Chhapra: पोलियो उन्मूलन में भारत मे रोटरी ने बेहतरीन कार्य किये है. रोटरी सदैव से समाज सेवा में अग्रणी रहा है. रोटरी क्लब सबसे विश्वसनीय सामाजिक संस्था है. उक्त बातें रोटरी क्लब के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विवेक कुमार ने कही.

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उन्होंने कहा कि क्लब के कार्यों को रोटरी छपरा बेहतरीन ढंग से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा रहा है. उन्होंने क्लब के कार्यों की सराहना की. रक्तदान शिविर में रोटरी क्लब के सदस्यों के साथ साथ रोटरी के बाहर के लोगों से भी जुड़ने की अपील की. कार्यक्रम में रोटरी के सचिव डॉ कन्हैया जी वर्मा ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

कार्यक्रम में अध्यक्ष आशा शरण, डॉ सरोज वर्मा, डॉ एच के वर्मा, डॉ मृदुल शरण, पंकज कुमार, सुरेश प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे.

Chhapra: कार्यपालक सहायकों का आन्दोलन सातवें दिन भी जारी रहा. शहर के नगरपालिका चौक पर रविवार से आमरण अनशन पर चले गये.

अपनी पांच सूत्री मांगों के समर्थन में कार्यपालक सहायक लगातार आन्दोलन कर रहे है. आमरण अनशन के पहले दिन रविवार को भी कई संगठनों और संघों ने उनके आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन दिया और उनके साथ नजर आये. आमरण अनशन करने वाले कार्यपालक सहायकों में जिलाध्यक्ष निलेश कुमार, अमर कुमार, विश्वजीत कुमार, उपेंद्र राम, नवीन गिरि शामिल है.

धरना को पंचायत सचिव सेवक संघ के प्रदेश महासचिव सुरेश सिंह, पर्यवेक्षिका हीना परवीन, जिला पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष प्रभुनाथ यादव, जिला सचिव बीरबल अंसारी, संघ्र के मीडिया प्रभारी हिमांशु राज उर्फ गेशू आदि ने संबोधित किया.

Chhapra: रौजा स्थित जगलाल राय महाविद्यालय में स्वर्गीय जगलाल राय की 36वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सभा का आयोजन किया गया. सभा की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य अमरजीत राय ने की.

इस अवसर पर पूर्व मंत्री उदित राय, पूर्व विधान पार्षद लाल दास राय, वरीय राजद नेता रामबाबू राय, पूर्व मुखिया अजय राय ने सभा को संबोधित किया.

कार्यक्रम में पृथ्वी चंद विद्यालय के नवनिर्वाचित छात्र अध्यक्ष आशीष कुमार, चनमन राय, रघुवंश राय, शत्रुघ्न सिंह प्रभु जी आदि मौजूद थे.

सभा का संचालन हरेंद्र सिंह ने किया

Chhapra: माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पंचम नियोजन के तहत नियोजित शिक्षक अपने वेतन भुगतान को लेकर आखिरकार धरने पर बैठ गए.

जिला परिषद कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे शिक्षकों द्वारा बार-बार अपने वेतन भुगतान की मांग की जा रही है. विगत 11 महीनों से लगातार काम करने के बाद वेतन के भुगतान नहीं होने से इन शिक्षकों की स्थिति भुखमरी के कगार पर पहुंच चुकी है.

शिक्षकों द्वारा वेतन भुगतान की मांग को लेकर कई बार शिक्षा विभाग, जिला परिषद, जिलाधिकारी तक पत्राचार किया गया. बावजूद इसके आश्वासन के बाद आश्वासन मिला लेकिन वेतन का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है.

विदित हो कि पंचम शिक्षक नियोजन के तहत इन शिक्षकों का नियोजन माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में वर्ष 2017 में हुआ था. विभागीय कारणों को लेकर नियुक्ति के बाद से ही उनके वेतन का भुगतान लंबित है. इस मामले में हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी जहां से न्यायालय द्वारा याचिका को रद्द कर दिया गया.

