दाउदपुर: बिजली विभाग के लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. जिस कारण दो यूवकों को अपनी जान गवानी पड़ी है. सड़क पर टूट कर गिरे धारा प्रवाहित हाइटेंसन तार के चपेट में आने से टरवां गांव के दो युवकों की झुलस कर मौत हो गई.

घटना कोपा थाना क्षेत्र के हसुलाही बगीचा के समीप नहर के किनारे की है. जलालपुर से छठ का बाजार कर मोटरसाईकिल से घर लौटने के क्रम में सड़क पर टूट कर गिरे धारा प्रवाहित हाइ टेंसन तार के चपेट में आने से टरवां पोझियार गांव के दो युवकों की झुलस कर मौत हो गई. वही छठ पूजा के लिए आम की लकड़ी लेकर जा रहा एक युवक झुलसकर बुरी तरह जख्मी हो गया.

जख्मी युवक का प्राथमिक उपचार के बाद छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार टारवां गांव निवासी शिवकुमार प्रसाद का 23 वर्षीय पुत्र मिथिलेश प्रसाद एवं उसी गांव के कोपा थाने के चौकीदार मुक्तिनाथ मांझी का पुत्र 21 वर्षीय विनोद पासवान छठ-व्रत के लिए सामान की खरीदारी कर जलालपुर से लौट रहे थे. इसी दौरान हाईटेंशन तार टूट कर गिर गया और चपेट में आने से दोनों की मौत हो गयी.

घटना की जानकारी मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम छा गया. बड़ी संख्या ग्रामीणों ने पहुंचकर विद्युत् विभाग के प्रति आक्रोश व्यक्त किया. कोपा थानाध्यक्ष मनीष कुमार भी दलबल के साथ पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेजा दिया.

छपरा(सुरभित दत्त): विश्व प्रसिद्द हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस वर्ष 12 नवम्बर से शुरू हो रहा है एक महीने तक चलने वाले इस मेले को लेकर सारण जिला प्रशासन और बिहार पर्यटन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली है. मेले में पर्यटकों के आगमन, आदर सत्कार से लेकर प्रचार-प्रसार पर खास ध्यान दिया जा रहा है. 

मेले के बेहतर प्रचार प्रसार के लिए जिलाधिकारी दीपक आनंद के निर्देश पर सारण जिला प्रशासन के द्वारा कई कार्य किये जा रहे है. ऐसे में सोशल मीडिया की लोकप्रियता को देखते हुए SONPUR MELA 2016 के नाम से फेसबुक पेज भी बनाया गया है. इस पेज के माध्यम से लोगों को सोनपुर मेला से जुडी जानकारियाँ उपलब्ध करायी जा रही है. सोशल मीडिया पर युवाओं के बढ़ते क्रेज और उन तक मेले की जानकारी पहुँचाने के लिए पहल की गयी है.

जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी राम भगवान सिंह ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बताया कि सोशल साइट्स पर एक्टिव लोगों को मेला की हर जानकारी पहुँचाने के उद्देश्य से ऐसी पहल की गयी है. उन्होंने कहा कि सोशल साइट्स और वेबसाइट के माध्यम से जिले के बाहर दूर देश में बैठे लोग भी मेला से जुड़ी नवीनतम जानकारी को जान सकेंगे. इसके लिए एक वेबसाइट को भी लांच किया जायेगा.

आपको बता दें कि सारण जिला प्रशासन द्वारा सोनपुर मेला के प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जाता रहा है. लोगों ने इस पहल की खूब सराहना भी की है.

