नगरा: प्रखंड क्षेत्र के नगरा बजार स्थित नगरा गांव में चेचक की बीमारी ने भयावह रूप धारण कर लिया है. एक के बाद एक करके इस बीमारी ने तीन जिंदगी को अपनी आगोश में ले लिया. तीन लोगों की मौत के बाद प्रशासन की नींद टूटी और वह इस बीमारी की भयावहता का कारण जानने नगरा में पीड़ित के घर पहुँची.
नगरा बाजार स्थित नगरा गांव के संतोष प्रसाद की पुत्री शिवानी 20 वर्षीय पुत्री सिवानी चेचक से पीड़ित थी. विगत 15 दिनों से उसका इलाज चल रहा था,लेकिन अचानक सोमवार की रात्रि उसकी मौत हो गयी.
बीमारी की जाँच को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव को विभाग द्वारा नहीं भेजा जा रहा है. इससे लोगो में परेशानिया बढ़ती चली जा रही है. बताते चले की संतोष प्रसाद ब्याहुत की दो बेटियो की मौत चेचक से हो चुकी है. 16 वर्षीय पुत्री सोनाली कुमारी ब्याहुत की मृत्यु 3 दिसम्बर को हुई थी. एक के बाद एक हुई दो बेटियों की मौत से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.
दो लड़कियों की मौत के बाद सुचना पाकर नगरा प्राथमिक स्वास्थ्य के प्रभारी डॉ महेंद्र मोहन प्रसाद ने पहुँच कर जाँच किया. उन्होंने कहा की जल्द ही जाँच टीम भेजी जायेगी. मंगलवार की शाम तक जाँच टीम ने नगरा पहुँच जाँच किया गया. टीम में डॉक्टर जयश्री प्रसाद एचएमओ, आरती, ऋचा, गौरीशंकर,
आदि शामिल थे.
नगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. महेंद्र मोहन का कहना है कि रात में तापमान में कमी और दिन में बढ़ोतरी की वजह से वैरेसीला जोस्टर वायरस एक्टिव हो जाता है. जिससे चिकनपॉक्स के मामले बढ़ते हैं. इससे बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है. दो डोज में इसका वैक्सीनेशन किया जाता है. पहला जन्म के बाद 15 महीने के अंदर तथा दूसरा 4 साल में. वैक्सीनेशन के बाद 95 % चांस चिकनपॉक्स नहीं होने का होता है. अगर बचपन में वैक्सीनेशन नहीं हुआ है तो वयस्क होने पर भी वैक्सीनेशन करा सकते हैं.
डॉ जयश्री प्रसाद के अनुसार चिकनपॉक्स की वजह से पूरे शरीर में रेसेज पड़ जाते हैं धीरे-धीरे ये रेसेज दाने के रूप में बढ़ने लगते हैं. इसमें मवाद जमा हो जाता है. ऐसे लोग अगर दूसरे के कॉन्टैक्ट में आते हैं तो एक-दूसरे को छूने, खांसने और सांस के माध्यम से यह फैलता है. बच्चे एक-दूसरे के साथ ज्यादा कॉन्टैक्ट में आते हैं, इसलिए उनमें यह तेजी से फैलता है.
ऐसे मरीज को पब्लिक प्लेस या फिर स्कूल, कॉलेज, ऑफिस से दूर रहना चाहिए. एंटी एलर्जी ड्रग्स लेनी चाहिए. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी भी अच्छा है. नहाने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए और शरीर को हल्के हाथ से पोंछना चाहिए, ताकि रेसेज या दाने फटें नहीं. दाने फटने से इसका मवाद फैल जाता है जिससे यह दाग बन जाता है और बाद में आसानी से छूटता नहीं है.
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