जिसके बाद भी वेतन का भुगतान शिक्षकों का नहीं हो पाया है. विगत दिनों जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन के बाद जल्द से जल्द वेतन भुगतान का आश्वासन मिला था. लेकिन इसके बावजूद भी भुगतान नहीं हो पाया करीब 3 दर्जन से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा जिला परिसर स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय के समक्ष धरना देते हुए वेतन भुगतान की मांग की जा रही है.

धरना देने वालों में पूजा कुमारी, सुप्रिया कुमारी, कमला कुमारी, निवेदिता कुमारी, राजीव रंजन, राजेश कुमार, नूतन कुमारी सहित कई शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल है.

Chhapra: बनियापुर प्रखण्ड के कल्याणपुर नजीबा ग्राम को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से ग्राम निवासी समाजसेवी एवं शिक्षावीद् सी.पी.एस. ग्रुप के निदेशक डा. हरेन्द्र सिंह के पूज्य पिताजी स्व. भरत सिंह के पुण्य तिथि पर मूर्ति अनावरण सह स्कूल भवन का शिलान्यास बिहार के श्रम एवं संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा एवं महाराजगंज सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने संयुक्त रूप से किया.

इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग धंधे के अपार अवसर उपलब्ध है. राज्य के बारे में देश के लोगों की सोंच बदल रही है. जहाँ हर व्यक्ति पैसे के पीछे तेजगति से भाग रहा है वैसी स्थिति में सी.पी.एस. ग्रुप ऑफ इन्स्टीच्यूसन्स के निदेशक डाo हरेन्द्र सिंह द्वारा समाज सेवा एवं ग्रामोत्थान हेतु उठाया गया कदम सराहनीय है. हमें हर सम्भव इन्हें मदद करना चाहिए. यदि ऐसी सोच पाँच प्रतिशत व्यक्ति में हो जाय तो बिहार देश के अग्रणी राज्यों में अपनी भूमिका अदा करेगा.

वही पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह ने डाo हरेन्द्र सिंह द्वारा उठाये गये कदम की सराहना करते हुए कहा कि आज के जमाने में बहुत लोगों के पास पैसा है परन्तु समाज के बारे में सोचने का समय नही. प्राचार्य प्रमेन्द्र रंजन ने कहा कि समाज सेवा से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य नही.

सी.पी.एस ग्रुप के निदेशक डाo हरेंद्र सिंह ने आगत अतिथियों का अभिवादन करते हुए कहा कि मेरे स्वo पिता मेरे आदर्श तथा प्रेरणा के स्त्रोत है. उनका सपना था कि मेरा भी गाँव स्मार्ट होता अतः उनके सपने को साकार करने के लिए कृत-संकल्पित हूँ.

इस अवसर पर प्रखण्ड के सभी पंचायत के मुखिया, ग्रामीण शिक्षाविद् के साथ ही पश्चिम बंगाल के विधायक अर्जून सिंह, एम.एल.सी ई0 सचिदानन्द राय, विधान परिषद के पूर्व उप सभापति परवेज आलम, जदयु जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू, छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया देवी, जिला परिषद की अध्यक्ष मीणा अरूण, पूर्व विधायक रणधीर सिंह, तारकेश्वर सिंह बच्चा राय सहित सामाजिक कार्यकर्त्ता उपस्थित थे. मंच का संचालन अजीत कुमार सिंह एवम उमाशंकर साहू ने किया.

Chhapra: समाज सेवा में अग्रणी संस्था रोटरी सारण के सदस्य हमेशा से लोगों की मदद के लिए आगे आते रहे है. मंगलवार को रोटरी सारण के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार ने जरूरतमंद को रक्तदान कर उनकी जान बचायी.

उन्होंने एक यूनिट रक्त अवकाश प्राप्त डीएसपी गिरिजा नन्दन प्रसाद सिंह जो शहर के दहियांवाके निवासी है और पोस्टेट कैन्सर से ग्रसित है को देकर उनकी जान बचायी.

