Chhapra: छपरा विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को वोटिंग की जाएगी. फिलहाल किस पार्टी से किसे टिकट मिलेगा यह अभी तय नहीं हो सका है” वहीं दूसरी तरफ विधायक बनने की चाहत में छपरा में डेढ़ दर्जन अधिक नेता लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं.

शहर में जलजमाव बीते कुछ सालों में बड़ा मुद्दा बन गया है, चुनाव के समय लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि जिन इलाकों में ज्यादा जलजमाव है उन इलाकों में नेता कैसे वोट मांगने जाएंगे, शहर के जो इलाके जलमग्न हो गए हैं उनमें इलाके के लोगों का कहना है कि यदि कोई भी वोट मांगने आया तो सबक सिखाया जाएगा.

आपको बता दें कि छपरा शहर के आधा दर्जन से अधिक इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. कई सालों से जनप्रतिनिधियों द्वारा बस आश्वासन ही मिला है, लेकिन इन इलाकों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है, जो मोहल्ले जल जमाव से पूरी तरह से त्रस्त हैं, उनमें प्रभुनाथ नगर, शक्ति नगर, उमा नगर कटहरी बाग, गुदरी, सरकारी बाजार, मौना, गांधी चौक से दक्षिण, भगवान बाजार थाना रोड समेत कई अन्य इलाके हैं.

इलाके के लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों को जलजमाव की समस्या याद आ रही है, लोग वोट मांगने आने वाले जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ लोग सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों को कोसते कोसते थक गए हैं, लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है.हर रोज सोशल मीडिया पर शहर के कई मुहल्ले की तस्वीरें सामने आ रही है, जो पूरी तरह से जलमग्न है लोग इसके लिए नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को खूब खुश रहे हैं, हालांकि लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि जिन इलाकों में सड़कों पर कई फीट पानी लगा हुआ है उधर नेता जनसम्पर्क कैसे करेंगे. पिछले 5 सालों में ना तो प्रभुनाथ नगर की समस्या का समाधान हुआ, ना ही खनुआ नाला साफ हो सका, यहीं नहीं शहर के कई और इलाके जलमग्न होने लगे.

Chhapra: शहर में भारी बारिश के बाद उत्पन्न जलजमाव की स्थिति से अब महाविद्यालय भी पीछे नहीं है. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज राजेंद्र महाविद्यालय परिसर में भारी जलजमाव के कारण महाविद्यालय प्रशासन ने इसे तत्कात प्रभाव से बंद रखने का निर्णय लिया है.

महाविद्यालय के परिसर में 4 से 5 फीट पानी भर चुका है. जिससे आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस विषम परिस्थिति में महाविद्यालय को 30 सितंबर 2020 तक तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है.

प्राचार्य के आदेश से महाविद्यालय के द्वारा आदेश में कहा गया है कि इस दौरान इंटरमीडिएट पंजीयन हेतु BCA भवन में स्पेशल काउंटर पर कार्य संपादित होगा तथा शिक्षिकेत्तर कर्मचारी छात्रों से फॉर्म जमा लेंगे, जिन्हें बाद में अपडेट कर दिया जाएगा.

Chhapra: शहर में बीती शाम से देर रात तक हुई बारिश ने आम से खास सबको पानी पानी कर दिया है. नगर निगम, जिला परिषद, नगर थाना, अभियंता जिला परिषद, डीडीसी आवास यहां तक कि जज कॉलोनी में भी जलजमाव की स्थिति है.जब ख़ास लोगों के कार्यालय से लेकर ऑफिस तक जलजमाव है तो आएम जनता कैसे अपनी जिंदगी के लिए जूझ रही है आप अन्दाजा लगा सकते है.

गरीबो के लिए बुधवार की रात कयामत की रात

बुधवार को शाम करीब 6 बजे से प्रारंभ हुई बारिश देर रात 2 बजे तक बरसी है. कभी कम कभी ज़्यादा ऊपर से आकाशीय बिजली की आवाज़ गरीब ने अपने सीने पर ही हाथ रख रात गुजारी है. सड़कों के किनारे रहने और अपना जीवन गुजार बसर करने वाले लोगों के लिए बुधवार की रात कयामत की रात थी.

