छपरा: शादी का भोज खाने के लिए चार माह का लम्बा इंतज़ार अब ख़त्म होने वाला है. पिछले चार महीने से एक भी विवाह का मुहूर्त नही था. 15 जुलाई से 10 नवंबर तक लोगों को शादी का भोज खाने के लिए इंतजार करना पड़ा.
सात से 14 जुलाई के बीच शादी के मुहूर्त था. यानी जुलाई में सिर्फ सात दिन ही शहनाई की गूंज सुनाई दी थी. इसके बाद 15 जुलाई से 10 नवंबर तक एक भी विवाह के मुहूर्त नहीं था. 15 जुलाई के बाद चतुर्मास लगने से चार माह तक शुभ कार्य नहीं हो सकता था.
11 नवंबर को देव उठनी एकादशी से भगवान के जागने के साथ ही विवाह के मुहूर्त फिर एक महीने तक बनेंगे. इस अवधि में लोग सिर्फ भगवान के भजन-कीर्तन कर सकेंगे. चतुर्मास में शादी-ब्याह, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार आदि सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं.
फोटो: गूगल
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