इस दौरान रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल, अगामी अध्यक्ष राजेश जायसवाल तथा पूर्व अध्यक्ष राजेश गोल्ड उपस्थित थे.

Chhapra: जैव चिकित्सा अवशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के तहत जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा कि चिकित्सा से संबंधित कचरे का सही ढ़ग से प्रबंधन नही करने वाले चिकित्सा संस्थानों को दण्डित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जैव चिकित्सा अवशिष्ट नियमावली 2016 के तहत चिकित्सा से संबंधित कचरे का प्रबंधन करना है. इसके लिए सरकार द्वारा मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 को चिकित्सा संबंधी कचरे का प्रबंधन करने की जम्मेवारी दी गयी है. ये संस्था सभी चिकित्सा संबंधी संस्थानो से कचरे का कलेक्शन कर उसका प्रबंधन करेगी.

जिन संस्थानों से मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 कचरे का कलेक्शन करेगी उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित दर पर कलेक्शन हेतु भुगतान करना आवश्यक होगा. उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक 150 चिकित्सकीय संस्थानों को चिन्हित किया जा चुका है परन्तु मात्र 49 संस्थानों से ही कचरे का उठाव हो पा रहा है बाकी बचे संस्थानों की जिम्मेवारी है कि वे मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 के कलेक्शन सेंटर को अपना कचरा दे अन्यथा उन्हें दण्डित किया जाएगा.

बैठक में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आईएमए के स्थानीय प्रतिनिधी, डॉ बी.के. श्रीवास्तव, मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 के प्रतिनिधी, मानस, छपरा के देवेश दिक्षीत एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के के सदस्य उपस्थित थे.

Chhapra: अगर आप इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने की सोंच रहे हैं तो आपको कोटा या दिल्ली जाने की जरुरत नहीं. तैयारी के लिए छपरा में भी ऐसे संस्थान हैं जहां से छात्रों ने प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और सफल भी हुए है. छपरा में जेईई की तैयारी के लिए शारदा क्लासेज ज्वाइन करना आपके लिए बेहतर हो सकता है.

छपरा में रहकर जेईई की परीक्षा क्वालीफाई करना पहले आसान नहीं था, लेकिन शहर में ऐसे कोचिंग संस्थान खुलने के बाद छात्रों के लिए बड़ा अवसर मिला है. साल 2016 में इस कोचिंग संस्थान से पांच छात्रों ने ज़ेईई मेंस की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी. वहीं 2017 में इस संस्थान से पढाई कर मेंस क्वालीफाई करने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी होकर 10 हो गयी.

इस कोचिंग संस्था की सबसे बड़ी खासियत यहाँ के दो दो क्वालिफाइड टीचर्स हैं. सिद्धार्थ जिन्होंने 2006 में IIT कानपुर से भौतिकी मेऺ डुअल डिग्री कोर्स की है,छपरा के छात्रों में एक नई ऊर्जा भरने का काम किया है. साथ ही साथ वसुमित्र सिंह ने 2008 में आईआईटी क्लियर कर IISER पुणे से गणित में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.

वसुमित्र बताते हैं कि छात्रों को सबसे ज्यादा पढाई के प्रति समर्पित होना जरुरी होता है. जरुरी नहीं की आप शहर या राज्य से बाहर जाकर ही तैयारी करेंगे. ये दोनों शिक्षक यहाँ के छात्रों में तैयारी के लिए एक माहौल बनाकर रखते हैं. छात्रों को बेहतरीन स्टडी मैटेरियल्स भी देते हैं साथ ही साथ पैरेंट सुपरविज़न का भी खास ध्यान रखते हैं.

एक तरह से देखा जाये तो छपरा में अब इन्जिनीरिंग की तैयारी करने को बाहर जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं. क्वालिफाइड टीचर्स के साथ तैयारी के लिए वो माहौल बनना यहाँ के छात्रों में एक बड़ा अवसर प्रदान करता है. पिछले परीक्षाओं के रिजल्ट्स ने ये साबित कर दिया है की छपरा में रखकर आप IIT JEE जैसी परीक्षाओं को क्रैक कर सकते हैं. शारदा क्लासेज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

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Chhapra: तमाम कठिनाइयों और चुनौतियों को झेलकर महिलाएं आज समाज में मिशाल पेश कर रही है. महिलाएं अपनी कार्यों के बदौलत खुद को साबित कर रही है. जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिल रहा है और पुरुष प्रधान समाज को एक सीख.

