RSA के कार्यकर्ताओं ने किया कुलपति का पुतला दहन

RSA के कार्यकर्ताओं ने किया कुलपति का पुतला दहन

Chhapra: आर एस ए के द्वारा जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फारुख अली का पुतला दहन जयप्रकाश महिला महाविद्यालय छपरा के मेन गेट पर किया गया। पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन आर एस ए छात्रा इकाई ने की थी ।जिसमें शहर के सभी महाविद्यालयों इकाई के आर एस ए के पदाधिकारी गण शामिल हुए। आर एस ए के छात्र नेताओं ने कहा कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फारुख अली के तीन महीने में ही ऐसे भ्रष्टाचार में डूब गए थे ।इनका वित्तीय पावर नीतिगत निर्णय राजभवन सीज़ करना पड़ गया। वर्तमान कुलपति छात्र हित में कोई भी कार्य नहीं कर रहे हैं ।आयोदिन नया नया घोटाला इनका सामने आ रहा है। भ्रष्टाचार का तांडव नृत्य विश्वविद्यालय में हो रहा है। इनके संरक्षण में इनके पदाधिकारी भ्रष्टाचार का नंगा नृत्य कर रहे हैं। सारण प्रमंडल के गरीब छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। स्नातक नामांकन के लिए नए सत्र में जो घोषणा विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा किया गया है। वह पूरी तरह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा।

एनसीसी, स्पोर्ट्स, स्काउट, खेल एवं संस्कृति गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों के लिए नामांकन में आरक्षण नियम का पालन के लिए कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है ।जबकि नामांकन नियमावली में स्पष्ट है कि जो छात्र -छात्रा इन विभागों से संबंध रखते हैं तो उन्हें नामांकन में विशेष सुविधा दी जाएगी। उनके लिए कोटा का निर्धारण किया जाएगा। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है। राज्य सरकार ने इसी वर्ष घोषणा किया है कि नामांकन में छात्राओं के लिए प्रत्येक विषय में 33 % आरक्षण नियम का पालन किया जाएगा, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर भी मौन धारण किए हुए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन अगर सही में नामांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतना चाहता है तो प्रत्येक महाविद्यालयों में कितना सीट है। कितना किस वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित है ।विषयवार नामांकन अप्लाई होने के पहले नोटिफिकेशन क्यों नहीं जारी कर रहा है? यूएमआईएस के माध्यम से नामांकन में भारी धांधली किया जाता है। पिछले सत्र के नामांकन में भारी गड़बड़ी किया गया है ।पैसा लेकर कम मेघा वाले छात्रों को नामांकन कर दिया गया। मेघा वाले छात्र -छात्रा रोड पर भटकते रहे और नामांकन से वंचित हो गए ।इस बार करोना संक्रमण के वजह से कई 10+2 बोर्डो के द्वारा बिना परीक्षा लिए हुए रिजल्ट की घोषणा की गई है ।इस कारण इंटर का रिजल्ट अत्याधिक सारण प्रमंडल में हुआ है। विश्वविद्यालय में सीमित 36000 ही सीट है ।इस कारण लाखों छात्र इस बार भी नामांकन से वंचित हो जाएंगे । विश्वविद्यालय प्रशासन राज्य सरकार से सीटों के बढ़ोतरी के लिए कोई भी पत्र नहीं लिखा है। विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द राज्य सरकार से सीट की बढ़ोतरी 4 गुना अधिक कराएं।

जय प्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत जिन वोकेशनल कोर्सेज को मान्यता दी गयी है। उनमें बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन (बीएमसी), बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए), बायोटेक(बीटी), इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी(आइएमबी), इनवायरमेंटल साइंस (इएस), इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशरी( आइएफएफ), कम्युनिकेटिव इंग्लिश(सीइ), फंक्शनल इंग्लिश, फंक्शनल हिंदी व सेल्स एंड प्रोमोशन मैनेजमेंट शामिल है। मास कम्युनिकेशन व फंक्शनल हिंदी की पढ़ाई पहले भी राजेंद्र कॉलेज में होती थी।एक तरफ जहां राजभवन से लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) का कॉलेज व विश्वविद्यालय में व्यवसायिक कोर्स खोलने का पूरा जोर है। उसके लिए कई तरह के प्रोग्राम चलाया जा रहे हैं। उसके उल्ट जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कॉलेजों में चल रहे व्यवसायिक कोर्स को बंद कर दिए गए।
राजेंद्र महाविद्यालय में चल रहे तीन व्यवसायिक कोर्स में सत्र -2019- 20 , 20-21में नामांकन नहीं लिया गया। जबकि व्यवसायिक कोर्स में नामांकन के लिए ना ही राज्य सरकार ना ही राजभवन ने रोक लगाया है। वर्तमान कुलपति आखिर क्यों नहीं नामांकन ले रहे हैं? राजेंद्र कॉलेज में चलता था यह व्यवसायिक कोर्स राजेंद्र कॉलेज में चल रहे व्यवसायिक कोर्स बीबीए में 60, बीजेएमसी में 60 एवं बॉयोटेक्नोलॉजी में 40 सीट पर नामांकन होता रहा है।


पैट एग्जाम जल्द हो
शोध कार्य करने वाले छात्र- छात्राओं के लिए जांच परीक्षा 4 वर्षों से नहीं हो पा रहा है। 2 वर्षों से सेमिनार/ सिंपोजियम का आयोजन नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण छात्र- छात्रा जो शोध कर रहे हैं। वह अपना शोध ग्रंथ विश्वविद्यालय में जमा नहीं कर पा रहे हैं। विश्वविद्यालय में अराजकता का माहौल वर्तमान कुलपति ने कायम कर दिया है।
गंगा सिंह विधि महाविद्यालय में भी पढ़ाई प्रारंभ किया जाए
छपरा में विधि का एक पुराना महाविद्यालय गंगा सिंह विधि महाविद्यालय स्थापित है। इस महाविद्यालय के पास ना तो अपना भवन हैं और ना ही अभी तक स्थाई शिक्षक । इसलिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इसे स्थाई मान्यता कभी नहीं मिली है । जयप्रकाश विश्वविद्यालय ने अपने सिडिकेट और सीनेट के बैठक में इस महाविद्यालय को जयप्रकाश विश्वविद्यालय के संकाय के रूप में स्थापित करने का निर्णय पूर्व में लिया है। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है । प्रस्तावित गंगा सिंह विधि संकाय के निर्माण मैं तेजी लाया जाए । इसमें विधि स्नातक से लेकर परास्नातक की पढ़ाई सुनिश्चित कराई जाए। विधि संकाय में तुरंत पद स्वीकृत करके स्थाई एवं योग्य शिक्षकों की नियुक्ति हो। विधि संकाय में महर्षि गौतम अध्ययन केंद्र बने। साथ ही साथ मान्यता दिला कर गंगा सिंह विधि महाविद्यालय में भी पढ़ाई प्रारंभ किया जाए। सारण प्रमंडल में लॉ की पढ़ाई के लिए इकलौता कॉलेज होने के कारण लॉ की पढ़ाई का सपना रखने वाले छपरा, सिवान, गोपालगंज के छात्रों को इससे काफी लाभ भी हुआ।

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