Chhapra: नवरात्र की सप्तमी को माँ भगवती के पट खुल गए. घरों में देवी का आगमन के साथ पूजा पंडालों में मूर्तियों के पट खुलते ही श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उमड़ गए.

पूजा पंडालों में ढ़ोल और शहनाई की धुन के साथ माँ भगवती का स्वागत किया गया. छपरा शहर समेत पुरे सारण जिले में जगह जगह आकर्षक पूजा पंडालों का निर्माण किया गया है. पूजा पंडालों की भव्यता को देखने के लिए लोग पहुँच रहे है.

काली बाड़ी में कल ही खुल गया था पट
नवरात्र में बंगाली परंपरा के अनुसार काली बाड़ी में पूजन होता है. बंगाली परंपरा के अनुसार षष्ठी को माता के पट खुल गए. काली बाड़ी में रोजाना शाम साढ़े सात बजे आरती की जाएगी जो नवमी तक चलेगी.

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नवरात्रि में छपरा टुडे डॉट कॉम (chhapratoday.com) आपतक पहुंचा रहा है सभी पूजा पंडालों में स्थापित माता की प्रतिमा के दर्शन. खासकर उन लोगों के लिए जो छपरा से बाहर रहते है और अपने शहर की पंडालों को नहीं देख पाते. बने रहिये हमारे साथ. हमारे Facebook Page https://www.facebook.com/chhapratoday/ को LIKE करें. हमें Twitter पर Follow करें. साथ ही साथ YouTube पर Subscribe करें.

Chhapra: दुर्गापूजा में आराधना के छठे दिन कालीबाड़ी और भगवान बाजार स्थित पूजा पंडाल में स्थापित माता की भव्य प्रतिमा का पट भक्तों के दर्शन के लिए खुल गया.

शुक्रवार को संध्या आरती के समय विशेष पूजा और विधि विधान के साथ माता का पट खुल गया. पट खुलने के साथ ही माता के दर्शन को भक्तों की भीड़ जुटने लगी है.

कालीबाड़ी में जहाँ एक ओर शहर में रहने वाले सभी बंगाली समुदाय के साथ साथ आमजनों ने भी पट खुलने के दौरान विशेष पूजा में उपस्थित होकर माता का दर्शन किया.

वही भगवान बाजार स्टेशन रोड में स्थापित माता का पट भी पूजा अर्चना के बाद भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. जिसके बाद से इस रास्ते से होकर गुजरने वाले भक्तों के साथ साथ अन्य लोगो की भीड़ माता के दर्शन को लेकर जुट रही है.

Chhapra: मांझी के मियां पट्टी में इस वर्ष हर वर्ष की तुलना अलग नजारा देखने को मिलेगा. जहां 55 फीट ऊंचा कलश नुमा पंडाल का निर्माण हो रहा है.

जगदंबा दुर्गा पूजा समिति सदस्य ने बताया कि स्थानीय युवाओं द्वारा पंडाल निर्माण का कार्य किया जाता है. 2001 से पंडाल निर्माण और मां दुर्गा की स्थापना की जा रही है. प्रत्येक वर्ष स्थानीय युवाओं द्वारा पंडाल का निर्माण किया जाता है. 1 महीने पूर्व से ही पंडाल निर्माण का कार्य शुरू किया जाता है.

 

उन्होंने बताया कि इस बार कलश नुमा पंडाल बनाने में 500 से अधिक बांस का प्रयोग किया जा रहा है. वही पुआल, सीमेंट का घोल का प्रयोग होगा. कलश नुमा पंडाल को सुनहरे रंग से रंगा जाएगा.