महिला दिवस पर हम आज आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है जो ना सिर्फ अपने बच्चे बल्कि उसके जैसे तमाम बच्चों के लिए आशा की किरण साबित हो रही है. हम बात कर रहे है शहर के रतनपुरा मुहल्ले में रहने वाली मुन्नी भारती की.

मुन्नी मूक बधिर बच्चों के लिए विद्यालय चलाती है. यह विद्यालय मूक बधिरों को बिल्कुल निःशुल्क शिक्षा देता है. जिससे इन बच्चों के जीवन को एक नई रौशनी मिल रही है.

विद्यालय में पढ़ते मूक बधिर बच्चे

मुन्नी भारती बताती है कि वर्ष 1982 में उनका दूसरा पुत्र मूक बधिर पैदा हुआ. समय के साथ सभी को इस बात की जानकारी हुई. इलाज के लिए कई जगह दिखने के बाद भी कोई फायदा नही हुआ. उन्होंने उसे पटना में मूक बधिर विद्यालय में दाखिला दिलाकर पढ़ाया. अपने पुत्र से इशारों में बातचीत करते करते उन्होंने भी मूक बधिरों बच्चे से बातचीत करना सीख लिया.

उन्होंने बताया कि 2004 में स्कूल की स्थापना कर आसपास के मूक बधिर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना शुरू किया. उनका पुत्र जब बड़ा हुआ तो दोनों ने मिलकर स्कूल में पढ़ाना शुरू किया. स्कूल उनके लिए जिन बच्चों को समाज में मूक बधिर होने के कारण शिक्षा नही मिल पाती. इस विद्यालय से अबतक पांच दर्जन मूक बधिर बच्चे निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर चुके है. फिलहाल 10 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है.

समाज और मूक बधिर बच्चों को एक नई आशा देने वाली मुन्नी भारती बताती है कि उनके पति बिजली विभाग में कार्यरत थे जिससे जो पैसा आता स्कूल उससे चलता आया है. अब उनके पति रिटायर्ड हो गए है. विद्यालय को चलाने के लिए कोई सहायता नही मिल रही है. अगर सरकारी सहायता मिलती तो मूक बधिर बच्चों के लिए और भी बेहतर किया जा सकता है. बावजूद इसके अपने हौसले और मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए वे आज भी तत्पर है.

उन्होंने बताया कि सरकार स्किल डेवलपमेंट की योजनाएं चला रही है अगर इन बच्चों के भी स्किल को डेवेलोप किया जाए तो यह समाज के अन्य बच्चों के जैसे सक्षम होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकते है. पढ़ने के बाद नौकरी का ना मिलना बड़ी समस्या है. इसके लिए जरूरी है कि इनके स्किल को डेवेलोप कर खुद का व्यवसाय शुरू करने को प्रेरित किया जाय.

मुन्नी बताती है कि मूक बधिर बच्चे अपनी बातें दूसरों से कह नही पाते. इसलिए जरूरी है कि उन्हें शिक्षित किया जाए ताकि इशारों में ही वे अपनी बातें लोगों से कह पाए.

आज कई ऐसी महिलाएं है जो अपने कार्यों के बदौलत अपने को साबित कर रही है. सीमित संसाधनों में इनके जैसी महिलाएं सशक्तिकरण की मिशाल है. समाज को इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की जरुरत है.

