Chhapra/Ekma : जिले के एकमा थाना क्षेत्र के केसरी बाजार के समीप अज्ञात अपराधियों ने एक मांस व्यवसाई को लूटपाट के दौरान उसे गोली मारकर घायल कर दिया.

घटना बुधवार शाम की है जब मांस दुकानदार बाजार से घर लौट रहा था. घटना को लेकर बताया जा रहा है कि मांस विक्रेता खलील अंसारी एकमा सहाजितपुर सड़क होते हुए जा रहा था इसी बीच केशरी बाजार के समीप नहर पुल पर हथियार बंद बाइक सवार दो अज्ञात अपराधियों ने उसपर धावा बोलते हुए मोबाइल व नकदी लूटने का प्रयास किया.

मांस विक्रेता के शोर मचाने पर केशरी गांव के ग्रामीण व दुकानदार मौके पर पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों के विरोध करने पर अज्ञात अपराधियों ने गोली चला दी जिसमे केशरी गांव निवासी विकास ठाकुर को गोली लग गयी. गोली लगने गंभीर रुप से घायल हो गया. वहीं फायरिंग करने के बाद बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गये. ग्रामीणों व एकमा थाना पुलिस की मदद से घायल विकास ठाकुर को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया. जहाँ उपचार के बाद घायल की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.इस मामले में एकमा थानाध्यक्ष राजेश चौधरी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी व कर्मी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु संभावित ठिकानों पर छापेमारी सहित मामले की जांच में जुट गए है.

Chhapra: नगर थाना क्षेत्र के मौना पकड़ी के समीप एक व्यक्ति से लुटेरों ने 1 लाख 40 हज़ार लूट की घटना को अंजाम दिया. केनरा बैंक से पैसा निकाल कर जा रहे व्यक्ति से लुटेरों ने पैसे लूट लिए.

पीड़ित व्यक्ति तरैया थाना क्षेत्र के फरीदपुर का निवासी अकबर अली है. पीड़ित ने बताया कि बैंक मे पीड़ित ने बताया कि घर बनाने के लिए बैंक से पैसे निकाल कर घर जा रहा था तभी मोना पकड़ी के समीप लुटेरों ने मुझसे पैसे छीन लिए. पैसे छीनने वाले में से एक व्यक्ति को लोगों ने पकड़ लिया. जमकर धुनाई की और फिर पुलिस को सौंप दिया.

अपराधी के प्राथमिक उपचार के बाद से नगर थाना लाया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. हालांकि पिछले दिनों से सारण जिले में अपराधिक घटनाओं में वृद्धि आई है.

इस्लाम धर्म के लोग पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के रूप में सेलिब्रेट करते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ये त्योहार तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है. इसकी सही तारीख को लेकर लोगों में बड़ी कन्फ्यूजन है. ईद-ए-मिलाद इस बार 29 अक्टूबर की शाम से लेकर 30 अक्टूबर की शाम तक रहेगा. हालांकि भारत में ये त्योहार 30 अक्टूबर को ही सेलिब्रेट किया जाएगा.

भारत में 19 अक्टूबर से रबी-उल-अव्वल का महीना शुरू हो चुका है. पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में इस दिन समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के चलते ऐसा होना मुश्किल है.

पैगंबर मोहम्मद का जन्म अरब के रेगिस्तान के शहर मक्का में 571 ईस्वी में 12 तारीख को हुआ था. पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था. जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई. मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे. इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था.

Chhapra: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के प्रभुनाथ नगर में मकान निर्माण में लगे मजदूर की छत के छज्जा से गिरकर मौत हो गयी. मृतक मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मेहिया गांव निवासी रुदल मांझी के 40 वर्षीय पुत्र वीरेंद्र मांझी बताया गया.

बुधवार को घटी इस घटना को लेकर बताया जाता है कि मृतक निर्माणाधीन घर की छत के छज्जा पर कार्य कर रहा था इसी दौरान वह गिर गया. गिरने के बाद घायल मजदूर को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.