डीएम, एसपी आवास से लेकर जज आवास की सड़क पर था एक फिट जलजमाव

रात के 10 बजे शहर के दरोगा राय चौक से लेकर, सदर अस्पताल, जिला अधिकारी आवास, पुलिस अधीक्षक आवास, डीडीसी आवास, जिला परिषद अध्यक्ष आवास, नगर थाना, समाहरणालय, नगरपालिका चौक, जोगिनिया कोठी सड़क हर तरफ सड़कों पर एक फिट से ज्यादा पानी था.सदर अस्पताल में घुटना तक पानी

गुरुवार की सुबह कई आवासों, मुख्य सडकों से पानी निकल चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी नगर निगम, जिला परिषद आवास, डीडीसी आवास, नगर थाना, दरोगा राय चौक के साथ मुख्य रूप से छपरा सदर अस्पताल में घुटने तक पानी है. मरीज और उनके परिजन अपनी जान बचाने के लिए उसी घुटने तक पानी मे आने जाने को विवश है.

जलजमाव से सदर अस्पताल में संक्रमण का ख़तरा

सबसे ज्यादा विकट परिस्थिति सदर अस्पताल की है. जहां मुख्य द्वार के साथ परिसर में घुटने तक पानी है. इमरजेंसी वार्ड के सामने लबालब पानी मे ही मरीज आ रहे है. वही बगल के सुलभ शौचालय का पानी, मलमूत्र जलजमाव में घुलमिल गया है और परिसर में फैला है.सुबह सुबह ही जज कॉलोनी से पंप के सहारे निकला पानी

जज कॉलोनी से सुबह सुबह जलजमाव को हटाने के लिए पंप चलाया गया. लेकिन अस्पताल से जलजमाव को हटाने के लिए प्रशासन चिर निद्रा में सोई रही. 10 बजे तक ना अस्पताल के सफाई कर्मचारी थे ना नगर निगम के कर्मी जिससे कि जलजमाव हटाया जा सके पंप तो दूर की बात है.

बहरहाल चुनावी वर्ष में सड़कों पर जनता का सेवक बनने का दम भर रहे भावी जनप्रतिनिधि इस विपदा में नदारद है. 

 

Chhapra: बीती रात हुई बारिश से शहर के विभिन्न इलाकों में हुए जलजमाव के लिए नगर निगम के तीन कर्मियों को शो कॉज किया गया है. शहर में हुए जल जमाव के लिए नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने नगर निगम के इन तीनों कर्मियों को शो कॉज नोटिस जारी किया है. जिसमें एक जमादार और दो वार्ड इंस्पेक्टरों को निगम की ओर से सो कॉज नोटिस भेजा गया है.

बारिश से पहले सभी नालों की सफाई के थे निर्देश, नही कराई सफाई

नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने बताया कि बारिश से पहले नालों की सभी नालों की साफ़ सफाई के लिए निर्देश दिए गये थे. लकिन इन कर्मियों के लापरवाही से नालियों की सफाई नही हुई. जिस वजह से शहर के विभिन्न जगहों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हुई है.

नगर आयुक्त द्वारा जारी किये गये शो कॉज नोटिस के बाद अब इन कर्मियों पर कार्रवाई होनी तय है. इसके अलावें नगर आयुक्त ने बताया कि जिस भी जमादार या वार्ड इन्पेक्टर के सम्बन्धित वार्ड में गंदगी या जलजमाव होगा उसके ऊपर कार्रवाई की जायेगी.

गौरतलब है कि शनिवार को रात भर हुई बारिश ने पूरे छपरा की सूरत बिगाड़ कर रख दी. शहर के कई मोहल्लों और सडकों पर घुटने भर पानी भर गया. कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति पैदा हो गयी और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. साथ ही सड़कों पर पानी लगने से लोगों को काफी परेशानी झेलने पड़ी.

नगर आयुक्त ने निकलवाया पानी

जिसके बाद नगर आयुक्त अजय सिन्हा और कनीय अभियंता सत्येन्द्र श्रीवास्तव ने शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा किया. साथ ही कई स्थानों पर नालों की सफाई करा-कर पानी के निकासी की व्यवस्था भी कराई. नगर आयुक्त में राहत रोड पर लगने वाले पानी की निकासी के लिए मज़दूर लगाकर पानी निकलवाया. इस दौरान नगर आयुक्त ने पाया कि कर्मियों द्वारा नालियों की सफाई नहीं कराई गयी है. जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है.

Chhapra: नगर निगम के वार्ड 10 का यह नजारा कोई नया नही है. यह वही बजरंग नगर है जहां नाले का पाली सालों सड़क पर बहता रहा है. इस इलाके में नाले की जलनिकासी व्यवस्था दुरुस्त नही होने से नाले का पानी सड़क पर ही बह रहा है. जिससे लोगों को आने जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.लोग इसी कीचड़ के रास्ते आने जाने को मजबूर हैं. लेकिन लोगों को भी अब इस गंदगी की आदत सी हो गई है.

