नई दिल्ली: तीन वर्ष पूर्व अमित शाह को पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदान किया गया था. तीन वर्षों में उन्होने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता और संगठन की बेहतरीन सुझबुझ की बदौलत वरीय नेताओं को भी अपनी कार्यक्षमता का परिचय दिया जिसके कारण तीन वर्ष की अल्प अवधी में हीं भारतीय जनता पार्टी 11 करोड़ के कार्यकर्ताओं के दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी.
देश के 18 राज्यों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सत्ता में आया. कई चुनाव और उपचुनावों में पार्टी को सफलता मिली जिसका श्रेय उनके केन्द्रीय नेतृत्व को हीं जाता है. सारण लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद व केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रुडी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नित्यानंद राय के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में तीन वर्ष पूरे करने व राज्यसभा सदस्य बनने पर अमित शाह से भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में बधाई देने के उपरान्त कही.
विदित हो कि भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को भाजपा से बिहार के केन्द्रीय मंत्रियों व सांसदों ने अमित शाह से मुलाकात कर राज्यसभा सांसद बनने पर बधाई दी. मुलाकात के दौरान बिहार के सूबाई राजनीति पर भी चर्चा हुई. रुडी ने कहा कि माननीय अमित शाह जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में अभी पार्टी को बहुत आगे जाना है और उसका सर्वश्रेष्ठ समय आना बाकी है. वह उसी लक्ष्य के साथ आगे भी बढ़ रहे हैं.
इस पृष्ठभूमि में हम जानते हैं कि अमित शाह के हाथ में पार्टी की बागडोर आने के बाद भाजपा कहां से कहां पहुंची है? भाजपा पहली ऐसी पार्टी बन गई है जिसकी 18 राज्यों में सत्ता है, इनमें से 7 राज्य ऐसे हैं जहां पहली बार पार्टी सत्ता में आई है, लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के सबसे ज्यादा सदस्य हैं, राज्यसभा में पिछले दिनों 58 सदस्यों के साथ यह कांग्रेस को पछाड़कर उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.
रुडी ने अमित शाह को कर्मठ व कुशल नेतृत्वकर्ता बताते हुए कहा कि अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में अध्यक्ष जी ने देश भर में 560000 किलोमीटर की यात्रा की है, 303 आऊट स्टेशन टूर किए हैं, देश के 680 में से 315 जिलों की यात्रा की है और इस बीच इन्होने लगभग 10 महिने का समय देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के बीच व्यतीत किया है.