Film Review | धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पर खुल कर बात करती है फ़िल्म OMG 2

Film Review | धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पर खुल कर बात करती है फ़िल्म OMG 2

दोस्त बनने की कोशिश कीजिए बाप बनने की नही…, निंदा उसी की होती है जो ज़िंदा होते है मरने के बाद तो तारीफ ही होती है…, ये ऐसे कुछ Dialogue हैं जो समाज में दबी एक कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। OMG 2 अपने सजह Content की वजह से हमेशा याद की जाएगी। रख विस्वास तू है शिव का दास और रख विश्वास तू है शिव के पास, महाकाल के भक्तों के लिए संजीवनी का काम करेगी।

Special Mention :

धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के आसपास घूमती फ़िल्म उस विषय पर बात करती है, जिसपे हमारा समाज बोलने से कतराता है। Sex Education, जिसे पर्दे के अंदर रखा गया, फ़िल्म की कहानी इस विषय को लेकर काफी गंभीर दिखती है और खुल कर बात करती है। Masturbation जैसे विषय पर जहां समाज – स्कूल, घर – परिवार, आस – पड़ोस, में खुल कर बातें नहीं होतीं, वही फ़िल्म इन बातों को बहुत ही सरलता के साथ रखने में कामयाब रही है। पंकज त्रिपाठी के किरदार को अच्छा लिखा गया है। अक्षय कुमार का किरदार बहुत छोटा है लेकिन महत्वपूर्ण है। यामी गौतम एक वकील के किरदार में रमणीक लगतीं हैं। हालांकि उनकी खूबसूरती को निहारें या उनकी अदा को देखें ? ये सवाल विश्वव्यापी है। अमित राय का लेखन और निर्देशन दोनों तारीफ के काबिल है। समाज के महत्वपूर्ण और भावसंयमी विषय को हास्य और व्यंग्यात्मक रूप से दर्शकों तक पहुचाने में निर्देशक कामयाब दिखते है। महादेव का अपने भक्तों पर अथाह प्यार, शिव के डमरू की गूंज और बढ़िया संगीत से सजी है फ़िल्म OMG 2.

Story :

फ़िल्म की कहानी शुरू होती है विवेक (आयुष वर्मा) से जो कि एक इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है। विवेक, कांति शाह मृदुल का बेटा है जो उम्र के साथ होते शरीर के बदलाव से अनजान है। विवेक स्कूल में एक बुली से गुजरात है और एक दिन वो स्कूल के वाशरूम में कुछ ऐसा करता पाया जाता है जिसपे समाज में खुल कर बात करना भी अशोभनीय माना जाता है। कुछ स्कूली बच्चे विवेक की वीडियो बना कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं। उसके बाद स्कूल के निर्देशक द्वारा विवेक को स्कूल से निकाल दिया जाता है। वायरल हुआ वीडियो पूरे शहर में फैल जाता है जिससे विवेक और कांति शरण मृदुल का परिवार असहज महसूस करने लगता है। इस वजह से मृदुल परिवार शहर छोड़ कर जाने का प्लान करते है। इसी बीच अपने भक्त को परेशान देख भगवान शिव का आगमन धरती पर होता है। जिसके बाद कहानी और मजेदार रूप ले लेती है। महाकाल के दिखाए रास्ते पर चलते हुए कांति शरण न्याय के दरवाजे को खटखटाता है और कोर्ट पहुँच जाता है। जहां स्कूल पर सेक्स एजुकेशन से सम्बंधित तमाम चीजों की पढ़ाई नहीं करवाये जाना का आरोप लगाता है। क्या कोर्ट से कांति शरण को इंसाफ मिल पायेगा ? क्या विवेक दुबारा स्कूल जाता है ? महादेव किस तरह से अपने भक्तों की मदद करते हैं ? इन सबका जवाब आपको फ़िल्म के आखिर तक मिलता है।

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Actor Performance :

कांति शाह मृदुल के किरदार में पंकज त्रिपाठी ने बहुत ही शानदार काम किया है। अपने चेहरे के हाव भाव और आंखों की अदाकारी से पंकज त्रिपाठी दर्शकों के दिल तक पहुंचने में कामयाब रहते हैं। इंदुमती के किरदार में गीता अग्रवाल ने अपना काम बहुत सहजता से किया है। एक माँ के किरदार के साथ वो इंसाफ कर पायीं है। कई जगह ऐसे इमोशनल सिन में वो बहुत रियल लगतीं हैं। कामिनी माहेश्वरी के किरदार में यामी गौतम हमेशा की तरह परफेक्शन के साथ काम को करती नज़र आती हैं। कई बार उनकी खूबसूरती उनके काम पर हावी हो जाती है। एक वकील के किरदार में उनकी बेहतरीन अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीता है। भगवान शिव के किरदार में अक्षय कुमार का किरदार छोटा है लेकिन महत्वपूर्ण है। स्कूल के प्रिंसिपल के किरदार में अरुण गोविल ने अपना काम बढ़िया किया है। उनके खाते में बहुत ज्यादा फ्रेम नहीं आये हैं लेकिन उनकी उपस्थिति दर्शकों को अपने तरफ आकर्षित जरूर करती है। जज के किरदार में पवन मल्होत्रा का काम सराहनीय है। उनके Dialogue और चेहरे का भाव दर्शक को हँसने पर मजबूर करते हैं। एक डॉक्टर के किरदार में बृजेन्द्र काला ने अपना काम बखूबी निभाया है। एक सीन में फिल्माया गया उनके और कांति शरण के बीच संवाद दर्शक को काफी पसंद आता है। गोविंद नामदेव, हेमंत चौधरी जैसे कई और कलाकार हैं जिन्होंने अपना काम बढ़िया किया है।

Direction

Amit Rai ने इस फ़िल्म के निर्देशक है। अनुभव के तरफ अगर नज़र दौड़ाये तो अमित के खाते में महज तीन फिल्में देखने को मिलती है। पहली ‘तिंगया’ जो कि एक मराठी फिल्म थी, दूसरी ‘रोड तो संगम’ और तीसरी OMG2. एक निर्देशक के तौर पर अमित का काम इस फ़िल्म में ठीक ठाक जैसा है। फ़िल्म कई बार बहुत धीमी लगती है। कई सिन बेफालतू के जोड़ो गए हैं, जिसपे निर्देशक को खासा ध्यान रखना चाहिए था। इन सब के विपरीत एक ऐसे विषय को चुनना जिसपे समाज में कम बाते होती है, वहाँ बड़ी ही सरलता के साथ दर्शकों तक कहानी को पहुचाने में निर्देशक कामयाब दिखते हैं। इसके लिए निर्देशक अमित राय को सैलूट करना बनता है।

क्यों देखें ये फ़िल्म ?

OMG 2 एक जरुरी फ़िल्म है जिसे समाज के हर वर्ग को देखना चाहिए। Gadar 2 नहीं भी देखा तो चल जाएगा लेकिन OMG 2 आपको सोचने की नई दिशा देगा, विचारों को नया परिप्रेक्ष्य मिलेगा, ग़लत धरणा को बदलने की ताकत देगा। ख़ुद को बदलने की ताकत अगर आपके अंदर है तो ये फ़िल्म आपके लिए है।

One Word Review : Excellent

Review by : Abhinandan Dwivedi (Former RJ)

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