जम्मू, 30 जून (हि.स.)। अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रियों को तीर्थयात्रा पर निकलने से पहले जम्मू-कश्मीर में निर्दिष्ट स्थानों से रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) कार्ड एकत्र करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को इसके बिना यात्रा न करने की सलाह दी है।
अमरनाथ यात्रा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सभी यात्रियों को हर समय अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की ओर से जारी आरएफआईडी कार्ड पहनना अनिवार्य है। किसी भी यात्री को आरएफआईडी कार्ड के बिना यात्रा क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आरएफआईडी आर्बिटर टेक्नोलॉजी कार्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी से लैस है और यात्रियों के आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है। यह आईडी ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटक जाने पर हर तीर्थयात्री की पहचान का पता लगाने में भी मदद करती है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और यात्रियों से अपनी सुरक्षित यात्रा के लिए उनका पालन करने को कहा है। 62 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से दक्षिण कश्मीर में पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग से पर्याप्त सुविधाओं और अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई है।
इसी बीच शुक्रवार सुबह 3,488 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास आधार शिविर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रियों को यात्रा अवधि के दौरान आरामदायक कपड़े पहनने के लिए कहा गया है और ट्रैकिंग जूते पहनने, चढ़ते समय धीरे-धीरे चलने और ऊंचाई वाले वातावरण के साथ खुद को ढालने के लिए समय निकालने की सलाह दी गई है। यात्रियों को इस दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए भी कहा गया है। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि यदि किसी यात्री को सांस लेने में तकलीफ या फिर असुविधा का अनुभव हो रहा हो तो उसे निकटतम चिकित्सा सुविधा से संपर्क करना चाहिए और यदि संभव हो तो कम ऊंचाई पर उतरने का प्रयास करना चाहिए।
यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि उन्हें अपनी क्षमता से अधिक परिश्रम करने से बचना चाहिए और रास्ते में बार-बार रूकना और आराम करना चाहिए। यात्रियों से ट्रैकिंग मार्ग और आसपास अपशिष्ट पदार्थ फैलाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने से बचने के लिए भी कहा गया है। यात्रियों को रास्ते में कोई शॉर्टकट अपनाने का प्रयास नहीं करने के लिए भी कहा गया है और खतरे के क्षेत्र के संकेतों पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है जहां उन्हें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल खराब मौसम के कारण 18 जुलाई, 2022 को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी और दर्जनों अन्य घायल हो गए। इस दौरान वार्षिक अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई और 3.60 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए।
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