Chhapra: गंगा, सरयू और सोन नद के संगम पर स्थित विश्व का दुर्लभ पूरातात्विक स्थल एवं प्रयागराज जैसा आध्यातिमक-धार्मिक केंद्र चिरांद का वार्षिकोत्सव इसबार 3 जून 2023 को होगा। यह वार्षिकोत्सव गंगा दशहरा के बाद ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सरयू जयंती के अवसर पर पिछले पन्द्रह वर्षों से अनवरत आयोजित होता आ रहा है। वार्षिकोत्सव की तैयारी को लेकर चिरांद विकास परिषद के तत्वावधान में चिरांद गांव व सारण के गण्यमान्य लोगों की बैठक हुई।
इस बार के आयोजन पर विस्तार से जानकारी देते हुए परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने कहा कि गंगा की अविरलता उसकी सहायक नदियों के कारण थी। जब से इसकी सहायक नदियां संकट में हैं तब से भारत की संस्कृति व प्रकृति को संरक्षित करने वाली गंगा माता भी निर्बल हो गयी है। भव्य गंगा आरती से चिरांद के बंगाली बाबा घाट पर काशी और हरिद्वार का दर्शन कराने वाले इस आयोजन का इस बार का संकल्प है-गंगा की सहायक नदियों की अस्तित्व रक्ष। गंगा समग्र के साथ मिलकर हम अपने इस संकल्प को जनअभियान का रूप देंगे ताकि गंगा, सोन, सरयू, सोना, पुनपुन जैसी नदियों के सहारे जीवन वसर करने वालों के जीवन में संकट नहीं आए।
इस बार के आयोजन मंे युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस अवसर पर होने वाले भव्य सांस्कृतिक आयोजन मंे सारण का गौरवशाली अतीत व सांस्कृतिक विरासत जीवंत होगा। बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं खेल मंत्री जीतेंद्र राय इस सारस्वत समारोह का उद्घाटनकर्ता एवं मुख्यअतिथि होंगे।
तैयारी के लिए आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता चिरांद विकास परिषद के संस्थापक सदस्य रघुनाथ सिंह ने की। बैठक में डोरीगंज थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिन्हा,बबुआजी महाराज, बिमल पाठक, बिपिन बिहारी रमण, सुशील कुमार पाण्डेय, श्याम बहादुर सिंह, श्री कान्त पाण्डेय, हरिद्वार सिंह, डाॅ शम्भूनाथ तिवारी, तारकेश्वर, सिंह, हरीमोहन , उदय चौधरी, राशेश्वर सिंह, चंदन कुमार सिंह, जुटी राय ,सिंह, सुमन साह, भरत पासवान, मुकेश सिंह, राजू कुमार, जजन यादव जी विजय जी, रूपेश पाण्डेय अमृत सागर आदि उपस्थित थे।