भगवान बाजार थाना की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया तथा परिजनों को सौंप दिया.

Chhapra: दुर्गा पूजा को लेकर रविवार को भगवान बाजार थाना में शांति समिति की बैठक हुई. इस बैठक में दुर्गा पूजा में शांति और सौहार्द बना  पूजा करने पर चर्चा की गई. इस दौरान सदस्य सत्येंद्र कुमार सिंह व थानाअध्यक्ष मुकेश कुमार झा ने समिति के सदस्यों से पूजा में किसी भी तरह की आपसी सौहार्द न न बिगड़े इसको लेकर सख्त निर्देश दिए. वही करोना वैश्विक महामारी को लेकर अपने घर में ही पूजा पाठ करने की बात कही.

वहीं समिति के सदस्यों ने सीओ से यह अपील की कि दुर्गा पूजा में पंडाल तथा मूर्ति  रखकर पूजा करने की अनुमति दी जाए मगर सीओ ने वरीय अधिकारियों व गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि जो मूर्ति अभी बन गई है, उसे रख कर पूजा करें मगर अब से कोई मूर्ति व पंडाल का निर्माण नहीं किया जाएगा.

सभा के अंत में किसी भी तरह का निर्णय ना होने से सदस्यों की नाराजगी भी देखने को मिली. सदस्यों में केदारनाथ सिंह वार्ड पार्षद मुन्ना सिंह खुसरू खान विजय कुमार, निरंजन कुमार,आशीष कुमार समेत कई लोग शामिल थे.

नीरज सोनी  

अकेला चना क्या भाड़ फोड सकता है? यह सवाल हमेशा दिमाग में उठता है जब हम सरकारी तंत्र की मार खाते हैं. लेकिन लोकतंत्र में ऐसे कई चने हुए जिन्होंने अकेले ही घड़े रूपी सरकार को तोड़ दिया. जयप्रकाश नारायण एक ऐसे ही शख्स थे जिन्होंने अपनी जिंदगी देश के नाम कर दी और अकेले दम पर तत्कालीन इंदिरा गाँधी की सरकार को दिन में तारे दिखला दिए.

देश में समाजवादी आंदोलन में अहम भूमिका निभाने और लोकतंत्र को दोबारा जिंदा करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कल 118 वीं जयंती है। उनके निधन को 43 बरस बीत चुके हैं, लेकिन आज तक उनके व्यक्तित्व का सही तरीके से यह आकलन नहीं हो पाया है कि उनकी मूल राजनीतिक विचारधारा क्या थी, वह देश में किस तरह की राजनीतिक प्रणाली चाहते थे? किसी भी तरह का चुनाव लड़े बिना आखिर वह किस लोकशाही की बात करते थे?

भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण छात्र जीवन से ही महात्मा गांधी की विचाराधारा से प्रभावित थे और 18 वर्ष की उम्र में असहयोग आंदोलन में शरीक हो गए थे, जयप्रकाश नारायण का नाम जब भी जुबां पर आता है तो यादों में रामलीला मैदान की वह तस्वीर उभरती है जब पुलिस जयप्रकाश को पकड़ कर ले जाती है और वह हाथ ऊपर उठाकर लोगों को क्रांति आगे बढ़ाए रखने की अपील करते हैं. जयप्रकाश नारायण ही वह शख्स थे जिनको गुरू मानकर आज के अधिकतर नेताओं ने मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा की है. लालू यादव, नीतीश कुमार, मुलायम सिंह यादव, राम विलास पासवान, जार्ज फर्नांडिस, सुशील कुमार मोदी जैसे तमाम नेता कभी जयप्रकाश नारायण के चेले माने जाते थे लेकिन सत्ता के लोभ ने उन्हें जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से बिलकुल अलग कर दिया.

