लाहौर: सांडर्स हत्याकांड में शहीद भगत सिंह का नाम एफ आई आर में नहीं होने के बावजूद 85 साल पहले ब्रिटिश सरकार ने उन्हें फांसी दे दी थी. इस कांड में उनकी बेगुनाही को साबित करने के लिए आज अदालत में सुनवाई होगी.
यह सुनवाई भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के प्रमुख इम्तियाज राशिद कुरैशी के द्वारा लाहौर होग़ कोर्ट में वर्ष 2013 में दायर एक याचिका को लेकर होगी जिसमे उन्होंने बताया है कि शहीद भगत सिंह बेगुनाह थे और उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गैरकानूनी तरीके से फांसी दी थी.
बताते चले कि लाहौर के अनारकली पुलिस स्टेशन के अधिकारी के मुताबिक सांडर्स की हत्याकांड की एफ आई आर उर्दू में है. जिसमे दो बंदूकधारियों का जिक्र है. एफ आई आर में भगत सिंह का जिक्र नहीं है.
ब्रिटिश सरकार ने 23 मार्च 1931 को शहीद भगत सिंह को लाहौर जेल में फांसी दे दी थी, तब उनको उम्र मात्र 23 साल थी.
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