Chhapra/ Amnaur: बिहार के सबसे बड़े महापर्व छठ की रौनक नियोजित शिक्षकों के लिए फीकी रहेगी.सरकार के शिक्षा मंत्री द्वारा छठ के मौके पर वेतन भुगतान का आदेश शिक्षकों के साथ एक भद्दा मजाक साबित हुआ है.
महापर्व छठ पर भी वेतन नही मिलने के कारण शिक्षक आक्रोशित है.
सोमवार को जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों में आक्रोशित शिक्षकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.
जिला मुख्यालय में डीपीओं कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहे परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ छलावा करते हुए मज़ाक कर रही है.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के सचिव द्वारा नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए पत्रांक 1038 दिनांक 17.10.17 को पत्र जारी करते हुए अक्टूबर माह का वेतन भुगतान 18 तक करने का निर्देश जारी किया गया था.
लेकिन जब वेतन मद में पैसा ही नही है तो इस तरह के पत्र को निर्गत करना नियोजित शिक्षकों के साथ मज़ाक ही है. उन्होंने कहा कि सरकार वेतन के मद में अविलंब राशि भेजे जिससे कि शिक्षकों को वेतन मिल सकें.
उधर अमनौर प्रखंड में सोमवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले एक बैठक की गई. जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता नीरज कुमार ने की.
बैठक में छठ दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर वेतन नही मिलने से शिक्षक सरकार के विरुद्ध नाराज दिखे.
उन्होंने कहा कि सरकार विकास की झूठी राग अलाप रही है. वेतन भुगतान करने का झूठा निर्देश देकर वाह वाही लुटती है.
बिना किताब के बच्चे पढ़ने को मजबूर है, बिना वेतन के शिक्षक पढ़ाने को मजबूर है. सरकार को चाहिए था कि बिना बाल बच्चे वाले शिक्षक बहाल कर कार्य लेना चाहिए. जिसे अर्थ से कोई लेना देना नही रहे.
एक तो कम वेतन मिलता है, वह भी समय से नही, घर में पूजा सामग्री, बच्चो के कपड़े की खरीददारी, समझ में नही आता शिक्षक क्या करें.
बैठक में प्रभात कुमार सिंह, चमन तिवारी, विश्वकर्मा शर्मा, नरेंद्र शर्मा, हरेश्वर सिंह, अजय चौहान, शम्भू नाथ प्रसाद, अनिल सिंह, नविन पूरी समेत दर्जनों शामिल थे.