Chhapra: समान काम समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही न्यायिक प्रक्रिया में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा हस्तक्षेप के मुद्दे पर बिहार परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार ने एक सोची समझी रणनीति के तहत सुप्रीम कोर्ट में चल रही न्यायिक प्रक्रिया में दखल देते हुए अटॉर्नी जनरल को भेज दिया.
जिसके कारण शिक्षकों को मिलने वाले न्याय की तिथि एक बार फिर बढ़ गई.
श्री सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को अपना फैसला सुनाते हुए हाइकोर्ट के फैसले और एरियर के मुद्दे पर 27 मार्च की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन 27 मार्च को इस मुद्दे पर बात होने की बजाय अन्य मुद्दों की तरफ कोर्ट का ध्यान आकर्षित करते हुए अगली तारीख दिलवाने का कार्य किया गया.
श्री सिंह ने कहा है कि नौनिहालों को शिक्षा देने वाले शिक्षक एक एक रूपया चंदा वसूल कर कोर्ट में केस लड़ रहे हैं. यह शिक्षा और शिक्षकों के साथ भद्दा मजाक है.
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार कोर्ट द्वारा दी गई समय अवधि के अंदर अपनी वास्तविक स्थिति स्पष्ट करें. अन्यथा बाध्य होकर शिक्षकों द्वारा विद्यालय में तालाबंदी की जाएगी.