छपरा: जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीएम) अजीत सिंह के मनमानी से तंग आकर सदर प्रखंड के शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है. शिक्षकों का आरोप है कि एमडीएम डीपीओ द्वारा विद्यालय के शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा और एमडीएम जांच के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है.

सदर प्रखंड के शिक्षकों ने एक बैठक आयोजित कर इस बात की जानकारी दी कि पहले डीपीओ द्वारा विद्यालय के एचएम और शिक्षकों पर मनगढ़ंत आरोप लगाया जाता है बाद में शो कॉज और निलंबन का भय दिखाकर अवैध वसूली का दबाव बनाया जाता है. शिक्षकों ने बताया कि आये दिन डीपीओ द्वारा मिड डे मिल में गड़बड़ी का हवाला दिया जाता है और बेतुके सवालों से उन्हें परेशान किया जाता है. जिन विद्यालयों में बिल्कुल व्यवस्थित ढंग से एमडीएम खिलाया जा रहा है उन्हें भी टारगेट बनाकर वसूली की जा रही है.

शिक्षकों ने बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि अगर 19 अगस्त तक एमडीएम डीपीओ अजीत सिंह को नहीं हटाया गया तो 20 अगस्त को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद भी अगर एमडीएम डीपीओ को नहीं हटाया गया तो 22 अगस्त से एमडीएम कार्यालय में अनिश्चित काल के लिये तालाबंदी की जाएगी.

शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस बाबत आयुक्त नर्मदेश्वर लाल एवं जिलाधिकारी दीपक आनंद से मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपा है.

छपरा: जय प्रकाश विवि द्वारा स्नातक द्वितीय खंड की परीक्षा 19 अगस्त से आयोजित की जाएगी. परीक्षा के आयोजन सम्बन्धी तैयारियों को लेकर विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ अनिल कुमार सिंह द्वारा सभी महाविद्यालय के प्राचार्यो को पत्र भेज दिया गया है. JPU 1

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परीक्षा नियंत्रक द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि स्नातक पार्ट 2 (2014 -2015) प्रतिष्ठा, सामान्य तथा व्यवसायिक परीक्षा 19 अगस्त से आयोजित की जाएगी. जिसकी सूचना महाविद्यालय के छात्र और छात्राओ की अनिवार्य रूप से दी जानी है.

प्रभात किरण हिमांशु

छपरा: छपरा के इतिहास में शनिवार 6 अगस्त के दिन  जो भी हुआ उसे लंबे समय तक याद किया जाएगा. आगजनी, तोड़फोड़, हंगामा, रोड़ेबाजी और पुलिसिया कारवाई के बीच लोगों ने खौफ का जो मंजर देखा और अपने दिलों में महसूस किया उसने भूलना छपरा के लोगों के लिए संभव नहीं है.

प्रदर्शनकारियों के हंगामे को अफवाहों ने भले चाहे जो भी दिशा देने की कोशिश की हो पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का डर उम्रदराजों से लेकर छोटे बच्चों को भी सताता रहा.
‘पापा शहर को क्या हुआ है’, बाजार क्यों बंद है, सड़क पर क्यों न खेलें’. ऐसे मासूम सवालों ने अभिभावकों के अंतरआत्मा पर ऐसी गहरी चोट पहुंचाई है जिसके जख्म को भरना इतनी जल्दी सम्भव नहीं है.

वायरल वीडियो को लेकर शुरू हुए हंगामे की चिंगारी इतना उग्र रूप ले लेगी ऐसा सोंचा भी नहीं गया था. 5 अगस्त को मकेर में हुआ हंगामा पुलिस ने जैसे-तैसे शांत तो करा दिया पर विरोध का स्वर छपरा बंद के रूप में फूट पड़ा. बंद के दौरान जो कुछ हुआ उससे सभी वाकिफ है. दुकाने जलीं, तोड़फोड़ हुआ और जवाबी कारवाई में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. शाम तक शहर में कर्फ्यू से हालात पैदा हो गए और छपरा पूरी तरह छावनी में तब्दील हो गया.

