छपरा (सुरभित दत्त): कई बार ऐसे अवसर मिले जब नदी के रास्ते आरा जाने का मौका मिला. आरा शहर में रिश्तेदारों से मिलने तो कभी किसी और प्रयोजन से. पटना जाकर ट्रेन से आरा तक का सफ़र काफी परेशान भरा रहता था. मात्र 20 किलोमीटर और एक नदी का फासला बढ़ कर 130 किलोमीटर का हो जाता था. अब यह परेशानी दूर होने वाली है और जल्द ली लोग सड़क मार्ग से आरा तक का सफ़र तय करेंगे.

बदलते समय के साथ पुल की आवश्यकता महसूस हुई. सरकार ने इसे बनाने का निर्णय लिया. अब यह पुल बन कर तैयार है और रविवार से इस पर वाहन चलने लगेंगे. फिलहाल छोटे वाहनों को ही पुल पर चलने की अनुमति दी जाएगी.

11 जून को बहुप्रतीक्षित छपरा-आरा पुल का उद्घाटन है. ऐसा होने से बिहार के दो बड़े जिले सारण और भोजपुर आपस में सीधे जुड़ जायेंगे. इस पुल को उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार से जोड़ने में गाँधी सेतु के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है.

विकास ने नए मार्ग प्रशस्त होगे. दिलों से दिल जुड़ेंगे. रिश्ते अब आसानी से निभाए जा सकेंगे. दूल्हे अब अपनी बारात आसानी से इस जिले से उस जिले तक ले जा सकेंगे. व्यापार बढेगा.

यह पुल आरा की ओर बबुरा में और छपरा की ओर डोरीगंज में नीचे उतर रहा है.

इस पुल के बन जाने से सारण जिले के दक्षिणी छोर पर स्थित भोजपुरी से शेक्सपियर भिखारी ठाकुर का गाँव अब सड़क मार्ग से जुड़ जायेगा. हालाकि फिलहाल इस पर काम भूमि अधिग्रहण के बाद होगा. बाढ़ आने पर यहाँ के कई गाँव जिले से कट जाते थे और नाव ही एक मात्र आवागमन का साधन होता था. पुल बन जाने से इन क्षेत्रों के लोगों तक भी सुविधाएँ पहुंचेगी.

छपरा वाले बेलग्रामी और आरा वाले खा सकेंगे सिंघारा

गंगा नदी पर बने छपरा-आरा पुल से केवल दो जिले ही नहीं जुड़ेंगे बल्कि एक संस्कृति जुड़ेगी. लोग अब आसानी से इस जिले से उस जिले तक का सफ़र कर सकेंगे. भोजपुर की लोकप्रिय मिठाई बेलग्रामी अब छपरा के लोग तुरंत जाकर खा सकेंगे वही आरा के लोग छपरा की फेमस मिठाई सिंघारा खा सकेंगे. 

इन दोनों क्षेत्रों के विकास की नयी परिभाषा इस पुल के माध्यम से लिखी जाएगी. दो बड़े भोजपुरी क्षेत्र की दूरी यह पुल कम कर रहा है.

छपरा-आरा पुल एक नजर में

छपरा-आरा पुल के निर्माण में 887 करोड़ रुपये की लागत आई है. पुल की कुल लम्बाई 4 किलोमीटर है. जबकि आरा की ओर 16 किलोमीटर एप्रोच रोड और छपरा कि ओर 01 किलोमीटर का एप्रोच रोड है.

छपरा/डोरीगंज: छपरा जिला को भोजपुर जिला से सीधे जोड़ने वाले छपरा-आरा पुल के उद्घाटन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. पुल का उद्घाटन 11 जून को संभावित है. जिसको लेकर छपरा की ओर से संपर्क पथ पर कार्य तेज़ी से चल रहा है. वही पुल पर रंग रोगन का काम काफी तेज़ गति से किया जा रहा है.

 

ज्ञात हो कि विगत दिनों छपरा आये बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 11 जून को छपरा-आरा पुल के उद्घाटन की बात कही थी.

