नई दिल्ली: ‘कांच की गुड़िया’ के साथ 1960 में अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरूआत करने वाले और भारतीय सिनेमा में ‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर मनोज कुमार को सिनेमा के प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा.
मनोज कुमार ने उपकार, रोटी कपडा और मकान, पूरब और पश्चिम, क्रांति, हरियाली और रास्ता, पत्थर के सनम, शहीद जैसे कई फिल्मों में दमदार अभिनय से भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनायी. हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी उर्फ मनोज कुमार का जन्म एबटाबाद में हुआ था जो कि आजादी के पहले भारत का हिस्सा था. ‘कांच की गुड़िया’ के साथ 1960 में उन्होंने रोमांटिक नायक के तौर पर अपना सफर शुरू किया लेकिन जल्द ही अभिनय का उनका फोकस बदल गया और देशभक्ति आधारित कई फिल्मों के कारण प्रशंसक उन्हें ‘भारत कुमार’ कहने लगे. अभिनेता को ‘उपकार’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड मिला और 1992 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से नवाजा.
78 वर्षीय अभिनेता अवॉर्ड पाने वाले 47 वें व्यक्ति हैं. भारतीय सिनेमा के इस सर्वोच्च सम्मान के तहत एक स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपये नकद राशि और एक शॉल दिया जाता है.