पुलिस दो दिनों तक हालात पर काबू पाने के दावे करती रही पर दावे और वादों के बीच आम लोगों ने जो झेला वो छपरा के लिए काला दिन साबित हुआ. अफवाहों पर बंदिश लगे इसके लिए इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई. बामुश्किल मोबाइल फोन ही अपनों का हाल जानने का एक मात्र जरिया बना. हर कोई परिचितों का हाल जानने के लिए परेशान दिखा.

हालाँकि गंगा-यमुना तहजीब को बरकरार रखने की जो सफल कोशिश की गई वो पुलिस के सजगता का ही परिणाम है वहीं आम लोगों ने भी सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के हर संभव प्रयास किये हैं. कुछ शरारती तत्वों ने भले ही माहौल बिगाड़ने का काम किया हो पर छपरावासियों ने धैर्य और संयम का सर्वश्रेष्ठ उद्धाहरण प्रस्तुत किया है.

फिलहाल जिला प्रशासन के हवाले से छपरा में पूरी तरह से शांति बहाल है. सुरक्षा कारणों से अगले आदेश तक धारा 144 लागू है और इंटरनेट सेवा पर भी पाबंदी जारी है. इन सब के बीच लोग आम जिंदगी में वापस लौट रहे हैं, पर छपरा में जो स्थिति बनी उसने आम से लेकर खास सबके बीच एक कठिन सवाल छोड़ दिया है.

छपरा: जिले में विधि व्यवस्था को कायम रखने के लिये शांति व्यवस्था बहाल होने के बाद भी धारा 144 को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है.

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि जिले में विधि व्यवस्था की समस्या को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत 5 अगस्त की संध्या 4 बजे से 8 अगस्त की संध्या 76 बजे तक लागू निषेधाज्ञा को सावन मास में हिन्दू श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों में पूजा अर्चना में व्याप्त तनाव की स्थिति के मद्देनजर असमाजिक तत्वों द्वारा विधि व्यवस्था में उत्पन्न किये जा रहे व्यवधान को देखते हुए धारा 144 की अवधि को 8 अगस्त की संध्या से अगले आदेश तक प्रभावी किया गया है. इस दौरान इन्टरनेट सुविधाओं पर भी पाबंदी लगाई गई है.

अधिकारियों और कर्मियों के अवकाश रद्द

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने विधि व्यवस्था के मद्देनजर सभी कर्मियों के अवकाश को रद्द कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश में है तो वे अविलम्ब अपने मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करें. सभी कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन करें.

जिलाधिकारी ने की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने एक बार पुनः जिले के नागरिकों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील करते हुए सभी से सहयोग की अपील की है.

सावन की तीसरी सोमवारी को शहर के अलग अलग शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की जबरदस्त भीड़ देखी गई.

शहर के मशहूर धर्मनाथ मंदिर में भी अहले सुबह से भक्तों की लाइन लग गई और महादेव शंकर की पूजा-अर्चना के लिए लोग लालायित दिखे.

भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखी और जगह जगह सैन्यबलों को गश्ती करते देखा गया.

दलित उत्पीड़न और फर्जी गौरक्षकों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी काफी गुस्से में हैं. रविवार को हैदराबाद में पीएम मोदी ने फर्जी गौरक्षकों और दलित उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ अपना गुस्सा ज़ाहिर किया और बेहद कड़े बयान दिए.

नरेंद्र मोदी ने कड़े शब्दों में कहा, ‘दलितों के उत्पीड़न किए जाने का हक किसी को नहीं है, अगर वार करना है तो मुझ पर करें, अगर गोली चलानी है तो मुझ पर चलाएं, मेरे दलित भाइयों पर नहीं.’