निःसंदेह जयप्रकाश नारायण जैसे सपूतों को पाकर भारत माँ ने अपनी कोख की अवश्य सराहना की होगी. मानवता के मूल्यों को और स्वयं मानवता को अन्धकार से निकालकर प्रकाश में लाने के लिए जयप्रकाश जी ने जीवन भर संघर्ष किया, जूझे पर झुके नहीं पथ से मुड़े नहीं. मातृभूमि का कण- कण बोल उठा जयप्रकाश शतायु हो जनवरी 1921 ई. में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में पटना में एक विशाल सभा हुई उनके भाषण का जयप्रकाश जी पर बहुत गहरा असर पड़ा. उन्होंने दूसरे दिन ही कॉलेज छोड़ दिया, और अपने ससुर जी की सलाह पर राजेन्द्र बाबू की निगरानी में सदाकत आश्रम में चल रहे विद्यापीठ में चले गए. इंटर का इम्तिहान दिया और ऊँचे नम्बरों से इंटर पास किया. बम्बई में अक्टूबर 1934 ई. को कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी को बकायदा कायम किया गया. जयप्रकाश जी उस नई पार्टी के जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किये गए. 7 मार्च 1940 ई. की शाम को जयप्रकाश नारायण जी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस उन्हें जमशेदपुर जेल ले गयी और वहाँ उन्हें चाईवास जेल में बंद कर दिया गया. ‘‘ भारत छोड़ो आन्दोलन’’ के दौरान जयप्रकाश जी हजारीबाग़ जेल में बंद थे. इस जनक्रांति के आन्दोलन में भाग लेने के लिए उनकी आत्मा छटपटा रही थी. उन्होंने जेल से भागने का निश्चय किया. 6 नवम्बर 1942 को दिवाली के अवसर पर जेल के सभी कर्मचारियों और कैदियों के लिए दावत और नाच गाने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राम वृक्ष बेनीपुरी जी इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे.

उसी समय जयप्रकाश जी जान की बाज़ी लगाकर नई धोती की रस्सी बनाकर छः मिनट में जेल की दीवार लांघ गए और बाहर निकल गए. बारह घंटे तक रामवृक्ष बेनीपुरी जी ने जयप्रकाश जी बीमारी का बहाना कर के किसी को पता नहीं चलने दिया कि वे जेल से भाग गए है. ब्रिटिश सरकार ने जयप्रकाश जी को जिन्दा या मुर्दा पकड़वाने के लिए दस हजार का ईनाम रखवाया.

उन्होंने नेपाल में आज़ाद दस्ते का गठन किया.1943 ई. में उन्हें एक बार फिर चलती ट्रेन से उन्हें और डॉ. लोहिया को गिरफ्तार कर लिया गया. गांधी जी ने यह साफ़ कर दिया कि दोनों की रिहाई के बिना अंग्रेज सरकार से कोई भी समझौता संभव नहीं है इसके फलस्वरूप दोनों को 1946 ई. में रिहा कर दिया गया. 1954 ई. में उन्होंने गया और बिहार में विनोवा भावे के सर्वोदय आन्दोलन में जीवन समर्पण की घोषणा की .जयप्रकाश जी ने तत्कालीन लोकनीति के पक्ष में राजनीति छोड़ दिया.1960 ई. में वे पुनः राजनीति में आ गए. 1974 ई. में किसानों के बिहार आन्दोलन में उन्होंने सक्रीय भूमिका निभाई.

बिगडती तबियत के बावजूद उन्होंने तात्कालीन सरकार इंदिरा गाँधी के प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध और भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन किया. उनके नेतृत्व में गुजरात में पीपुल्स पार्टी ने चुनाव जीता. 1975 ई. में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो आन्दोलन के दौरान वे 600 व्यक्तियों के साथ बंदी बना लिए गए. 7 महीने जेल में रहने के बाद तबियत खराब होने की वजह से उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया. उनका निधन 8 अक्टूबर 1979 ई. को ह्रदय रोग और मधुमेह के कारण हुआ.

उनके निधन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की….

यह लेखक के निजी विचार है | लेखक नीरज सोनी  

Patna: विधान परिषद के द्वीवार्षिक चुनाव के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है.