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उद्घाटन से पूर्व लोग पुल से ही लोग पैदल इस पुल से आवाजाही कर रहे हैं. दियारा क्षेत्र के रहने वाले लोगों को पुल के बन जाने से काफी सहूलियत हो रही है. 
छपरा टुडे डॉट कॉम से बात करते हुए लोगों ने बताया कि पुल के बनने से नदी के उस पास पड़ने वाले सारण जिले के कुतुबपुर दियारा, रामपुर जैसे गाँव के लोगों को काफी सहूलियत हो जाएगी. लोगों ने बताया कि पहले आने जाने के लिए नाव ही एक सहारा था. अब पुल के चालू होने से आने जाने में सुविधा होगी. इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल ले जाने में आसानी हो जाएगी. जो पहले मुश्किल था.

छपरा-आरा पुल एक नजर में

छपरा-आरा पुल के निर्माण में 676 करोड़ रुपये की लागत आई है. पुल की कुल लम्बाई 4,350 मीटर है. जबकि आरा की ओर 16 और छपरा कि ओर मात्र 1 किलोमीटर का एप्रोच रोड है.

वीडियो रिपोर्ट यहाँ देखे..

छपरा: नीरा उत्पाद से संबंधित उच्च स्तरीय बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने जिला उद्योग केन्द्र, जीविका एवं उत्पाद विभाग के अधिकारियों एवं जिले के हर क्षेत्र से आये हुये नीरा उत्पादको को संबोधित किया.

जिलाधिकारी ने कहा कि नीरा रोजगार का महत्वपूर्ण साधन बनने जा रहा है. यह स्वास्थ्य के लिए भी उतम है. ताड़ी की जगह नीरा आ जाने से रोजगार की दिशा बदल गयी है, परंतु इससे जुड़े समुदाय को किसी प्रकार की आर्थिक क्षति नहीं हुयी है बल्कि ताड़ एवं इसके विभिन्न उत्पाद के प्रयोग से उनके आर्थिक स्तर को और भी ऊँचा किया जा रहा है. इसलिए आवश्यक है कि यह समुदाय नीरा की बिक्री जिविका के माध्यम से ही करें.

उन्होंने कहा कि जिले में प्रतिदिन 10 हजार लीटर नीरा उत्पादन की संभावनाएं है, जबकि बहुत कम नीरा का उत्पादन हो रहा है. सरकार द्वारा नीरा का मूल्य प्रति लीटर 25 रूपया निर्धारित किया गया है, जबकि जिविका द्वारा सारण जिले में प्रति लीटर 30 रूपया नीरा का मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है. नीरा से बने गुड़ का मूल्य 150 रूपया प्रति किलो है.

जिलाधिकारी ने सभी नीरा उत्पादको को चेतावनी दी कि ताड़ी का उत्पादन, बिक्रय एवं सेवन तीनो अवैध है, साथ ही इससे सामाजिक समस्या के साथ-साथ कानूनी समस्या भी उत्पन्न होती है. इसलिए जरूरी है कि इस समुदाय से जुड़े लोग अपने हित के साथ-साथ ऐसा कोई काम न करें, जिससे प्रशासन को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़े. जिला प्रशासन द्वारा अवैध ताड़ी बिक्री के विरूद्ध अभियान जारी है तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को लगातार छापेमारी करने का आदेश दिया गया है.

बैठक में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, कम्फेड के पदाधिकारी एम०के० चौरसिया सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

छपरा: दो दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ परामर्श शिविर का रोटरी सारण द्वारा आयोजन किया गया. रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष सह शिविर के संयोजक श्याम बिहारी अग्रवाल ने बताया शिविर में 23 रोगीयों को नि:शुल्क स्वास्थ परामर्श डॉ विजय किशोर प्रसाद ने दिया.

जाँचोपरान्त डॉ विजय किशोर प्रसाद ने बताया इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है लू से बचने के लिए पानी और ग्लुकोज तथा नींबू पानी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए एवं कच्चे आम का पानी प्रतिदिन पीना चाहिए. उच्च रक्तचाप वाले मरीज को नमक का सेवन वर्जित हैं. सभी बीमारियों में सुबह की सैर राम बाण दवा है. दिल के मरीज को तेल एवं घी तथा मक्खन छोड़ देना चाहिए तथा मदिरा का त्याग कर ही स्वस्थ रहा जा सकता है. किडनी के मरीज को धनिया और पुदीने का रस समय-समय पर लेते रहना चाहिए. ये किडनी की सफाई का काम करते है. डाॅक्टर के परामर्श के अनुसार दवा समय पर लेना जरूरी है.

