छपरा: जिले में इन दिनों स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण करने का आह्वान जिला पदाधिकारी हरिहर प्रसाद द्वारा किया जा रहा है. गाँव से लेकर शहर तक और नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा किनारे के घरों में शौचालय बनाने की बात कहते हुए जिलाधिकारी द्वारा निर्माण कार्य की समीक्षा और निरीक्षण भी किया जा रहा है. लेकिन स्वच्छता अभियान का माखौल जिलाधिकारी के नाक के नीचे ही उड़ाया जा रहा है.
डीएम कार्यालय से महज़ 20 मीटर की दूरी पर और एनआईसी कक्ष के ठीक बगल में स्थित शौचालय फ़िलहाल पूरे समाहरणालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय और निबंधन कार्यालय में आने वाले लोगों के लिए एक मात्र शौचालय है. लेकिन इसकी दुर्दशा देखकर इस शौचालय में विभागीय कर्मी और अन्य लोग जाने से भी डरते है कि कही उनको कोई बीमारी ना हो जाये.
नि:शुल्क इस शौचालय में सभी सुविधाए है लेकिन इसकी सफाई भगवान भरोसे है. शौचालय के अन्दर प्रवेश करते ही यह अपनी आपबीती खुद-ब-खुद बयाँ करने लगती है. स्थानीय कर्मी इस शौचालय का उपयोग ना के बराबर करते है, लेकिन पिकदान के लिए सबसे ज्यादा.
परिसर में आने वाले लोग शौचालय में गन्दगी होने के कारण बाहरी खुले परिसर में ही पेशाब करते है. जिससे समाहरणालय में जहाँ कही भी खाली जमीन है वह पेशाब खाने में तब्दील हो गई है.
इस समस्या पर अधिकारियों का ध्यान कब तक जाता है देखने वाली बात होगी.