भाजपा ने बिहार और कर्नाटक में होने वाले चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी की है.

 

बिहार के कोसी स्नातक क्षेत्र से एन के यादव

पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से नवल किशोर यादव

दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से सुरेश राय

तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से नरेंद्र सिंह और

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चन्द्रमा सिंह को पार्टी ने स्वीकृति प्रदान की है.

बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति ने इन प्रत्याशियों को अपनी स्वीकृति दे दी है. राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हवाले से प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने विज्ञप्ति जारी करते हुए यह जानकारी दी.

Chhapra: सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में नामांकन के लिए अब दो दिन और शेष है. नामांकन 5 अक्टूबर तक किये जा सकेंगे .

नामांकन के पांचवे दिन दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन किया जिनमें जयप्रकाश विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ लाल बाबू यादव और बिहार इंटरमीडिएट वित्त रहित शिक्षक महासंघ के महासचिव गणेश प्रसाद सिंह शामिल है.

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इसके साथ ही इस सीट पर चुनाव के लिए अबतक सात नामांकन हो गए है.

1. लालू प्रसाद यादव —           निर्दलीय
2. डॉ अशोक कुमार यादव — निर्दलीय
3. डॉ रणजीत कुमार —          निर्दलीय
4. केदारनाथ पाण्डेय —          सीपीएम समर्थित प्रत्याशी
5. डॉ चन्द्रमा सिंह —               एनडीए समर्थित प्रत्याशी
6. डॉ लाल बाबू यादव —         निर्दलीय
7. गणेश प्रसाद सिंह —            निर्दलीय

नामांकन का अंतिम दिन 5 अक्टूबर है जिसके बाद 6 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी. विधान परिषद् की सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सीट में लिए मतदान 22 मार्च को होगा.

Chhapra: 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयन्ती के अवसर पर आयुक्त सारण प्रमंडल राबर्ट एल चोंग्थू , पुलिस उप महानिरीक्षक सारण क्षेत्र विजय कुमार वर्मा, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, पुलिस अधीक्षक धुरत सायली शावला राम के द्वारा छपरा स्थित गाँधी चौक पर स्थापित महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गयी. इस अवसर पर जिला प्रशासन के सभी वरीय पदाधिकारी एवं शहर के गणमान्य लोगों ने भी महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया. कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन सारण के द्वारा किया गया था.

Chhapra: अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् छपरा नगर इकाई द्वारा स्थानीय कार्यालय में भारत के दो महापुरुष पूज्य महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री की जंयती के उपलक्ष्य पर उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

इस उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय संगठन मंत्री धीरज कुमार ने कहा कि भारत के ऐसे दो महापुरुष अपने व्यक्तिव व कार्य से भारत ही नहीं अपितु विश्व को सत्य, अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया. बापू ने प्रत्येक भारतवासी को जाति-धर्म एवं ऊंच-नीच की संकीर्णताओं से ऊपर उठ कर सामाजिक समरसता के मार्ग पर चलना सिखाया. बापू का जीवन-दर्शन एवं आदर्श सदियों तक मानव जाति का पथ आलोकित करते हुए हमें मुश्किल समय में सदैव राह दिखाते रहेंगे. वहीं भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से युवा प्रेरणा लें एवं उनके विराट व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को अपने जीवन में उतारें. ईमानदारी, कर्मठता, दृढ़ता, देशभक्ति, राष्ट्रीय स्वाभिमान, सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं शुचिता, निर्णय क्षमता जैसे सद्गुणों को अवश्य ही अपनाया जाना चाहिए.

इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री अभिमन्यु कुमार, विशाल कनोडिया, प्रशांत सिंह, अमर पांडेय, बिकेश बिहारी, प्रकाश कुमार बादल, जयनंदन पंडित, सोनू कुमार, गुलशन कुमार मौके पर उपस्थित रहें.