शिविर में रोटरी सारण के अध्यक्ष अजय कुमार, पूर्व अध्यक्ष पंकज कुमार, सदस्य सोहन कुमार गुप्ता, रतनलाल, अजय प्रसाद, प्रदीप कुमार आदि ने सहयोग किया.

छपरा: जिले में इन दिनों स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण करने का आह्वान जिला पदाधिकारी हरिहर प्रसाद द्वारा किया जा रहा है. गाँव से लेकर शहर तक और नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा किनारे के घरों में शौचालय बनाने की बात कहते हुए जिलाधिकारी द्वारा निर्माण कार्य की समीक्षा और निरीक्षण भी किया जा रहा है. लेकिन स्वच्छता अभियान का माखौल जिलाधिकारी के नाक के नीचे ही उड़ाया जा रहा है.

डीएम कार्यालय से महज़ 20 मीटर की दूरी पर और एनआईसी कक्ष के ठीक बगल में स्थित शौचालय फ़िलहाल पूरे समाहरणालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय और निबंधन कार्यालय में आने वाले लोगों के लिए एक मात्र शौचालय है. लेकिन इसकी दुर्दशा देखकर इस शौचालय में विभागीय कर्मी और अन्य लोग जाने से भी डरते है कि कही उनको कोई बीमारी ना हो जाये.

नि:शुल्क इस शौचालय में सभी सुविधाए है लेकिन इसकी सफाई भगवान भरोसे है. शौचालय के अन्दर प्रवेश करते ही यह अपनी आपबीती खुद-ब-खुद बयाँ करने लगती है. स्थानीय कर्मी इस शौचालय का उपयोग ना के बराबर करते है, लेकिन पिकदान के लिए सबसे ज्यादा.

परिसर में आने वाले लोग शौचालय में गन्दगी होने के कारण बाहरी खुले परिसर में ही पेशाब करते है. जिससे समाहरणालय में जहाँ कही भी खाली जमीन है वह पेशाब खाने में तब्दील हो गई है.

इस समस्या पर अधिकारियों का ध्यान कब तक जाता है देखने वाली बात होगी.

छपरा (संतोष कुमार ‘बंटी’): छपरा शहर को नगर निगम का दर्जा मिल चुका हैं. तकनीकी कारणों से चुनाव की प्रक्रिया पर फिलहाल विराम लगा हुआ है. लेकिन यह विराम विभिन्न वार्ड आयुक्त के लिए वरदान साबित हो रही है.

शहर के लगभग सभी वार्डो में सड़क एवं नाला का कार्य कराया जा रहा है. आलम यह है कि जिस सड़क को पिछले पांच वर्षों में वार्ड पार्षद देखने तक नहीं गए वहां इन दिनों विकास की गंगा बह रही है. वार्ड पार्षद खुद खड़े होकर निर्माण कार्य करवा रहे है.

 

विगत पांच वर्षों का काम एक से दो माह में करने की तैयारी में सभी पार्षद दिख रहे हैं. बिजली के पोल पर लाइट लगाने का काम भी इन दिनों जोरो पर है. आगामी चुनाव को लेकर यह एक तैयारी ही है जिसके वजूद पर पार्षद चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी को टक्कर देने के लिए तैयार हो रहे हैं.

हालांकि नगर निगम को लेकर नया परिसीमन हुआ हैं. कई वार्ड में कुछ नए क्षेत्र जुड़े है तो कई वार्डो के कई भाग दूसरे वार्ड में जुड़ गए है. जिसके कारण वार्ड पार्षदों के पूर्व का समीकरण बिगड़ गया है. वही कई वार्ड के आरक्षण रोस्टर में भी फेरबदल किये गए है. जिससे की पूरी की पूरी राजनीति ही बदल गयी है और इस बदलते राजनीति में यह निर्माण कार्य संजीवनी बूटी का कार्य कर सकता है.

