Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार अंक पत्र में गड़बड़ी के लिए नहीं बल्कि परीक्षा में गलत प्रश्न पत्र भेज देने के लिए। परीक्षा विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि परीक्षा GES (जनरल एनवॉइरनमेंटल साइंस की और परीक्षार्थियों को इतिहास (History) के प्रश्न पत्र बाँट दिए गए।
शनिवार को स्नातक तृतीय खंड परीक्षा 2019-23 का आयोजन विभिन्न केंद्रों पर हो रहा था। इसी बीच छात्रों को GES (जनरल एनवॉइरनमेंटल साइंस) के प्रश्न पत्र आने थे। लेकिन उन्हे जो प्रश्न पत्र दिए गए वह इतिहास का था। जिसके बाद परीक्षार्थियों ने वीक्षकों से शिकायत की। इस दौरान परीक्षा घंटों बाधित रहा।
कुछ शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बाद में परीक्षा विभाग से मौखिक निर्देश मिला कि जैसे भी हो परीक्षा ले, सभी परीक्षार्थियों को पास करा दिया जाएगा। अब विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है कि आखिर कैसे गलत प्रश्न पत्र भेजा जाता है, और तो और परीक्षार्थियों को जो पेपर मिला उसी को लिखने को कहा जाता है। यह सभी बातें हास्यास्पद प्रतीत होती हैं। आखिर छात्रों के जीवन से विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसा मजाक क्यों कर रहा है? क्या राजभवन को इस तरह के विषय की जानकारी नहीं होती। यदि होती है तो संज्ञान क्यों नहीं लिया जाता? ऐसे सवाल आम लोगों पूछ रहें हैं।