बनियापुर: लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर के पर प्रखंड के हरपुर कराह में छठ महोत्सव का आयोजन किया जायेगा. छठ पूजा समिति के राकेश निकुम्भ ने बताया कि गत सात वर्षों से छठ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. छठ पूजा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और मानवता की सेवा को लेकर किये जा रहे इस महा आयोजन में भोजपुरी कलाकारों जमघट लगेगा.  baniyapur-1

महोत्सव में इस बार जागरण कार्यक्रम के लिए उज्जवल निर्मल साधना इंटरटेनमेंट छपरा की टीम, सावन सुहाना गोपालगंज, रवि पांडये छपरा, बीरेंद्र सिंह, अजित सिंह बलिया, यूपी, प्रतिभा सिंह सोनपुर, प्रीति सिंह बलिया उत्तर प्रदेश को आमंत्रित किया गया है. chhath-web-copy

मेहमान कलाकार रूप में प्रीतम प्यारे और रामेश्वर गोप आदि भोजपुरी लोक गीतों को प्रस्तुत करेंगे. वही कानपुर उत्तर प्रदेश की कनिका ग्रुप भक्तिमय नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे. वही महोत्सव के दौरान 101 गरीबों के बीच कम्बल वितरण किया जायेगा. 

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महोत्सव के आयोजन को अध्यक्ष धुप नारायण सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें साफ़-सफाई, रौशनी आदि व्यवस्था पर चर्चा हुई. बैठक में संयोजक राकेश निकुम्भ, सचिव विनोद सिंह, अनुज सिंह, राणा प्रताप, शशांक शेखर, डब्लू सिंह, सोहराई साहनी, रामप्रवेश सिंह, मनोज सिंह सहित पूजा समिति के दर्जनों कार्यकर्त्ता शामिल थे.

छपरा(कबीर): शहर का प्रभुनाथ नगर मुहल्ला इन दिनों पानी में डूबा हुआ है. मुहल्ले की लगभग सभी सड़कों पर जलजमाव है. जिससे यह ईलाका बाढ़ से घिरा दिखाई दे रहा हैं. अधिकत्तर मकान पानी में डूबे हुए है. सड़क किनारे पड़ी खाली जमीनों में लबालब पानी भर जाने से वह सड़क पर आ गया है. इसके आलावे कई ऐसे सड़क भी है जो दिखाई भी नहीं दे रहे हैं. आसपास के लोग तो मज़बूरी वस इस रास्ते से होकर जा रहें हैं. लेकिन अन्य राहगीर तो इसका रुख भी नही कर रहे हैं.

नाला का नही होना जलजमाव का बड़ा कारण
प्रभुनाथ नगर के अधिकतर इलाके में नाला का निर्माण नही है. जो जलजमाव का सबसे बड़ा कारण है. जो मकान बने हुए है उनके नाला का पानी खाली पड़े जमीन में जाता था. इस वर्ष आयी बाढ़ और बारिश के पानी से खाली पड़ी ज़मीन पहले से ही पानी से लबालब है. 14805400_1844575769162384_1360948018_n

 खाली पड़े ज़मीन में पानी भर जाने के बाद अब पानी सडकों पर आ चुका है.

जहाँ देखो पानी-ही-पानी
प्रभुनाथ नगर में में आप जिस ओर नज़र डालेंगे पानी-ही-पानी दिखेगा. कई घर तो ऐसे है जो बिलकुल पानी में डूबे हुए है. प्रतिदिन स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. 14804861_1844575762495718_1115865625_n  हाथों में जूता लिए बच्चे स्कूल जाते और आते हुए दीखते है. यह नज़ारा महीनों से देखने को मिल रहा है. प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए सार्थक प्रयास करने की जरुरत है.

छपरा: विजयादशमी के अवसर पर प्रत्येक वर्ष होने वाले रावण दहन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. इस बार लोगों को रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के आकर्षक पुतलों को देखने का मौका मिलेगा. जिसके निर्माण में कारीगर जुटे हुए है. 

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रावण के पुतले के निर्माण में जुटे कारीगर                       Photo: Chhapra Today

समारोह की तैयारियों को लेकर बुधवार को राजेंद्र स्टेडियम में आयोजन समिति ने प्रेस वार्ता की. आयोजकों ने बताया कि इस बार रावण का 60 फिट ऊँचा पुतला का निर्माण हो रहा है. जबकि मेघनाथ और कुम्भकर्ण के 55-55 फिट ऊँचे पुतले देखने को मिलेंगे. 

