रियो डि जिनेरियो: भारतीय प्रशंसकों को आखिरकार जश्न मनाने का मौका मिल गया है. 58 किलोवर्ग में महिला पहलवान साक्षी मलिक ने किर्गिस्तान की ऐसुलू ताइनीबेकोवा को 8-5 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता.
पहले पीरियड में 5-0 से पिछड़ने के बाद साक्षी ने दूसरे पीरियड में 8 अंक बनाए और भारत को रियो ओलंपिक का पहला पदक दिलाया. भारतीय इतिहास में पहली बार किसी महिला पहलवान ने ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीता है.
प्रधानमंत्री ने दी बधाई
On this very auspicious day of Raksha Bandhan, Sakshi Malik, a daughter of India, wins a Bronze & makes all of us very proud. #Rio2016
— Narendra Modi (@narendramodi) August 18, 2016
Sakshi Malik creates history! Congratulations to her for the Bronze. The entire nation is rejoicing.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 18, 2016
क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारने के बाद साक्षी की उम्मीद रेपचेज मुकाबलों से थी. क्वार्टर फाइनल में साक्षी को हराने वाली रूस की पहलवान कोबलोवा झोलोबोवा वालेरिया ने फाइनल में प्रवेश कर लिया, जिससे साक्षी को यह मौका मिला. साक्षी ने इस मौके का फायदा उठाया और अपने दोनों मुकाबले जीत कर भारत को पहला पदक दिलाया.
दूसरे दौर के रेपेचेज मुकाबले में साक्षी का सामना मंगोलिया की ओरखोन पुरेवदोर्ज से हुआ जिन्होंने जर्मनी की लुईसा हेल्गा गेर्डा नीमेश को 7-0 से हराकर भारतीय पहलवान से भिड़ने का हक पाया था.
साक्षी ने ओरखोन को एकतरफा मुकाबले में 12-3 से हराकर ब्रॉन्ज के मुकाबले में जगह बनाई. ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में साक्षी की भिड़ंत ताइनीबेकोवा से थी.
क्वार्टर फाइनल मुकाबले में साक्षी को झोलोबोवा वालेरिया ने 9-2 से करारी शिकस्त दी. साक्षी पहले पीरियड में 1-0 से पीछे चल रहीं थीं. उन्हें इस पीरियड में एक चेतावनी भी मिली. दूसरे पीरियड में 3-0 से पिछड़ने के बाद साक्षी ने दो अंक लेकर वापसी की, लेकिन रूस की खिलाड़ी ने तुरंत पांच अंक लेकर उनकी हार तय कर दी. इसके बाद रूसी पहलवान ने दो अंक और हासिल किए और भारतीय खिलाड़ी के ओलम्पिक सफर को खत्म किया.
बुधवार को ही हुए अपने पहले मुकाबले में स्वीडन की पहलवान मलिन जोहान्ना मैटसन को 5-4 से हराया था जबकि दूसरे मुकाबले में उन्होंने मालदोवा की इसानू मारियाना चेरदिवारा को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी. स्कोर 5-5 से बराबर रहने के बाद साक्षी तकनीकी अंकों के आधार पर जीतने में सफल रहीं थीं.