आसपास के लोगों का कहना है कि उन्होंने वार्ड आयुक्त रेखा देवी चौहान से कई बार इसकी शिकायत की है, लेकिन यहां की स्थिति बद से और भी बद्दतर हो गई है. इस रास्ते से आना जाना मुश्किल हो गया है. लोगों ने वार्ड आयुक्त पर ठीक से कार्य न करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि वार्ड आयुक्त अगर ठीक से कार्य करतीं तो यह समस्या अब तक खत्म जो गयी रहती.

एक बात और है कि शहर के इसी इलाके में सबसे ज्यादा कोचिंग संस्थान भी चलाए जाते हैं. जहां प्रत्येक दिन हज़ारों छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं. हर रोज़ उन्हें इस कीचड़ को पार कर आना जाना होता है. कोचिंग संचालकों ने भी कभी इसके खिलाफ कोई कारगर कदम नहीं उठाया है.

  • स्थानीय लोग और कोचिंग संस्थान करें पहल
  • शहर के एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है बजरंग नगर
  • जनप्रतिनिधियों को कई बार दिया आवेदन, नहीं हुई कार्रवाई 

Chhapra: गर्मी के दिन में सड़क पर जलजमाव की स्थिति देख कर चौकिये नही. यहां सालों भर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है. आसपास के लोगों के साथ साथ राहगीर भी अब इस नरक के आदि हो चुके है. हम बात कर रहे है शहर के एजुकेशन हब के रूप में जाने जाने वाले बजरंग नगर की. सुबह से शाम तक सैकड़ों बच्चे यहां विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ने के लिए पहुंचते है. इन सभी को जलजमाव की बदत्तर हालात से जूझना पड़ता है. इसका असर इस रास्ते गुजरने वाले राहगीरों पर भी देखने को मिलता है. इसी रोड पर आगे चलकर छपरा का प्रतिष्ठित राजेन्द्र कॉलेज भी है.

इस समस्या से यहां के निवासी त्रस्त है. बावजूद इसके किसी ने इसके निजाद की पहल नही की. यहां तक कि कोचिंग संस्थानों के द्वारा बच्चों की समस्या के मद्देनजर भी कोई पहल नही किये जाने से समस्या भयावह रूप लेती जा रही है. प्रशासन, नगर निगम और जनप्रतिनिधि की भूमिका भी नकारात्मक रही है. बजरंग नगर छपरा नगर निगम के वार्ड 10 में आता है. यहाँ से रेखा देवी चौहान वार्ड पार्षद है. उनके द्वारा भी सफाई और जल निकासी की कोई व्यवस्था नही की जा रही है. इस समस्या पर जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक के लचर रैवैये से लोगों में रोष है.

शहर के एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है बजरंग नगर

हाल के दिनों में बजरंग नगर में सैकड़ों की संख्या में खुले कोचिंग संस्थानों के कारण यहाँ शहर का एजुकेशन हब बन गया है. सैकड़ों की संख्या में छात्र ट्यूशन पढने सुबह की पहली किरण के साथ ही यहाँ पहुँचने लगते है. यहाँ पढने आने वाले बच्चे बच्चियों को जलजमाव की परेशानी से दो चार होना पड़ता है. छात्रों की इस समस्या पर उन्हें शिक्षा देकर पैसा कमा रहे कोचिंग संस्थानों के संचालकों का भी ध्यान नहीं है.

जनप्रतिनिधियों को कई बार दिया आवेदन, नहीं हुई कार्रवाई 

स्थानीय लोग बताते है कि इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार विधायक तक को आवेदन दिया गया पर किसी तरह की कोई पहल इसके समाधान के लिए फिलहाल नहीं हुई है. जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए है.       

क्या है कारण
मुहल्लेवासी बताते है कि जलजमाव का मुख्य कारण नाले के पानी का नही निकलना है. कई भवनों के निर्माण और सड़क के ऊंचा होने से नाले के पानी में बहाव नही होने से आसपास फैल जाता है जिससे जलजमाव हो जाता है.

स्थानीय लोग और कोचिंग संस्थान करें पहल

कुछ लोगों का कहना है कि यहाँ जलजमाव से छुटकारा मिल सकता है अगर स्थानीय लोग और कोचिंग संस्थान के संचालक एक साथ आये. सभी के सहयोग से बिना सरकारी सहयोग के भी इस जलजमाव से निजाद पाया जा सकता है पर किसी को इसकी सुध नही है. सभी नारकीय स्थिति में जीने को विवश है. या यूँ कहे तो दूसरे के पहल का इंतज़ार कर रहे है.   

