इतिहास के पन्नों मेंः 19 जून

इतिहास के पन्नों मेंः 19 जून

लोकतंत्र की योद्धा का जन्मः म्यांमार (बर्मा) की राजनेता, राजनयिक, लेखक के साथ-साथ देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए अथक संघर्ष का चेहरा मानी जाने वाली आंग सान सू ची 19 जून 1945 को रंगून में पैदा हुईं। वे म्यांमार के राष्ट्रपिता आंग सान की बेटी हैं, जिनकी 1947 में हत्या कर दी गयी थी। सू ची ने म्यांमार में लोकतंत्र की स्थापना के लिए कठिन संघर्ष किया। लोकतंत्र व मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाली आंग सान सू ची ने 1989 से 2010 तक लगभग 15 साल तक नजरबंदी में गुजारे। इसी दौरान सू ची को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।

अफसोसजनक है कि इस साल फरवरी में भी म्यांमार में एकबार फिर तख्तापलट के बाद सैनिक शासन लागू कर दिया गया। वहां लोकतंत्र की बहाली की मांग उठा रहीं सू ची तब से ही नजरबंद हैं। सू ची का भारत से गहरा रिश्ता रहा है। उनकी मां खिन कई 1960 में भारत और नेपाल में बर्मा की राजदूत नियुक्त की गयी थीं। इसी दौरान भारत में रहते हुए सू ची की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में हुई। यहां से राजनीति विज्ञान में स्नातक होने के बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई की और संयुक्त राष्ट्र में तीन साल काम किया। उन्हें भारत सरकार के जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अन्य अहम घटनाएंः

1716ः मुगलों के अजेय होने का भ्रम तोड़कर रख देने वाले प्रसिद्ध सिख सैनिक बंदा सिंह बहादुर की बादशाह फारुखसियर के आदेश पर यातनाएं देकर हत्या कर दी गयी।
1910ः वॉशिंगटन में पहला फादर्स डे मनाया गया।
1947ः मशहूर ब्रिटिश-भारतीय लेखक सलमान रश्दी का जन्म।
1970ः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का जन्म।
1991ः सोवियत संघ ने हंगरी को अपने कब्जे से आजाद किया।

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