नई दिल्ली: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के संबंध में 123वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा से पास हो गया है. सरकार की तरफ से बिल में कुछ संशोधन किए गए हैं, जिसमें आयोग में महिला सदस्य को भी शामिल किया गया है. साथ ही राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप को लेकर विपक्ष की शंका भी दूर करने की कोशिश की गई है.
बता दें कि इस विधेयक को लेकर सरकार की तब किरकिरी हो गई थी जब पिछले वर्ष राज्य सभा में इस बिल पर विपक्ष का संशोधन पास हो गया था. लिहाजा सरकार की तरफ से बिल में कुछ संशोधन कर दोबारा पेश करना पड़ा.
केंद्रीय सामिजक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि एएमयू और जामिया में पिछड़ी जातियों का आरक्षण खत्म कर पिछली सरकार ने उसे अल्पसंख्यक दर्जा दिया. लेकिन हमारी सरकार इन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में SC/ST और ओबीसी आरक्षण लेकर आने की पूरी कोशिश कर रही है.