सासंद रूडी ने अपनी ही सरकार को संसद में घेरा, बिहार में पर्यटन की अनदेखी को लेकर उठाए सवाल
New Delhi: लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही सरकार को सवालों में घेर लिया. श्री रूडी ने कहा कि बिहार में टूरिज्म के नाम पर आज तक केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया. श्री रूडी ने अपना बातों को रखते हुए कहा कि वो 3 साल से फाइलों को लेकर घूम रहे हैं. लेकिन यह फाइलें भारत सरकार के किस कार्यालय में जाकर कहां विलीन हो जाती हैं उन्हें भी नहीं पता चल पाता.
सारण में डॉलफिन को लेकर सवाल
उन्होंने कहा कि गंगा और गंडक नदी में डॉल्फिन पाई जाती है. जो एक दुर्लभ जंतु है. डॉल्फिन को देखने हम विदेश जाते हैं, लेकिन बिहार के सारण में पाए जाने वाले डॉल्फिन को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही.
बिहार में पर्यटन को लेकर किये सवाल
इसके साथ ही रूडी ने सोनपुर पशु मेला को लेकर भी सदन में सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि सोनपुर में लगने वाला पशु मेला एशिया प्रसिद्ध मेला है. लेकिन मेला के विकास के लिए उनकी बार-बार की गई अपीलों के बावजूद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने मांग की केंद्र सरकार डॉल्फिन और सोनपुर पशु मेला को इको टूरिज्म के अंतगर्त विकसित करें.
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श्री रुडी ने अपने मौखिक प्रश्न संख्या 207 में पूछा था कि बिहार में केंद्र सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रही है और क्या बिहार सरकार ने पर्यटन की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धनराशि संस्वीकृत करने का अनुरोध किया है ? श्री रुडी ने पर्यटन मंत्री से इसका विवरण मांगा.
पर्यटन मंत्री का जवाब
पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि सभी पर्यटन संबंधी विकास प्रोजेक्ट राज्य सरकार के पास से आने होते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को केवल आवेदन प्राप्त हुए हैं. जबकि इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ भेजे जाने चाहिए.
जवाब से असंतुष्ट
पर्यटन मंत्री के जवाब से असंतुष्ट श्री रूडी ने कहा कि राज्य में सोनपुर पशु मेला के विकास के लिए उनकी बार-बार की गई अपीलों के बावजूद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कोई कदम नहीं उठाया. श्री रूडी ने कहा कि उन्होंने एक डीपीआर भी प्रस्तुत की थी और अगर अधिकारी इसे मंत्री के समक्ष नहीं ले जाते हैं, तो यह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार का मामला था. पर्यटन मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इको टूरिज्म को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अतुल्य भारत 2.0 कैंपेन के तहत बढ़ावा दे रहा है.