Chhapra (Swati): महिलाओं के सम्मान में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. हमारा देश महिला सशक्तिकरण के रास्ते पर बहुत आगे बढ़ा है. पहले की तुलना में आज की महिलाएं ज्यादा शिक्षित है और ऐसी महिलाएं जिन्हें शिक्षा नहीं मिल पा रही है उन्हें शिक्षित करने को कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. एक तरफ जहां पहले लड़कियों को घर से निकलने तक नहीं दिया जाता था, वहीं आज बिहार में लड़कियों को पीजी तक की शिक्षा मुक्त कर दी गई है. पहले की तुलना में आज की लड़कियां स्वतंत्र होकर नौकरी कर रही है. अपनी जिंदगी को खुल के जी रही हैं.

महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण हमारे शहर छपरा में भी देखने को मिलता है जहां जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में मीना अरुण ने कार्यभार संभाल समाज के सामने एक मिशाल पेश की है. तो वहीं प्रिया सिंह छपरा नगर निगम की महापौर के रूप में निर्वाचित होकर महिलाओं का सम्मान और बढ़ाया है. यही नहीं छपरा नगर निगम की उपमहापौर भी एक महिला है. जिस तरह ये महिलाएं समाज के विकास में अपना अहम योगदान दे रही है वह काबिल ए तारीफ़ है.

किसी ने ठीक ही कहा है कि किसी भी देश का विकास तब तक संभव नहीं हो सकता जब तक की उस देश की महिला का विकास न हो. शुरू से ही हमारे यहां की महिलाएं जिस तरह समाज के विकास में अपनी भागीदारी निभा रही हैं. फिर भी उन्हें उस सम्मान से वंचित होना पड़ता है जो उन्हें चाहिए होता है. एक तरफ हम कहते हैं कि दहेज लेना और देना दोनों अपराध है. वहीं दूसरी तब हमारी सरकार को ऐसे कुरीतियों को रोकने के लिए मानव श्रृंखला बनानी पड़ रही है. एक तरफ हम कहते हैं कि लड़कियों को देवी का रुप होती है. वहीं दूसरी तरफ घरेलू हिंसा रोकने के लिए कानून बनाना पड़ता है.

आज समाज में महिला सशक्तिकरण की बात होती है, महिलाएं आज भी अपने अधिकार के लिए जूझ रही है. लड़कियों पर अत्याचार किये जाते हैं और समाज मूकदर्शक बना रहता है.

आजादी के इतने साल बाद भी महिलाओं की स्थिति में जितने सुधार की जरूरत थी अभी वो सुधार नहीं हुआ है. जरुरत है समाज को अपनी सोच में बदलाव लाने की महिलाओं को आजादी से जीने देने की.

{यह लेखिका के निजी विचार है}   

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Chhapra: जिले के भेल्दी थाना क्षेत्र के एक गाँव मे जहरीली चाय पीने से तीन लोगों की मौत हो गई है. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार डेरनी थाना क्षेत्र के खिडकियां गांव में घर में बने लकड़ी के चूल्हे पर रखे थाईमेट (कीटनाशक दवा)जहर को मिलाकर बनाई गई चाय पीने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई हैं.

इस घटना में देवकली देवी सहित तीन लोगों की मरने की सूचना मिल रही है. घटना के बाद स्थानीय पुलिस पहुंची मौके पर कर मामले की जांच कर रही हैं. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है. आस पास के लोग घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की जानकारी ले रहे हैं.

Chhapra: स्वामी विवेकानंद जयंती व युवा दिवस के अवसर जिला स्तरीय दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा.

दौड़ प्रतियोगिता को लेकर अभिषेक शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में जिले से 200 युवा धावक भाग लेंगे. सफल 30 प्रतिभागियों को पुरस्कार दिया जाएगा.

दौड़ प्रतियोगिता का उद्घाटन जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ हरिकेश सिंह करेंगे. दौड़ सुबह 7 बजे से इनई पुल से शुरू होकर सेंगर टोला होते हुए गौतम बाबा के मंदिर तक जाकर पुनः इनई पुल तक आएगी.

इसको लेकर हुई बैठक में नवलेश सिंह, राजा गुप्ता, आदित्य सिंह, विशाल कुमार, हर्षवर्धन सिंह, ओमप्रकाश बारी, रवि शर्मा, सुबोध शर्मा, रंजीत कुमार इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित थे.