बीमारियों का भी है खतरा
जलजमाव से गर्मी के दिनों में मच्छर पनपते है जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. आसपास पढ़ने आने वाले बच्चों से लेकर स्थानीय लोगों पर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. वही दूसरी ओर इस जलजमाव से कुछ ही दूरी पर एक प्रतिष्ठित चिकित्सक का क्लीनिक भी है जहां रोज मरीज इलाज कराने पहुंचते है. इस जलजमाव की समस्या से स्थानीय लोगों को कब निजाद मिलती है देखने वाली बात होगी.

Chhapra: शहर को स्वच्छ रखने और स्वच्छ शहरों के श्रेणी में शुमार कराने के उद्देश्य से इन दिनों स्वच्छता सर्वे की जा रही है. स्वच्छता सर्वे के माध्यम से शहर को सफाई के अनुसार रैंकिंग मिलेगी. शहर के तमाम चौक चौराहों पर इसे लेकर होर्डिंग्स के माध्यम से लोगों से आग्रह किया जा रहा है की वे अपने शहर को रैंकिंग देकर आगे रखने में भूमिका निभाए. इसके लिए सभी से एक ऐप डाउनलोड कर उस पर वोटिंग करने का अनुरोध किया गया है. इस ऐप के माध्यम से लोग गन्दगी की शिकायत भी कर सकते है.

इन सब के बीच शहर के कई ऐसे सड़क गली मोहल्ले है जहाँ स्वच्छता नाम की कोई चीज दिखती ही नहीं है. ऐसे में लोग अपने शहर को स्वच्छता के पायदान में आगे रखने की पहल में सहयोग करने से कतरा रहे है. लोगों का कहना है कि शहर में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है. मुख्य सड़क पर जलजमाव हो या कचड़ा प्रबंधन नगर निगम अपने दायित्वों के प्रति सजग नहीं दिख रहा है.

ऐसे में स्वच्छता के रैंकिंग में बेहतर स्थान पाना नामुमकिन सा प्रतीत होता है. ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल है कि कैसे मिलेगी स्वच्छ शहर की बेहतर रैंकिंग.

आपको बता दें कि पिछली बार स्वच्छता रैंकिंग में छपरा का स्थान 422वां था. 

स्वच्छ सर्वेक्षण: बिहारशरीफ सूबे का सबसे साफ़ शहर, पटना 262वें और छपरा 422वें स्थान पर

Chhapra: शहर को जलजमाव से निजात दिलाने का स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी का प्रयास अब रंग लाया है. छपरा शहर के विभिन्न मुहल्लों से जल निकासी की व्यवस्था को सुदढ करने के लिए सांसद ने नगर निगम के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कई बार बैठकें की. इन बैठकों में स्थानीय सांसद ने स्थानीय अधिकारियों को शहर से जल निकासी की कई युक्तियां व उपाय बताये. अब सांसद के प्रयास ने रंग लाया है और छपरा शहर का प्रमुख इलाका प्रभुनाथ नगर सहित कई इलाकों की जल निकासी के लिए जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है.

जिलाधिकारी ने पत्र के माध्यम से सांसद को सूचीत किया है कि उनके सुझाये गये जल निकासी के तरीकों के अनुसार जिला प्रशासन ने अपने मातहत कर्मियों को काम मे तेजी लाने का निर्देश दिया है. इसी संदर्भ जिलाधिकारी ने छपरा कचहरी रेलवे स्टेशन से सांढ़ा ढ़ाला तक ओवर ब्रिज बनाने वाली कंपनी इरकान को प्रभुनाथ नगर, टांड़ी और सांढ़ा मुहल्लों में जल जमाव की स्थिति को सुधारने के लिए पीसीसी कलवर्ट का अविलंब निर्माण करवाने का आदेश निर्गत किया है. नवनिर्मित नाले को खनुआ नाला से जोड़ कर इन मुहल्लों में जल जमाव की स्थिति को हमेशा के लिए खत्म किया जायेगा.

इस संबंध में श्री रुडी ने कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था को जाममुक्त बनाने के लिए विगत वर्ष छपरा कचहरी से सांढ़ा ढाला तक ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया था. निर्माण के दौरान ओवरब्रिज के नीचे पहले से ही बने नाले से जल निकासी बंद हो गई थी. निर्माण कंपनी द्वारा नाले का निर्माण किया गया था पर गलत निर्माण के कारण आस पास के कई मुहल्लों को काफी परेशानी हो रही थी, पर अब नाला निर्माण के बाद इन क्षेत्रों में न बरसात में जल जमाव होगा और न ही प्रतिदिन की जल निकासी की परेशानी होगी.

