार

डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को संयुक्त रूप से फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार

नई दिल्ली: वैज्ञानिक डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को तापमान और स्पर्श से जुड़े रिसेप्टर्स की उनकी खोजों के लिए संयुक्त रूप से 2021 के फिजियोलॉजी या मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार करोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली ने आज नोबेल पुरस्कार के लिए दोनों का चयन किया। विजेता वैज्ञानिकों ने खोजा कि कैसे हमारा शरीर तापमान और दबाव को महसूस करता है। पुरस्कार विजेताओं ने हमारी इंद्रियों और पर्यावरण के बीच जटिल परस्पर क्रिया की हमारी समझ में महत्वपूर्ण लापता लिंक की पहचान की है।

डेविड जूलियस का जन्म 4 नवंबर, 1955 में न्यूयार्क में हुआ था। वह वर्तमान में सैन फ्रांसिस्को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। अर्देम पटापाउटियन लेबनान के बेरूत में 1967 में जन्में हैं। वह हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट कैलिफोर्निया से जुड़े हैं।

हमारे अस्तित्व के लिए गर्मी, सर्दी और स्पर्श को महसूस करना बेहद जरूरी है। अपने दैनिक जीवन में हम इन संवेदनाओं पर विशेष ध्यान नहीं देते लेकिन तंत्रिका आवेगों को कैसे शुरू किया जाता है ताकि तापमान और दबाव को महसूस किया जा सके? यह वैज्ञानिकों के लिए एक सवाल रहा है। इसी का समाधान इस साल के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने किया है।

डेविड जूलियस ने मिर्च में मौजूद जलन पैदा करने वाले तीखे योगिक कैप्साइसिन का उपयोग किया और इससे त्वचा की तंत्रिका के अंत में मौजूद एक सेंसर की पहचान की, जो गर्मी का एहसास कराती है। अर्देम पटापाउटियन ने दबाव-संवेदनशील कोशिकाओं का उपयोग कर त्वचा और आंतरिक अंगों में यांत्रिक उत्तेजनाओं को महसूस करने वाले सेंसर के एक वर्ग की खोज की। इन सफल खोजों ने गहन शोध गतिविधियों को शुरू किया, जिससे हमारी समझ में तेजी से वृद्धि हुई कि हमारा तंत्रिका तंत्र गर्मी, ठंड और यांत्रिक उत्तेजनाओं को कैसे महसूस करता है।

1901 से लेकर अबतक 112 बार फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 224 वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार दिया गया है। पिछले वर्ष हार्वे जे. ऑल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम. राइस को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए नोबेल दिया गया था।

हर वर्ष छह क्षेत्रों में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। यह फिजियोलॉजी या मेडिसिन, रसायन, भौतिक शास्त्र, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिए जाते हैं। 1901 में पहली बार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में इन पुरस्कारों को देने की परंपरा शुरू की गई थी। सभी विधाओं में पुरस्कार विजेताओं को दिसंबर में अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की वर्षगांठ पर सम्मानित किया जाएगा।

इन सभी को स्वीडन के महाराज सम्मानित करेंगे। पुरस्कार के तौर पर नोबेल डिप्लोमा, एक पदक, और स्वीडिश मुद्रा में राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है।

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