पीएम ने कहा कि दलितों के मुद्दे को समझने की ज़रूरत है और इसका राजनीतिकरण करना बंद होना चाहिए. दूसरी तरफ गौरक्षकों पर प्रधानमंत्री आज भी बरसे और कहा कि कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर समाज में तनाव फैलाने का प्रयास कर रहे हैं.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने ये बयान ऐसे वक्त में दिया है जब उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में दलितों के खिलाफ हिंसा की कई खबरें सामने आई हैं. इससे पहले दिल्ली में आयोजित टॉउनहॉन में भी मोदी ने फर्जी गौरक्षकों को असमाजिक तत्व करार दिया था.

फाइल फोटो

मकेर की घटना के बाद आहूत सारण बंद के दौरान शहर में कई जगह छिटपुट हिंसा और जगह जगह आगज़नी की गई और सड़क पर आवागमन पूरी तरह बाधित कर दिया गया. लेकिन, पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से शहर और ज़िले में स्थिती को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है. प्रशासन की ओर से पूरे शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और अब स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो गई है.

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बंद के दौरान उपद्रवियों ने कई दुकानें लूट लीं और आगज़नी भी की. शहर के खनुआ नाले इलाके में दो गुटों के बीच पथराव हुआ. सूचना पाते ही जिलाधिकारी दीपक आनंद और एसपी पंकज कुमार राज घटनास्थल पर पहुंचे और उपद्रवियों को खदेड़ा. इस दौरान हुए पथराव में जिलाधिकारी के पैर में चोट भी लग गई. इसके बावजूद जिलाधिकारी मौके पर डटे रहे और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी ताकत लगा दी.

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शहर में स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है लेकिन, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी चौक चौराहों पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों समेत भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, पुलिस महानिरीक्षक सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अलोक राज, डीआईजी अजित कुमार राय ने पूरे शहर का मुआयना किया.

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एसपी पंकज कुमार राज ने बताया कि वायरल वीडियो मामले में शुक्रवार को दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने कहा कि दोषियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में शांति व्यवस्था कायम करने के लिये अबतक बीएमपी के 300, ट्रेनिंग रिजर्व के 150 जवान, SSB, ITBP, RAF, STRF की एक एक कंपनी तैनात की गयी है.

वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी दीपक आनंद ने जिलेवासियों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर आप न देने की अपील की. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों और शरारती तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

छपरा: लायन क्लब की स्थानीय इकाई लियो क्लब ने छपरा शहर के पूर्वी छोर स्थित भिखारी चौक और पश्चिमी छपरा के श्याम चौक पर स्वागत बोर्ड लगाया गया. रविवार को स्वागत बोर्ड का उद्घाटन लायंस क्लब के उपजिलापाल द्वितीय डॉ एस के पाण्डेय ने किया.

इस अवसर पर लायन क्लब छपरा के सदस्यों के साथ-साथ लियो के अध्यक्ष कुंवर जयसवाल, उपाध्यक्ष विशाल कुमार, सचिव साकेत श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष निखिल गुप्ता, आदित्य अग्रवाल, अली अहमद, सिद्धार्थ कुमार, कबीर अहमद, विकास आनंद आदि सदस्य उपस्थित थे.

छपरा: शहर में आज सावन की पहली बारिश का लोगों ने जमकर आनंद उठाया. लगभग 2 घंटे तक जम कर हुई बारिश से शहर के सभी सड़कों गलियों में जलजमाव हो गया. जलजमाव से निचले क्षेत्रों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया.    

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शहर के गुदरी बाज़ार में जलजमाव का नज़ारा

बारिश की वजह से शहर की नारकीय स्थिति ने नगरपरिषद की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बीते कई दिनों से बारिश ने शहरवासियों के साथ आँख मिचौली का खेल जारी रखा था पर आज सावन महीने के दूसरे दिन हुई मूसलाधार बारिश ने उमस और गर्मी से लोगों को खासी राहत पहुंचाई है.

