NewDelhi:भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर राजधानी दिल्ली के इंडियन हैबिटेट सेंटर कृति फ़िल्म क्लब द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर ‘नाच भिखारी नाच’ फिल्म की स्क्रीनिंग भी हुई. जिसमें भिखारी ठाकुर एवं उनके रंगमंचीय, सामाजिक, सांस्कृतिक योगदान से दिल्ली के शहरी एवं एलीट दर्शक अवगत हुए.
इस फिल्म के माध्यम से भिखारी ठाकुर अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग वर्ग के दर्शकों के बीच पहुंच रहे हैं. फ़िल्म की भाषा भोजपुरी को इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ दिखाया गया. जिससे गैर भोजपुरी भाषी दर्शकों को भिखारी ठाकुर के गीत एवं नाटक असानी से समझ आ सके.
फ़िल्म समाप्ति के बाद निर्देशक जैनेन्द्र दोस्त एवं शिल्पी गुलाटी से चर्चा के दौरान दर्शकों ने आमने सामने सवाल जवाब किया. जिसमें भिखारी ठाकुर एवं नाच से जुडी लोगों की कई सारी भ्रांतियों को निर्देशक ने दूर की.भिखारी ठाकुर ने अपने जीवनी गीत में लिखा है;
अबही नाम भइल बा थोरा
जब तन ई छूट जाई मोरा
तेकरा बाद बीस दस तीसा
तेकरा बाद नाम होई जइहन
कवि पंडित सज्जन जस गईहन
गीत की उक्त पंक्ति को चरितार्थ कर रहे जैनेन्द्र दोस्त न सिर्फ फ़िल्म बल्कि अपने नाटक ‘भिखारीनामा ‘ के माध्यम से देश दुनिया एवं गैर भोजपुरिया समाज को भिखारी ठाकुर से अवगत करा रहे हैं. हाल ही में जैनेन्द्र दोस्त ने भिखारीनामा नाटक का मंचन काठमांडू नेपाल में किया था. इसके पहले भी श्री दोस्त श्रीलंका पाकिस्तान एवं भूटान में भी भिखारी ठाकुर के गीतों एवं नटकों का मंचन कर चुके हैं.