समारोह राजेंद्र स्टेडियम में होगा. इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य अरुण सिंह, श्याम बिहारी अग्रवाल, सत्यप्रकाश यादव आदि उपस्थित थे. 

आपको बता दें कि रावण दहन देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ राजेंद्र स्टेडियम में प्रत्येक वर्ष जुटती है. रावण दहन को देखने के लिए लोग दूर दूर से यहाँ पहुंचते है. इस अवसर पर होने वाली आतिशबाजी देखने लायक होती है.

छपरा: नवरात्र में हर जगह पंडालों का निर्माण हो रहा है. पूजा समितियां जोर शोर से पंडालों को पूरा करने में दिन रात लगी हुई है. कई पूजा समितियों द्वारा अपने पंडाल को अलग रूप दिया जा रहा है.

शहर के टक्कर मोड़ पर गुफा में बाबा बर्फानी को स्थापित करने का कार्य चल रहा है. समिति के सदस्य शशि कुमार ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी पूजा समिति के द्वारा वर्फ से बने बाबा बर्फानी की स्थापना की जा रही है. साथ ही गुफा बनाया जा रहा है. गुफा बनाने के लिए चट्टी और बांस का उपयोग किया जा रहा है. जबकि गुफा के अंदर वर्फ से बने शिव लिंग को स्थापित किया जायेगा. जो देखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा.

वही दौलतगंज में हर बार की तरह इस बार भी सुरसा के मुहं से निकलते वीर हनुमान की झांकी देखने को मिलेगी. पूजा समिति द्वारा यहाँ भी चट्टी और बांस की सहायता से गुफा का निर्माण कराया जा रहा है. शहरवासियों को ऐसा ही कुछ नजारा दहियावां में भी देखने को मिलेगा जहाँ नारायण चौक से राम राज्य चौक जाने वाली सड़क पर गुफा का निर्माण किया जा रहा है.

मूर्तियों को दिया जा रहा अंतिम रूप

रतनपूरा स्थित सवलिया मंदिर में मूर्ति को अंतिम रूप देता कारीगर

पंडाल के साथ साथ मूर्तियों का निर्माण भी अब अंतिम चरण में पहुँच चूका है. कुछ पूजा पंडालों में मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा चूका है. जबकि कई पूजा पंडालों में अभी काम बाकी है. जिसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है.  

दुर्गा पूजा में इन सभी पंडालों को देखने के लिए छपरावासियों उत्सुक है.

छपरा: आईपीएस अधिकारी सुधीर प्रताप सिंह को एनएसजी का महानिदेशक नियुक्त किया गया है. जिले के अमनौर प्रखंड निवासी सुधीर केन्‍द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के भाई हैं.

1983 बैच के राजस्‍थान कैडर के आईपीएस अधिकारी सुधीर प्रताप सिंह फिलहाल सीआरपीएफ में स्पेशल डीजी के पद पर तैनात हैं. मूलरूप से सारण के निवासी सुधीर प्रताप सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल तिलैया से हासिल की. जिसके बाद दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढाई पूरी की. श्री सिंह इसके पहले सीबीआई, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ जैसे विभागों में अहम पद पर योगदान दे चुके है. श्री सिंह के NSG के महानिदेशक बनने पर अमनौर समेत पूरे सारण के लोगों में हर्ष है.    

छपरा: जीवन भर मेहनत कर इंसान का एक ही सपना होता है कि वह अपने लिए एक आशियाना बनाये. ये आशियाना अगर उसके सामने तबाह हो जाये तो उसके दिल पर क्या बीत रही होगी उसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.