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बारिश के बाद स्कूल से लौटते बच्चे

 

हालाँकि शहर के थाना चौक, साहेबगंज चौक, मौना चौक, सरकारी बाजार, नगरपालिका चौक, भगवान बाजार, थाना रोड, गुदरी बाजार जैसे इलाक़ों में जलजमाव और कचड़े से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज राजेन्द्र महाविद्यालय के समंजन कर्मी इन दिनों भारी वित्तीय अनियमितता का दंश झेल रहे हैं. समंजन कर्मी वित्तीय अनियमितता एवं नियमित वेतन भुगतान नहीं किये जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. कर्मियों का धरना पिछले 22 जून से जारी है. 

हड़ताल पर बैठे समंजन कर्मी नवल किशोर सिंह ने बताया कि सामंजित कर्मचारियों के वेतन भुगतान के सन्दर्भ में जेपीयू के कुलसचिव ने दिनांक 27.05.2016 को पत्रांक 7701(R) के अंतर्गत महाविद्यालय को आतंरिक श्रोतों के माध्यम से भुगतान करने का निर्देश जारी किया. जिसके अनुसार महाविद्यालय में नामांकन पत्र के बिक्री से प्राप्त होने वाली राशि भी RTGS के जरिये उपलब्ध करा दी गई है. जिससे कर्मचारियों का भुगतान सुनिश्चित हो सके. धरना पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों का आरोप है कि कुलसचिव के निर्देश के बाद भी महाविद्यालय के प्राचार्य समंजन कर्मियों का भुगतान नहीं कर रहे हैं जो घोर वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है. कर्मचारियों का कहना है कि सभी नियमों को धत्ता बताते हुए कटऑफ डेट 11.12.1990 के बाद विभिन्न प्राचार्यों द्वारा नियुक्त कर्मियों को आतंरिक श्रोतों से भुगतान किया जा रहा और पूर्व के कर्मियों को नियमित भुगतान नहीं दिया जा रहा है.

कर्मचारियों ने बताया कि स्नातक नामांकन फॉर्म के बिक्री से महाविद्यालय को प्रतिवर्ष कुल 24 लाख रूपए की धनराशि प्राप्त होती है और स्नातकोत्तर नामांकन फॉर्म के बिक्री से प्रतिवर्ष कुल 16.50 लाख रूपए प्राप्त होते हैं. जबकि प्रतिवर्ष तृतीय और चतुर्थवर्ग समंजन कर्मीयों के वेतन भुगतान में कुल खर्च 24 लाख 48 हजार का है जो प्राप्त राशि से काफी कम है. अगर महाविद्यालय चाहे तो आसानी से सभी कर्मचारियों को वेतन भुगतान हो सकता है.

समंजन कर्मीयों की मांग है कि विश्वविद्यालय जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप कर सभी कर्मियों का भुगतान सुनिश्चित कराने के व्यवस्था करे अन्यथा समंजन कर्मी सामूहिक आत्मदाह का भी निर्णय ले सकते हैं.

इस खबर पर हमने राजेन्द्र कॉलेज के प्राचार्य से संपर्क करने की कोशिश की पर उनसे संपर्क नहीं हो सका.   

छपरा: पटना के कारगिल चौक पर पाकिस्तान और जाकिर नाइक के समर्थन में लगे नारों के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छपरा इकाई ने शहर के नगरपालिका चौक पर पाकिस्तान का झंडा जलाया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे विद्यार्थी परिषद के पूर्व संगठन मंत्री आशुतोष कुमार ने बताया कि पटना में पाकिस्तान के समर्थन में खुलेआम नारेबाजी की जाती है और बिहार सरकार इसपर कोई भी कारवाई नहीं कर रही है.  इसी के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् बिहार के साथ-साथ पूरे देश में विरोध -प्रदर्शन कर रहा है. अगर देश विरोधी ताकतों के खिलाफ जल्द करवाई नहीं किया गया तो संगठन आंदोलन को जल्द ही उग्र रूप देगा.

इस विरोध प्रदर्शन में आकाश कुमार, राजा कुमार, आकाश मोदी, प्रतिक कुमार समेत विद्यार्थी परिषद् के कई कार्यकर्त्ता मौजूद रहे.

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