ह्यूस्टन: भारतीय मूल के एक 16 वर्षीय अमेरिकी लड़के ने सुनने में मदद करने वाली एक सस्ती मशीन बनाई है. 60 डॉलर की यह मशीन उन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकती है, जो महंगी मशीनें नहीं खरीद सकते.
केंटुकी के लुइविल शहर के निवासी मुकुंद वेंकटकृष्णन ने इस मशीन पर दो साल तक काम किया. हाल ही में उन्होंने इस मशीन के लिए केंटुकी स्टेट साइंस एंड इंजीनियरिंग फेयर में पहला स्थान प्राप्त किया है.
इस मशीन का इस्तेमाल सस्ते हेडफोन की मदद से भी किया जा सकता है. इसमें पहले विभिन्न आवृत्तियों की आवाजें बजाकर हेडफोन के जरिए व्यक्ति की सुनने की क्षमता का परीक्षण किया जाता है. इसके बाद यह अपनी प्रोग्रामिंग एक हियरिंग एड के रूप में कर लेती है.
इस मशीन को बनाने की प्रेरणा मुकुंद को दो साल पहले मिली थी, जब वह अपने दादा-दादी से मिलने भारत आये थे. उन्हें अपने दादा का परीक्षण करवाने और सुनने की मशीन लेने में मदद करने का काम दिया गया था.
मुकुंद का लक्ष्य है कि वह इस मशीन को सुनने में दिक्कत का सामना करने वाले उन लोगों में वितरित करे, जो 1000 डॉलर की हियरिंग एड नहीं खरीद सकते.