छपरा: लोक शिक्षा समिति बिहार द्वारा आयोजित 30वें प्रांतीय खेल कूद प्रतियोगिता में स्थानीय सरस्वती शिशु विद्या मंदिर छपरा के बच्चों ने अपनी श्रेष्ठा सिद्ध की. इस प्रतियोगिता में पूरे उत्तर बिहार से लगभग 1000 बच्चे-बच्चियों ने भाग लिया.

ज्ञातव्य हो कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ने अपना दबदबा कायम रखते हुए कुल 8 प्रतिस्पर्धा में से 4 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. किशोर वर्ग की बच्चियों की खो-खो टीम ने पूर्णिया और महाराजगंज को 4-17 से भारी अंतर से पराजित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया. बाल वर्ग मैं खो-खो में खगड़िया, पूर्णिया, बिहारगंज को हराकर प्रथम स्थान प्राप्त किया.

 किशोर वर्ग कबड्डी में बेतिया, सिवान, किशनगंज और योगापट्टी को हराते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया. बाल वर्ग बच्चियों की कबड्डी टीम ने रसड़ा, सिवान, और महाराजगंज को हराकर प्रथम स्थान हासिल किया.

इस भारी सफलता से गदगद खेल प्रशिक्षक विजय रंजन, कुंदन एवं निकी ने बच्चों के कठिन मेहनत व लगन को इस जीत का श्रेय दिया. विद्यालय समिति के सचिव सुरेश प्रसाद सिंह एवं प्रधानाचार्य मनोज कुमार सिंह ने बच्चों को निरंतर मेहनत करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय छपरा का नाम रोशन कर हमेशा आगे बढ़ते रहने का आशीर्वाद दिया. उन्होंने इस जीत का श्रेय उनके कठिन परिश्रम को दिया. विद्यालय परिवार की ओर से प्रशिक्षक आचार्य को स्वर्णिम उपलब्धि हेतु स्वहृदय से धन्यवाद दिया.

छपरा(खेल संवाददाता): सीतामढ़ी में आयोजित गोल्ड कप कबड्डी प्रतियोगिता के लिए सारण जिले की टीम सोमवार को रवाना होगी. इससे पहले टीम की घोषणा की गयी. कबड्डी संघ के संरक्षक देवकुमार सिंह ने टीम की घोषणा की. 

सारण जिला कबड्डी संघ के सचिव सुरेश प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जिले की महिला और पुरुष वर्ग की टीम रवाना होगी. जिनमे 13 सदस्यीय पुरुष और 11 सदस्यीय महिला टीम शामिल है. वही टीम के साथ कोच के रूप में जय प्रकाश और टीम मैनेजर विवेक कुमार जायेंगे.

टीम इस प्रकार है 

बालक वर्ग

राहुल कुमार सिंह
मोहित कुमार सिंह
सूरज भान सिंह
राजकुमार सिंह
जितेश कुमार
सौरव कुमार सिंह
विकास कुमार राय
धीरज कुमार गुप्ता
राहुल कुमार यादव
विनीत मिश्र
सनी कुमार
अमरजीत कुमार
राकेश सोनी

बालिका वर्ग 
मंदिरा मुस्कान
काजल कुमारी
प्राची कुमारी
अंजलि कुमारी
निशा कुमारी
मधु कुमारी
पुतुल कुमारी
सीमा कुमारी
नेहा कुमारी
आशा कुमारी
प्रिया कुमारी

छपरा(सुरभित दत्त): समाज सेवा में अग्रणी रामकृष्ण मिशन आश्रम में लगभग 800 बच्चे निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे है. आश्रम के द्वारा इन्हें ज्ञान की ज्योति दी जा रही है. 

अमूमन विद्यालय सुबह से शुरू होते है पर यहाँ विद्यालय का समय थोड़ा अलग है. विद्यालय शाम 3 बजे से शुरू होता है. आश्रम द्वारा बच्चों को यूनिफार्म और भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है, वह भी निःशुल्क. बच्चों में उत्साह ऐसा की वे आश्रम से मिले यूनिफार्म, किताबों के साथ रोजाना आश्रम में बने विद्यालय पहुंचते है. इन्हें पढ़ाने के लिए योग्य शिक्षक अपना योगदान देते है.