Chhapra: अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था लायंस क्लब द्वारा एसएस अकैडमी खैरा में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन लायन धीरज कुमार सिंह द्वारा किया गया. इस प्रतियोगिता के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.

लायन धीरज कुमार ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें दर्जनों छात्र छात्राओं ने भाग लिया. इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रियांशी कुमारी, द्वितीय स्थान प्रिंस कुमार यादव और तृतीय स्थान अंजली कुमारी ने हासिल किया. सभी को एस एस एकेडमी एवं लायंस क्लब द्वारा पुरस्कार दिया गया. इस अवसर पर संभावना पुरस्कार पाने वाले खुशी कुमारी, रितिका कुमारी, प्रेम सिंह, विशाल कुमार, मदन कुमार, उज्वाला खान, जीतू कुमार, गुड़िया कुमारी, कन्या कुमारी आदि ने हासिल किया. एस एस एकेडमी एवं लायंस क्लब छपरा के सदस्यों में छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की.

• जिले के सभी प्रखंडों में पौधारोपण कार्यक्रम का किया गया आयोजन
• आईसीडीएस निदेशालय के निर्देश के आलोक में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित

• पौधा लगाने के लिए आम जनों को भी किया गया प्रेरित
• बच्चों एवं आम लोगों को स्वच्छता के प्रति किया गया जागरूक

Chhapra राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविकाओं के द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आईसीडीएस निदेशालय के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सेविकाओं के द्वारा फलदार पौधे लगाए गए। आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका, सहायिकाओं द्वारा घर-घर जाकर पोषण से संबंधित फलदार पौधे लगाए गए। सेविकाओं ने आम, पपीता एवं शरीफा आदि के पौधे लगाए तथा इसके गुणों को बताया। लाभुकों को पौधों की देखरेख करने के लिए प्रेरित किया गया। डीपीओ बंदना पांडेय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण अति आवश्यक है। सभी को एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। जहां हरियाली होगी, वहीं खुशहाली होगी। इस उद्देश्य के साथ पौधारोपण का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के साथ पौधों की सुरक्षा करना भी जरूरी है। पौधे लगाने के बाद उसके अच्छी तरह से देखभाल करें तथा नियमित रूप से पानी देते रहें ताकि पेड़ -पौधे सूखे नहीं और भविष्य में एक बड़ा पेड़ के रूप में हमें स्वच्छ हवा, फल, छाँव जैसे सुविधा प्राप्त हो सके।

स्वच्छता अभियान पर भी जोर

आईसीडीएस के डीपीओ बंदना पांडेय ने बताया कि महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर पौधारोपण के साथ ही स्वच्छता पर भी जोर दिया गया। आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा क्षेत्र भ्रमण पर बच्चों को उनके माता-पिता को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर पूरे जिले में एक साथ स्वच्छता के लिए अभियान चलाया गया। सेविकाओं ने कहा कि हमलोग स्वच्छता के प्रति गंभीर है। देश को स्वच्छ बनाने के लिए ख़ुद गंदगी नहीं फैलाने और दूसरों को गंदनी फैलाने से रोकने की जरूत है। तभी हमारा देश स्वच्छ बन पायेगा।

लगाए गए यह पौधे

आईसीडीएस के जिला परियोजना सहायक आरती कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में कई फलदार पौधे लगाए गए। जिसमें पपीता शहजान आम अमरूद तुलसी के पौधे शामिल है।

स्लोगन के माध्यम से किया गया जागरूक

राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि सेविकाओं के द्वारा स्लोगन लेखन के माध्यम से आम जनों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया तथा अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी किया गया। सेविकाओं द्वारा- जहां हरियाली वहां खुशहाली, भविष्य हमारा खुशहाल बनेगा अगर आज से वृक्ष बचेगा, एक जीवन हर आंगन स्वच्छ पर्यावरण, पेड़ पौधे हैं मानव के लिए वरदान मत करो इनका अपमान एवं जागरूक बनिए वृक्षों को काटने से बचिए जैसे स्लोगन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया।