Chhapra: सारण जिले के जलालपुर प्रखंड के फुटानी बाजार का पंडाल इस बार अपनी अनोखी डिजाइन को लेकर चर्चा में है। यहां दुर्गा पूजा समिति ने विशाल ऑक्टोपस की आकृति पर आधारित पंडाल बनाया है, जो श्रद्धालुओं और दर्शकों दोनों को आकर्षित कर रहा है।

पंडाल का पूरा ढांचा ऑक्टोपस के आकार में तैयार किया गया है। इसके आठ लंबे हाथ बाहर की ओर फैले हुए हैं, जिन पर रंगीन लाइटिंग की गई है। पंडाल का प्रवेश द्वार ऐसा बनाया गया है मानो श्रद्धालु ऑक्टोपस के मुख से होकर भीतर प्रवेश कर रहे हों। अंदर भव्य मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है, जिसे देखने के लिए भक्तों की लंबी कतार लग रही है।

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रात्रि में पंडाल का नजारा और भी अद्भुत हो जाता है। हाथों पर लगी रंगीन रोशनी और बीच–बीच में चलने वाले लेजर शो इसे किसी समुद्री जीव विज्ञान प्रदर्शनी जैसा बना देते हैं। बच्चे और युवा इस पंडाल को खासा पसंद कर रहे हैं और इसे सेल्फी प्वाइंट बना चुके हैं।

आयोजकों ने बताया कि इस पंडाल का मकसद श्रद्धालुओं को अनोखा अनुभव देना है। पहली बार इस इलाके में ऐसा पंडाल बना है जो पूरी तरह समुद्री जीव की आकृति पर आधारित है।

फुटानी बाजार का यह पंडाल अब केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि कला, सृजनशीलता और तकनीक का अनोखा संगम बन चुका है। विगत कुछ वर्षों में इस पूजा समिति के द्वारा बनाए गए पंडालों ने खूब सुर्खियां बटोरीं हैं। 

Chhapra: छपरा शहर का नेहरू चौक इस बार नवरात्र में खासा आकर्षण का केंद्र बना है। यहां पूजा समिति ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण कराया है। श्रद्धालु यहां पहुंचकर ऐसा अनुभव कर रहे हैं मानो वे सचमुच हिमालय की गोद में विराजमान भगवान शिव की नगरी में पहुंच गए हों।

पंडाल के बाहरी हिस्से को पत्थरों जैसी संरचना से सजाया गया है, जबकि प्रवेश द्वार पर लकड़ी और फाइबर का इस्तेमाल कर मंदिर की हूबहू प्रतिकृति तैयार की गई है। चारों ओर पर्वतीय दृश्यों को दर्शाने वाली पेंटिंग और सजावट की गई है।

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अंदर भव्य मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है। रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है जिससे पंडाल का हर कोना आध्यात्मिक आभा से भरा नजर आता है। रात्रि में लाइटिंग इफेक्ट से पूरा पंडाल किसी धार्मिक तीर्थ जैसा अनुभव कराता है।

भक्तों ने बताया कि इस पंडाल को देखकर उन्हें उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की याद ताजा हो जाती है। यहां आकर वे केवल मां दुर्गा के दर्शन ही नहीं, बल्कि हिमालयी आध्यात्मिकता का अनुभव भी कर रहे हैं।

पूजा समिति के सदस्यों का कहना है कि इस थीम का उद्देश्य श्रद्धालुओं को धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना है। भीड़–भाड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल और स्वयंसेवक लगातार तैनात हैं।

Chhapra: बनियापुर का दुर्गा पूजा पंडाल इस बार श्रद्धालुओं और दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां “ऑपरेशन सिंदूर” की थीम पर तैयार पंडाल देश के सैनिकों के शौर्य और बलिदान को समर्पित है। आयोजकों ने बताया कि इस थीम का उद्देश्य देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करना और युवाओं को सेना के प्रति प्रेरित करना है।


पंडाल में प्रवेश करते ही चारों ओर युद्धभूमि का दृश्य दिखाई देता है। मिट्टी, लकड़ी और थर्माकोल से बने मॉडलों के जरिए सेना की कार्रवाई, रणभूमि और सैनिकों की वीरता को जीवंत कर दिया गया है। पंडाल के बीचोबीच स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा को शक्ति और साहस का प्रतीक बताकर सैनिकों से जोड़ा गया है।

रात्रि में रंगीन लाइट और साउंड इफेक्ट इस पंडाल की खूबसूरती और भी बढ़ा देते हैं। कई जगहों पर देशभक्ति गीत बजाए जाते हैं, जिससे वातावरण भावुक और प्रेरणादायी हो उठता है। श्रद्धालु यहां आकर केवल पूजा–अर्चना ही नहीं कर रहे, बल्कि भारत माता के वीर सपूतों के योगदान को भी याद कर रहे हैं।

आयोजक समिति का कहना है कि यह पंडाल नवरात्र के अवसर पर श्रद्धा और देशप्रेम का संगम प्रस्तुत करता है। यहां उमड़ रही भीड़ इस बात का प्रमाण है कि लोग न केवल मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं, बल्कि देश की रक्षा में लगे जवानों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं।

Chhapra/Patna:  शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो गई है। इसके साथ ही सभी लोग देवी आराधना में जुट गए हैं।
शारदीय नवरात्र के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी है।
उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि मां दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। नवरात्रि के पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है। मां दुर्गा भक्तों और साधकों में शक्ति का संचार कर करूणा और परोपकार के द्वारा प्राणियों का कल्याण करती हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि नवरात्रि पर्व को पारस्परिक सद्भाव, आपसी भाईचारा एवं शांतिपूर्ण तरीके से हर्षोल्लास के साथ मिल जुलकर मनायें।

Sharadiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास स्थान है। साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है, दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार मुख्य नवरात्रि, जिन्हें चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इनमें से शारदीय नवरात्रि को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह पर्व अश्विन मास में आता है, जो कि शरद ऋतु का समय होता है। इसी वजह से इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए समर्पित होते हैं। हर दिन देवी के एक विशेष स्वरूप की साधना की जाती है और दसवें दिन दशहरा या विजयादशमी के रूप में इस महापर्व का समापन होता है।

शारदीय नवरात्रि 2025 कब से कब तक?
इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025, सोमवार से हो रही है। इस दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है, जिसे बेहद शुभ और विशेष माना जाता है।

नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से होगी।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है। 2025 में घटस्थापना 22 सितंबर को की जाएगी।

शुभ समय: सुबह 5:38 से 7:32 बजे तक (1 घंटा 54 मिनट)

अभिजीत मुहूर्त: 11:18 से 12:06 बजे तक

चौघडिया

शुभ: सुबह 08: 40 से 10: 11सुबह

लाभ :दोपहर 02:44 से 04:15 संध्या

अमृत: संध्या 04:15 से 05:46 संध्या

इस बार माता का आगमन किस वाहन पर होगा?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल नवरात्रि पर मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती हैं। वर्ष 2025 में माता रानी हाथी पर सवार होकर पधारेंगी। हाथी पर आगमन को बेहद शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, शांति और उन्नति का प्रतीक है।

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

शारदीय नवरात्रि व्रत का आरम्भ पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्लपक्ष के प्रतिपदा तिथि से होता है और. नव दिन तक देवी के अलग अलग रूप की पूजा तथा आराधना की जाती है.

माता के भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रतिपदा से लेकर नवमी तक बड़े धूम धाम से माता का पूजन करते है. साथ ही कलश स्थापित करते है.

नवरात्रि में अपने शक्ति के अनुसार माता का पूजन करे. दुर्गा सप्तशी का पाठ करें. शारदीय नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना या किसी ब्राह्मण से पाठ को करवाना बहुत पुण्यकारी होता है.

इस वर्ष नवरात्रि का आरंभ 3 अक्तूबर 2024 दिन गुरुवार से हो रहा है। आपको बता दे कि इस वर्ष नवरात्रि में चतुर्थी तिथि का वृद्धि हुआ है और नवमी तिथि का क्षय हो गया है. इसलिए अष्टमी और नवमी तिथि एक दिन मनाई जाएगी। 

कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त.

3 अक्तूबर 2024 दिन गुरूवार सुबह से लेकर 03:17 मिनट दोपहर तक कलश स्थापना किया जायेगा.

प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 02 अक्तूबर 2024 दिन बुधवार रात्रि 11:05 से

प्रतिपदा तिथि का समाप्त 04 सितंबर 2024 रात्रि 01:01 मिनट तक

हस्त नक्षत्र 03 अक्तूबर 2024.दोपहर 03 :17 मिनट तक रहेगा.

अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:14 से 12:02 दोपहर तक

अमृत काल
सुबह 08:45 से 10:33 सुबह तक

कैसे करे कलश स्थापना

व्रत करने वाले सुबह में नित्य क्रिया से निर्वित होकर साफ कपड़ा पहने. संभवतः नया वस्त्र लाल रंग का धारण करे. पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिडके गंगा जी का थोडा मिटटी लाए या साफ जगह से मिटटी को लेकर उसमे जौ या सप्तधान्य को मिलाए. मिटटी का कलश रखे उस पर स्वस्तिक बनाएं। लाल कपड़ा से कलश को लपेट दे. उसमे आम का पत्ता सुपारी, फुल, पैसा डाले, दूर्वा, अक्षत डाले, उसके ऊपर नारियल में मौली लपेटकर कलश पर रखे. सामने छोटी चौकी रखे पर लाल कपड़ा का आसन बिछाए. माता की प्रतिमा या फोटो रखे. उनको फुल, फल, सिंदूर, चन्दन लगाए अगरबती दिखाए तथा भोग लगाये. फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करे या दुर्गा चालीसा का पाठ करे.

इन चीजों को वर्जित रखे

अगर आप नवरात्रि में माता का पूजन कर रहे है अपने घर पर कलश स्थापना किए है इस अवधि में घर के अंदर मांस, मछली, मदिरा तथा तामसी वस्तु जैसे लहसुन, प्याज नही खाए, काला रंग का वस्त्र नही पहने. नवरात्रि में किसी के साथ लेन देन वर्जित रखे. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले चमरे की वस्तु जैसे बेल्ट, पर्स, चपल का प्रयोग नहीं करे.

 

 

 

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
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Chhpara: नवरात्री को लेकर लोग घरों में पूजा पाठ में व्यस्त है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इस बार लोग पूजा पंडालों के निर्माण पर रोक है वही मंदिरों में स्थापित होने वाले प्रतिमाओं को लेकर कई जरुरी दिशा निर्देश जारी किये गए है.

नवरात्र के छठे दिन माँ भगवती के पट खुले. शहर के भगवान् बाज़ार मंदिर में प्रतिवर्ष स्थापित होने वाली देवी दुर्गा की प्रतीक के पट षष्ठी को ही खुलते है. बुधवार को देर शाम माता के पट खुले तो दर्शन के लिए लोग पहुंचे. शंख, घंटा, ढोल और नगाड़ों की ध्वनि के साथ माता के पट खोले गए. 

नवरात्री में इस बार मेला लगाने और प्रसाद वितरण पर कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर रोक है. इन सभी दिशा निर्देश के बाच लोग भक्ति भाव से पूजा अर्चना में जुटे हुए है.     

Chhapra: एक तरफ जहाँ नवरात्र की नवमी को सभी कन्या पूजन की तैयारियों में व्यस्त थे वही दूसरी ओर मानवता को शर्मसार करते हुए एक परिवार ने अपनी अबोध बच्ची को जन्म के बाद सड़क किनारे कचड़े के ढेर पर फेंक दिया था.

घटना नगर थाना क्षेत्र के महमूद चौक की है जहाँ सोमवार की अहले सुबह ही कचड़े के ढेर पर एक नवजात बच्ची का शव देखा गया. नवमी के दिन नवजात बच्ची का शव मिलने की खबर तुरंत फैल गयी जिससे आसपास के लोग उसे देखने के लिए जुट गए.घटना के बाद आपस मे तरह तरह की चर्चाएं भी कर रहे थे. वही सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की प्रक्रिया पूर्ण की गई.लोगो का कहना है कि पास में एक नर्सिंग होम है. हो सकता है कि बच्ची के जन्म होने के कारण मानवता को शर्मसार करने वालो ने नवमी के दिन सड़क पर बच्ची को फेक दिया.

Chhapra: नवरात्र के दौरान शहर के विभिन्न पूजा समितियों के द्वारा आकर्षक, भव्य पंडाल बनाये गए है. ऐसे में इन पंडालों को देखने और उसमे स्थापित माता के दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी है. शहर के सभी पूजा पंडालों के पास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है.

भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी
शहर में मेला घूमने निकलने वालों के भीड़ के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किये गए है. प्रमुख सड़कों पर तीन और चार पहिया वाहनों के परिचालन पर रोक लगायी गयी है. इन सड़कों पर पैदल, रिक्सा और दो पहिया वहां से लोग घूम सकते है.

पूजा समिति  ने संभाला मोर्चा
पूजा पंडालों को देखने निकलने वाले लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूजा समितियों ने अपने स्वयंसेवक लगाये है. 


रेड क्रॉस ने लगाया निःशुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य जांच केंद्र, NUJI ने लगाया निःशुल्क प्याऊ
नवरात्र में मेला घुमने निकलने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए Red Cross Society के द्वारा निःशुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य जांच केंद्र लगाया गया. जहाँ जरूरतमंद लोगों का इलाज किया गया. वही पत्रकारों के संगठन नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स इंडिया की सारण इकाई के द्वारा लगातार तीसरे साल निःशुल्क प्याऊ लगाया गया.  

प्रशासन भी मुस्तैद
नवरात्र पर मेला घुमाने निकलने वालों की भीड़ के मद्देनजर प्रशासन भी मुस्तैद है. जगह जगह दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों के साथ जवानों की तैनाती की गयी है. साथ ही पेट्रोलिंग के लिए भी व्यवस्था की गयी है. 

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Chhapra: नवरात्र की सप्तमी को माँ भगवती के पट खुल गए. घरों में देवी का आगमन के साथ पूजा पंडालों में मूर्तियों के पट खुलते ही श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उमड़ गए.

पूजा पंडालों में ढ़ोल और शहनाई की धुन के साथ माँ भगवती का स्वागत किया गया. छपरा शहर समेत पुरे सारण जिले में जगह जगह आकर्षक पूजा पंडालों का निर्माण किया गया है. पूजा पंडालों की भव्यता को देखने के लिए लोग पहुँच रहे है.

काली बाड़ी में कल ही खुल गया था पट
नवरात्र में बंगाली परंपरा के अनुसार काली बाड़ी में पूजन होता है. बंगाली परंपरा के अनुसार षष्ठी को माता के पट खुल गए. काली बाड़ी में रोजाना शाम साढ़े सात बजे आरती की जाएगी जो नवमी तक चलेगी.

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नवरात्रि में छपरा टुडे डॉट कॉम (chhapratoday.com) आपतक पहुंचा रहा है सभी पूजा पंडालों में स्थापित माता की प्रतिमा के दर्शन. खासकर उन लोगों के लिए जो छपरा से बाहर रहते है और अपने शहर की पंडालों को नहीं देख पाते. बने रहिये हमारे साथ. हमारे Facebook Page https://www.facebook.com/chhapratoday/ को LIKE करें. हमें Twitter पर Follow करें. साथ ही साथ YouTube पर Subscribe करें.

Dharm Desk: शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है और 8 अक्टूबर को समाप्त होगा. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त को सभी जानना चाहते है.

आचार्य हरेराम शास्त्री के अनुसार कलश स्थापना के लिए 29 सितम्बर रविवार को प्रातः काल से रात्रि 10 बजे तक प्रतिपदा तिथि और रात्रि 9 बजकर 40 मिनट तक हस्त नक्षत्र से युक्त मुहूर्त में शुभ मुहूर्त है.

उन्होंने बताया कि विशेष कामना वाले भक्त और मूर्तियों के पास दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजित मूहुर्त में करें.

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उन्होंने बताया कि विलवाभिमन्त्रण 4 अक्टूबर दिन शुक्रवार को 12 बजे के बाद सन्ध्या काल तक करें. पत्रिका प्रवेश, नेत्रोंमिलन अर्थात पट्ट खोलने का शुभ मुहूर्त 5 अक्टूबर शनिवार को प्रातः काल से दिन में 2 बजकर 03 मिनट तक.

महानिशा पूजा 5 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 11 बजे से रात्रि 3 बजे तक करें. महाअष्टमी 6 अक्टूबर रविवार को करें. महानवमी हवन यज्ञ आदि 7 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रातः काल से दिन में 3 बजकर 5 मिनट तक करें. साथ ही कन्या पूजन, वटुक पूजन आदि करें.

विजयादशमी 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को प्रातः काल से शाम को 4 बजे तक. इस दिन अबूझ मुहूर्त होने से यात्रा, देशाटन, उत्सव, क्रय-विक्रय मुहूर्त तथा सभी कार्य प्रारंभ करने का शुभ मुहूर्त है.

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Dharm Desk: शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में देवी का आगमन और गमन की सवारी महत्वपूर्ण मानी गयी है. अश्विन शुक्ल प्रतिपदा दिन रविवार 29 सितम्बर को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो रहा है.

पंडित हरेराम शास्त्री के अनुसार रविवार को प्रारम्भ होने से देवी का आगमन गज अर्थात हाथी से हो रहा है. जिसका फल सुखद वृष्टि है और गमन 8 अक्टूबर मंगलवार को हो रहा है इसलिए भगवती पैरों से युद्ध करने वाले पक्षी पर सवार होकर जाएंगी. जिसका फल, राष्ट्र में अराजकता और युद्ध की सम्भावना है.