ISRO ने रचा इतिहास, देसी GPS का सपना हुआ पूरा

ISRO ने रचा इतिहास, देसी GPS का सपना हुआ पूरा

नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा: अंतरिक्ष में भारत ने नयी उड़ान तय की है. गुरुवार को ISRO ने IRNSS-1G का सफल प्रक्षेपण किया. इस सफल प्रक्षेपण के बाद भारत दुनिया के उन देशों में शुमार हो गया है जिनके पास अपना नेविगेशन सिस्टम है. अमेरिका, रूस, चीन के बाद अब भारत के पास भी अपना नेविगेशन सिस्टम मिल गया है. भारत को अब GPS तकनीक के इस्तेमाल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. ISRO

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रक्षेपण नजर रखी. सफल प्रक्षेपण  के बाद उन्होंने कहा कि नविगेशन के क्षेत्र में हम आज आत्मनिर्भर हुए है. प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों और टीम को शुभकामनायें दी. MODI

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेस साइंस का लोगों के जिंदगी के बदलाव में अहम योगदान है. उन्होंने इस उपग्रह को ‘NAVIC’ नाम से संबोधित करते हुए कहा कि ये सेटेलाइट अब देश को नाविकों के समान दिशा दिखाने का कार्य करेगी. 


स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली, स्थलीय हवाई और समुद्री नेविगेशन, वाहन ट्रैकिंग और बेड़े प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, मानचित्रण और भूगणितीय डेटा पर कब्जा, ड्राइवरों के लिए दृश्य और आवाज नेविगेशन सहायता करेगा.

IRNSS सीरीज का ये 7वां और आखिरी उपग्रह है. इससे पहले वर्ष 2013 से लेकर अबतक कुल 6 उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित किया जा चूका है. भारत ने महज 3 वर्षों में इतनी बड़ी कामयाबी हासिल कर देश को गौरवान्वित किया है.  

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