Saran की महिलाओं को मिलेगी सबडर्मल गर्भनिरोधक ‘इंप्लांट’ की आधुनिक विकल्प

Saran की महिलाओं को मिलेगी सबडर्मल गर्भनिरोधक ‘इंप्लांट’ की आधुनिक विकल्प

Chhapra: जिले की महिलाओं को अब अनचाही गर्भावस्था से सुरक्षित रखने के लिए एक नया, आधुनिक और भरोसेमंद उपाय मिलने जा रहा है। अब महिलाओं को सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट की सुविधा मिल सकेगी, जिससे वे तीन साल तक बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के गर्भावस्था से पूरी तरह सुरक्षित रह पायेंगी। लंबे समय तक सुरक्षा चाहने वाली महिलाओं के लिए वरदान यह सुविधा खासतौर पर उन महिलाओं के लिए उपयोगी है, जो लंबे समय तक गर्भनिरोधक सुरक्षा चाहती हैं लेकिन रोजाना गोलियां या अन्य अस्थायी साधनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहतीं। परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत यह नई तकनीक स्वास्थ्य विभाग की पहल पर शुरू की जा रही है, जिसमें तकनीकी सहयोग पीएसआई इंडिया द्वारा प्रदान किया जा रहा है। यह तकनीक न केवल महिलाओं को शारीरिक और मानसिक सुरक्षा देती है, बल्कि यह समाज में जनसंख्या नियंत्रण, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है।

क्या है सबडर्मल इंप्लांट?

यह एक पतली और छोटी छड़ी के आकार की डिवाइस होती है, जिसे महिला की ऊपरी बांह की त्वचा के नीचे बहुत ही आसान और सुरक्षित प्रक्रिया के तहत लगाया जाता है। इसमें कोई सर्जरी नहीं होती, और यह प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है। इंप्लांट लगने के बाद महिला सामान्य दिनचर्या में कोई बदलाव किए बिना सुरक्षित जीवन जी सकती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से इसे कभी भी हटाया जा सकता है।

 

छपरा सदर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में मिलेगी सुविधाएं

जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट की सुविधा फिलहाल छपरा मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल में उपलब्ध करायी जायेगी। आनेवाले दिनों में इसे जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर विस्तार किया जायेगा। राज्य स्तर से सबडर्मल गर्भनिरोधक इंप्लांट आपूर्ति की गयी है। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक का पटना से प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

स्वास्थ्य लाभ के साथ जनसंख्या नियंत्रण में सहायक

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि यह सुविधा न केवल अनचाही गर्भावस्था को रोकने में कारगर है, बल्कि मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इससे बच्चों के जन्म में उचित अंतर रखा जा सकता है, जिससे महिलाओं को पर्याप्त पोषण और स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा। महिलाओं से अपील की है कि वे इस नई तकनीक की जानकारी लें, प्रशिक्षित डॉक्टर से परामर्श करें और इस सुविधा का लाभ उठाकर स्वस्थ और सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करें।

क्यों जरूरी है यह सुविधा?

छपरा में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीपी जायसवाल ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों के बीच बहुत कम अंतर, बार-बार गर्भधारण, पोषण की कमी और समय पर गर्भनिरोधक साधनों की अनुपलब्धता – ये सारी समस्याएं महिलाओं और बच्चों दोनों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं। सबडर्मल इंप्लांट इन समस्याओं का सरल, दीर्घकालिक और प्रभावी समाधान है। इससे न केवल गर्भधारण को रोका जा सकता है, बल्कि बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर भी रखा जा सकता है — जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

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