साथ ही सांसद ने बताया कि छपरा शहर के अन्य कई इलाके भी जल निकासी का पुख्ता इंतजाम नही होने के कारण समस्याग्रस्त है. इसी संदर्भ में शहर के कुछ इलाकों की जलनिकासी वाले छोटे छोटे नालों को नखुआ नाला में मिलाये जाने का प्रस्ताव शीघ्र कार्यान्वित होने वाला है. नखुआ नाला की भी चौड़ाई और गहराई को बढ़ाकर इसका उन्नयन किया जायेगा.

विदित हो कि सांसद ने जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के साथ जल जमाव वाले स्थान का निरीक्षण भी किया था और स्थानीय लोगों को इससे निजात दिलाने का आष्वासन भी दिया था. इस कार्य के लिए सारण के डीडीसी रोशन कुशवाहा का नोडल अधिकारी बनाया गया था. श्री रुडी के इसी प्रयास के फलस्वरुप जिलाधिकारी ने निर्माण कंपनी को इस संदर्भ में आदेष निर्गत किया है.

छपरा: बारिश हर बार राहत लेकर आती है मौसम की गर्मी से राहत मिलती है पर सड़क पर जलजमाव और उससे होने वाली परेशानी राहत को आफत में बदल देती है.

शुक्रवार सुबह से जारी बारिश से शहरवासियों को गर्मी से राहत तो जरुर मिली है पर जलजमाव ने लगभग सभी मुहल्लों में स्थिति को नारकीय बना दिया है. जगह जगह जलजमाव से ऑफिस और कामकाज पर जाने वाले लोगों, स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

लोग घुटने भर पानी से गुजर कर आने जाने को मजबूर है. कई जगह तो सड़क पर दो पहिया वाहनों से भी चलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में बारिश शहरवासियों के लिए आफत ही साबित हो रही है.

 

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छपरा(कबीर): शहर का प्रभुनाथ नगर मुहल्ला इन दिनों पानी में डूबा हुआ है. मुहल्ले की लगभग सभी सड़कों पर जलजमाव है. जिससे यह ईलाका बाढ़ से घिरा दिखाई दे रहा हैं. अधिकत्तर मकान पानी में डूबे हुए है. सड़क किनारे पड़ी खाली जमीनों में लबालब पानी भर जाने से वह सड़क पर आ गया है. इसके आलावे कई ऐसे सड़क भी है जो दिखाई भी नहीं दे रहे हैं. आसपास के लोग तो मज़बूरी वस इस रास्ते से होकर जा रहें हैं. लेकिन अन्य राहगीर तो इसका रुख भी नही कर रहे हैं.

नाला का नही होना जलजमाव का बड़ा कारण
प्रभुनाथ नगर के अधिकतर इलाके में नाला का निर्माण नही है. जो जलजमाव का सबसे बड़ा कारण है. जो मकान बने हुए है उनके नाला का पानी खाली पड़े जमीन में जाता था. इस वर्ष आयी बाढ़ और बारिश के पानी से खाली पड़ी ज़मीन पहले से ही पानी से लबालब है. 14805400_1844575769162384_1360948018_n

 खाली पड़े ज़मीन में पानी भर जाने के बाद अब पानी सडकों पर आ चुका है.

जहाँ देखो पानी-ही-पानी
प्रभुनाथ नगर में में आप जिस ओर नज़र डालेंगे पानी-ही-पानी दिखेगा. कई घर तो ऐसे है जो बिलकुल पानी में डूबे हुए है. प्रतिदिन स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. 14804861_1844575762495718_1115865625_n  हाथों में जूता लिए बच्चे स्कूल जाते और आते हुए दीखते है. यह नज़ारा महीनों से देखने को मिल रहा है. प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए सार्थक प्रयास करने की जरुरत है.

मांझी: ताजपुर मुख्य मार्ग पर इलाहाबाद बैंक के सामने सड़क पर पानी जमा हो जाने से बैंक आने-जाने वाले उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का परिचालन होता है.

बैंक के सामने की सड़क पर पानी जमा हो जाने से प्रायः बाइक सवार, साईकिल चालक अपना नियंत्रण खोने से गिर कर धायल हो जाते है.

मुख्य मार्ग पर इस जलजमाव से बैंक में आने वाले ग्राहकों और रास्ते से गुजरने वाले यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

जलजमाव की इस समस्या पर प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं देने के कारण आमजन में रोष व्याप्त है. लोगों ने सड़क को जल्द मरम्मत कर जलजमाव की समस्या को दूर करने की मांग की है.