बाढ़ की त्रासदी झेल रहे जिले के कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ किसी की झोपड़ी डूब गयी तो किसी का दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया. शहर के ब्रह्मपुर में बाढ़ के पानी के कटाव से क्षतिग्रस्त हुए भगवान प्रसाद का दो मंजिला मकान गुरुवार की रात धराशायी हो गया. बाढ़ के पानी ने उनके सपने के आशियाने को कुछ मिनटों में छीन लिया.

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Surabhit Dutt/Kabir Ahmad

(संतोष कुमार ‘बंटी’) दोपहर का समय था. उपर आसमान से चिलचिलाती धूप और नीचे पानी. पसीने से लथपथ सभी के चेहरे बस एक टक अपने आशियाने को निहार रहे थे. दूर तक फैली सफेद चादरों के बीच उम्मीद की लौ के बीच इनका आशियाना आत्मबल को बढ़ा रहा था, मानों कह रहा हो, मैं अभी तुम्हारे लिये जीवित हूँ. कभी साफ और कभी गंदगी का अंबार लिये नदी की लहरें आँखमिचौली करते हुए पास आती और चली जाती. बच्चों को तो एक खेलने का खिलौना मिल गया हो जब जी चाहा पानी में हंसी ठिठोली कर खेलने लगे.

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अपने मवेशियों के साथ पुल पर शरण लिए बाढ़ पीड़ित

अर्जुन राय का पूरा परिवार सड़क पर लगें पानी के बीच चौकी पर दिन गुजारने की जुगत में है. लेकिन इसी बीच पानी में खेल रहे मोहन ने अचानक पास आकर कहा “माई खाए के दे भूख लागल बा” अपने बेटे की भूख देखकर माँ ने तुरंत रोटिया दे दी. बिना सब्जी और आचार के मोहन ने रोटी खाकर अपनी पेट की आग को ठंडा किया और फ़िर अपने दोस्तों में मग्न हो गया. दोपहर का समय था तो धीरे धीरे फिर सभी लोगों ने रोटिया खाई. 

शहर से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित निचला ईलाका कहने के लिए तो शहर का भाग हो सकता है लेकिन सरकारी दस्तावेजों में यह रिविलगंज प्रखंड क्षेत्र में होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की श्रेणी में है. पंचायत दिलीया रहीमपुर के सैकड़ो परिवार बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे है. घर पानी में जलमग्न हो गया है. जितना हो सका लोगों ने अपने घरों से सामानों को बाहर किया और उसी के सहारें जीवन का निर्वाह हो रहा है. कुछ लोगों के घर पूरी तरह से पानी से तबाह हो चुकें है जिसके कारण वह बेघर हो चुके हैं. वही कुछ के मकान इन पीड़ितों की तरह आपना हौसला बुलंद कर पानी में भी डटे हुए है.DSCN0043 (1) 

अर्जुन राय का परिवार भी इन्हीं पीड़ितों में से एक है. घर पानी में और जरुरत के सामानों के साथ परिवार सड़क पर. पुरे दिन खुलें आसमान में दिन तो गुजर रहा है लेकिन रात की विभीषिका आंखों की नींद चुरा लेती है. जिंदगी के आख़िरी कदम पर अर्जुन की माँ घर के नजदीक सड़क के पानी में अपने चौकी पर पोते पोतियों के साथ रहने को विवश है. किसी जुगत से परिवार के पुरे दिन में एक बार ही भोजन बन रहा है. लेकिन आर्थिक तंगी से वह भी अब आस की मोहताज बनने वाली है. पुरे दिन जिन्दगीं के लिए एक दुसरें की जद्दोजहद देखकर दिन तो कट जा रहा है. लेकिन जिन्दगीं की असल जंग तो रात के साथ शुरू होती है. बच्चें अपनी थकान के साथ नींद की आगोश में चले जाते है लेकिन पानी की तेज डरावनी आवाज से बड़ों की नींद उड़ जाती है. ऊपर से सांप और बिच्छू का डर उनकी पलकों को झपकने तक नही देता है. विगत चार दिनों से बाढ़ की इस विभीषिका का दंश झेल रहे हजारों लोगों के जुबान पर बस यही शब्द है….

“दुनिया में आये है तो जीना ही पड़ेगा
जीवन है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा”

छपरा (संतोष कुमार बंटी): छपरा शहर के कई क्षेत्र नदी के पानी से जलमग्न हो चुके है. गंगा,सोन और सरयु नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि के कारण शहर के निचले इलाको के बाद बाढ़ के पानी ने शहर का रुख किया है. शहर की हृदयस्थली नगरपालिका चौक, थाना चौक पर बाढ़ का पानी पहुँचना शहरवासियों के लिए शुभ संकेत नहीं है. उपर से सरकारी चेतावनी लोंगो को और सोचने पर मजबूर कर रही है. flood

प्रशासन इस आपदा से निपटने के लिए पिछले कई महीनो से योजना का निर्माण कर रही है लेकिन पानी बढ़ने के साथ ही उनकी योजनाओ और कार्यो की पोल खुल गयी है. जिसके कारण अब शहर भी लोंगो के लिए सुरक्षित नही दिख रहा है.

शहर में यहाँ तक पंहुचा बाढ़ का पानी

शहर के सबसे रिहायशी इलाके साहेबगंज में पानी पहुँच चुका है. सोनारपट्टी, करीम चक,राहत रोड, कटहरी बाग़, बुटनबाड़ी, दहियांवा, धर्मनाथ मंदिर, गुदरी, सरकारी बाजार, तिनकोंनिया यहाँ तक कि नगरपलिका चौक, थाना चौक और मौना चौक तक पानी पहुँच चुका है. नदियों में जिस तरह से वृद्धि हो रही है उसी तरह पानी दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है.

 

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नगरपालिका चौक पर लगा बाढ़ का पानी

किन कारणों से शहर में रुका बाढ़ का पानी

नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी से निचले इलाको का प्रभावित होना स्वाभाविक है. लेकिन शहर के रिहायशी इलाकों में पानी का लगना प्रशासनिक और सरकारी विफलता का कारण है. 

कई दशक बाद नदी के जलस्तर में इतनी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन कई वर्षो पूर्व ऐसी स्थिति को देख चुके लोंगो का कहना है कि चंवर पूरी तरह से खाली है ऐसे में शहर में बाढ़ का पानी आना चिंता का विषय है.

 

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अपनी किश्मत पर रोता खनुआ नाला, कचड़े से जाम

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पंकज कुमार अग्रवाल का कहना है कि एक समय था जब नदी से लेकर मौना चौक होते हुए नाले में नाव चला करती थी. बाढ़ का पानी इन्ही रास्तो से होकर चंवर में चला जाता था जिससे खेती होती थी. नाला को ख़त्म कर सुरक्षा के मद्देनजर पाइप लगाया गया. समय बदला और उस पाइप को हटा कर पुनः नाला बना दिया गया. लेकिन नगर परिषद् ने खनुआ नाला पर दुकान बना दिया. खनुआ नाला की आज तक कभी सफाई नही की गई जिससे आज शहर में बाढ का पानी आ गया है.

गोपाल प्रसाद का कहना है कि 70-90 के दशक में नदी का जलस्तर बढ़ता था. उस समय खनुआ नाला से पानी दो रास्ते से होकर जाता था. उन्होंने बताया कि सरकारी बाजार के समीप यह नाला दो भागो में बंट जाता था. एक सीधे मौना चौक के रास्ते होकर रामनगर के चंवर में जाता था और दूसरा तिनकोनिया, सिविल कोर्ट, नगरपालिका चौक, श्रीनंदन लाईब्रेरी के रास्ते जगदम कालेज के नजदीक रेलवे नाला में जाता था.

