विकसित भारत उत्सव पर राजेंद्र कॉलेज में हुआ व्याख्यान

 

Chhapra:  जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति द्वारा जारी दिशा निर्देशानुरूप राजेंद्र कॉलेज एकेडमिक मंडल एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में विकसित भारत उत्सव (विजन विकसित भारत @ 2047) का आयोजन राजेंद्र कॉलेज में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना उपाध्याय का व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में सर्वप्रथम प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) सुशील कुमार श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि लक्ष्य बड़ा है किंतु हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है और हम यदि भारतवर्ष की सामाजिक सांस्कृतिक विकास यात्रा पर दृष्टिपात करें तो सदैव से ही यह ज्ञात होता है कि किसी भी क्षेत्र में यद्यपि कई विषम परिस्थितियाँ रही हैं लेकिन उसके बावजूद भी सकारात्मक सोच के साथ जिस तरह से हम आगे बढ़े उससे विकास की विभिन्न कड़ियां आपस में जुड़ती गईं और आज हम इस मुकाम पर हैं कि विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। इसके लिए आवश्यकता है कि हम सभी जहाँ भी जिस भी रूप में कार्य कर रहे हैं उसमें एक सकारात्मक सोच और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहने की आवश्यकता है।

मुख्य वक्ता डॉ. अर्चना उपाध्याय ने अपने वक्तव्य में सर्वप्रथम विकसित भारत की अवधारणा पर प्रकाश डाला। इसके अंतर्गत उन्होंने बताया कि हमारी सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक विभिन्न दृष्टियों से सतत उन्नति ही विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का आधार बनेंगी। इसी क्रम में उन्होंने ग्लोबल लीडरशिप विकसित करने की बात कही। इसके अलावा नवाचार, प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास, सामाजिक कल्याण एवं पर्यावरणीय विकास इन पांच बिंदुओं को विकसित भारत की लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रमुख आधार बताया और इस संदर्भ में युवाओं के बढ़-चढ़कर उत्साह पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर डाला। आर्थिक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें 2047 तक अपने देश को 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना होगा। उन्होंने इस विशाल लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चुनौतियाँ, क्रियान्वयन एवं लक्ष्य प्राप्ति के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की।
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. जया कुमारी पांडेय ने कहा कि वास्तव में हमारा सपना बड़ा है और उस लक्ष्य को प्राप्त करना हमारी समग्र प्रतिबद्धताओं का एक अहम पड़ाव किंतु हम कर्मठता एवं धैर्य के साथ ईमानदारी, नैतिकता एवं दायित्व बोध के रास्ते सतत क्रियाशील रहते हुए आगे बढ़ें तो जरूर हम उस मुकाम को हासिल कर सकते हैं।

अगली कड़ी में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे जिनमें प्रमुख रूप से शिवांगी शुक्ला ने सामाजिक सशक्तिकरण के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किए। जन्नत आफरीन ने समानता के अधिकार पर जोर डाला। इसी तरह रोबिन सिंह द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों एवं नैतिकता पर ध्यान आकृष्ट किया गया। तत्पश्चात अंशु कुमार ने सामाजिक समानता की आवश्यकता पर अपने विचार प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. जया कुमारी पांडेय द्वारा किया गया एवं धन्यवाद तथा आभार ज्ञापन डॉ. सुनील कुमार पांडेय द्वारा किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक राजनीति विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. देवेश रंजन, डॉ. कन्हैया प्रसाद, एकेडमिक मंडल के सचिव डॉ. विशाल कुमार सिंह, भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, शिक्षक संघ के सचिव डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, डॉ. रजनीश कुमार यादव, डॉ. बी. एस. साहू, डॉ. रवि प्रकाश नाथ त्रिपाठी, डॉ. तनु गुप्ता, डॉ. रश्मि कुमारी, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. रूपा मुखर्जी सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की बहुसंख्यक उपस्थिति रही।

0Shares
A valid URL was not provided.