आश्रम के सचिव अतिदेवानंद जी महाराज बताते है कि आश्रम में फिलहाल आठ सौ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है. इतना ही नहीं यहाँ पढने वाले बच्चों को यूनिफार्म, पठन पाठन सामग्री, नाश्ता, चिकित्सा की व्यवस्था भी निःशुल्क की गयी है. उन्होंने बताया कि इससे समाज के अंतिम वर्ग से आने वाले गरीब लोगों के बच्चों में ज्ञान की ज्योति जलाई जा रही है. आश्रम में योग्य शिक्षक इन सभी को शिक्षित करते है. इसके साथ ही समय समय पर उनके स्वास्थ्य की जांच भी करायी जाती है. आश्रम में पढने आये बच्चों को भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है.

इतना ही नहीं बच्चों को खेल-कूद की व्यवस्था, प्रत्येक रविवार को म्यूजिक की कक्षाएं भी चलायी जाती है.     

आश्रम के द्वारा कई गावों को गोद लेकर वहां भी शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनायें चलायी जा रही है. इन योजनाओं से लोगों को लाभ मिल रहा है.

शहर के बीचो बीच स्थित रामकृष्ण आश्रम अपने स्थापना काल से ही समाज के हर वर्ग के लोगों के बीच कार्य करता आ रहा है.

छपरा: साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा कराये गए स्वच्छ सर्वेक्षण में बिहार राज्य देश में 27वें नंबर पर है. राज्य के शहरों में बिहारशरीफ 147 रैंकिंग के साथ सबसे साफ़ शहर है. जबकि राजधानी पटना 262वें स्थान पर है.

शहर के नाम ———-रैंकिंग

बिहार शरीफ 147
किशनगंज 257
पटना 262
बेतिया 270
हाजीपुर 272
भागलपुर 275
सासाराम 278
बोधगया 293
मुजफ्फरपुर 304
जहानाबाद 307
बक्सर 327
डेहरी 334
पूर्णिया 342
मोतिहारी 348
दरभंगा 356
औरंगाबाद 357
गया 362
सीवान 376
आरा 390
दानापुर 391
सहरसा 396
बेगुसराय 404
जमालपुर 414
मुंगेर 415
छपरा 422
कटिहार 430
बगहा 432

स्वच्छ सर्वेक्षण देश के 434 शहरों और नगरों में कराए गए थे.

छपरा: शहर के पश्चिमी छोर स्थित ब्रह्मपुर में हुई आगलगी की घटना के पीड़ितो के बीच सहायता राशि का वितरण किया गया. अग्निकांड के 6 पीड़ितों के बीच 58 हजार 800 रूपयें की राशि के चेक वितरित किये गये.

सदर प्रखंड अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि अग्निकांड के 6 पीड़ितों के बीच 9800 रूपयें की दर से कुल 58,800 रूपयें का चेक वितरण किया गया.

छपरा: ट्रेनों के माध्यम से तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है. तस्करों ने इसके लिए हाई प्रोफाइल राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को चुना है. छपरा जंक्शन पर जीआरपी ने कार्रवाई करते हुए 40 किलो 900 ग्राम गांजा बरामद किया है. वही इस मामले में 3 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

छपरा जंक्शन के जीआरपी थानाध्यक्ष थानाध्यक्ष ए. के. मिश्रा ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि 12435 डिब्रूगढ-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से तस्कर तस्करी कर गांजा लेकर जा रहे है. जिसके बाद ट्रेन के A4 बोगी की तलाशी ली गयी. जिसमे ट्राली बैग के अन्दर अलग अलग बंडलों में रखे 40 किलो 900 ग्राम गांजा बरामद किया गया है. साथ ही तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के बाद तीनों को जेल भेज दिया गया है. 

यहाँ देखे वीडियो:

टिकट लेकर यात्रा कर रहे थे तस्कर
जीआरपी थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों ने ट्रेन में सीट बुक करा रखा था. तस्कर ट्रेन के A4 बोगी में सफ़र कर रहे थे. पकड़े गए सभी तस्कर पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के रहने वाले है.

बरामद गांजे की लगभग 10 लाख है कीमत
बरामद गांजे की कीमत लगभग 10 लाख रुपये बताई जा रही है. गिरफ्तार तस्करों को जेल भेज दिया गया है.