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प्राथमिक विद्यालय, ब्रहमपुर के प्रांगन में भरा बाढ़ का पानी
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सड़क पर खटिया लगा कर बैठे बच्चे, तस्वीर ब्रहमपुर की है.

नदी का पानी इन रास्तो से होकर ही सिविल कोर्ट पोखरा और शिल्पी पोखरा में जाता था. लेकिन यह रास्ता प्रशासनिक उदासीनता के कारण अब अतिक्रमण कर लिया गया है. नाला पर कई लोगों ने दुकान तो कितनों ने घर बना लिया है.वही शिल्पी पोखरा का अस्तित्व अतिक्रमण से अब समाप्त होने के कागार पर है.  

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ऐसे में अगर नदी के जलस्तर में जब भी वृद्धि होगी तो अब शहर की सड़कों पर बाढ़ आना स्वाभाविक है. इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को पहले जल निकासी के लिए खनुआ नाला की सफाई करनी होगीं साथ ही साथ शहर और उनसे सटे क्षेत्रो में बने पोखर को अतिक्रमण मुक्त कर सफाई करानी होगी.

छपरा: रक्षाबंधन के दिन सारण की महिलाओं एवं बच्चियों को जिलाधिकारी दीपक आनंद ने एक आकर्षक तोहफा दिया है.

जिला प्रशासन ने 18 अगस्त को सारण की बहनों की सुविधा के लिए प्रात: 9 बजे से 11 बजे तक निःशुल्क बस सेवा प्रदान करने का निर्णय लिया है. शहर के एकता भवन से दो बसें अलग-अलग रुट के लिए प्रस्थान करेगी. इसके साथ ही महिलाओं और बच्चियों के लिए शहर के सभी सिनेमा हॉल में निःशुल्क मैटिनी शो (3 से 6 बजे तक) दिखाने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए उन्होंने महिलाओं को एक पहचान पत्र के साथ आने का आग्रह किया है.

जिलाधिकारी ने रक्षाबंधन के पावन पर्व के अवसर पर पर्यावरण की समृद्धि के लिए बहनों से वृक्षारोपण करने का भी आह्वान किया है.

निःशुल्क बस सेवा का रुट-मैप

पहली बस:- एकता भवन- थाना चौक- मौना चौक- कटहरीबाग़- गांधी चौक- भिखारी चौक- मुफ्फसिल थाना- नेवाजी टोला चौक- सांढा ढ़ाला- ओवरब्रिज होते हुए पुनः एकता भवन.

दूसरी बस:- एकता भवन- दरोगा राय चौक- भगवान बाजार- गुदरी- ब्रह्मपुर- सरकारी बस स्टैंड- नगरपालिका चौक होते हुए पुनः एकता भवन.

छपरा: जिले में विधि व्यवस्था को कायम रखने के लिये शांति व्यवस्था बहाल होने के बाद भी धारा 144 को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है.

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि जिले में विधि व्यवस्था की समस्या को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत 5 अगस्त की संध्या 4 बजे से 8 अगस्त की संध्या 76 बजे तक लागू निषेधाज्ञा को सावन मास में हिन्दू श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों में पूजा अर्चना में व्याप्त तनाव की स्थिति के मद्देनजर असमाजिक तत्वों द्वारा विधि व्यवस्था में उत्पन्न किये जा रहे व्यवधान को देखते हुए धारा 144 की अवधि को 8 अगस्त की संध्या से अगले आदेश तक प्रभावी किया गया है. इस दौरान इन्टरनेट सुविधाओं पर भी पाबंदी लगाई गई है.

अधिकारियों और कर्मियों के अवकाश रद्द

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने विधि व्यवस्था के मद्देनजर सभी कर्मियों के अवकाश को रद्द कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश में है तो वे अविलम्ब अपने मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करें. सभी कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन करें.

जिलाधिकारी ने की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने एक बार पुनः जिले के नागरिकों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील करते हुए सभी से सहयोग की अपील की है.