सारण के हज़ारों छात्र जेईई व नीट परीक्षा में होंगे शामिल, कोरोना काल मे परीक्षा कराने को लेकर मचा है बवाल

सारण के हज़ारों छात्र जेईई व नीट परीक्षा में होंगे शामिल, कोरोना काल मे परीक्षा कराने को लेकर मचा है बवाल

Chhapra: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साफ कर दिया है कि जेईई और नीट की परीक्षाएं बिल्कुल सही समय पर भी होंगी. सितंबर माह में 1 से 6 सितंबर तक जेईई की परीक्षाएं होंगी. इसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सारण के भी हज़ारो छात्र इस परीक्षा में शामिल होंगे. कई लोग कह रहे हैं कि कोरोना काल में परीक्षाएं होंगी तो छात्रों को संक्रमण का खतरा होगा. वहीं दूसरी तरफ इन परीक्षाओं की तारीख निर्धारित होने के बाद छात्रों व अभिभावकों के सामने चुनौती हो गई है. इसको लेकर कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में छात्रों की याचिका को खारिज कर दिया था.

इस परीक्षा में सारण के लगभग 2 -3 हज़ार छात्र हिस्सा लेंगे. छपरा का सेंटर पटना या गया में ही पड़ेगा. ज्यादातर छात्र जो बाहर रहते हैं वह छपरा लौट आए हैं छात्रों को पटना जाने के लिए निजी वाहन के अलावा कोई और ने विकल्प नहीं है. कई अभिभावक मानते हैं कि परीक्षा को टाल देना ही उचित था लेकिन कुछ का कहना है कि यदि परीक्षा टाल दी जाएगी तो छात्रों का पूरा 1 साल बर्बाद हो जाएगा. हालांकि सरकार परीक्षा को तय समय पर कराने के पक्ष में है और छात्र भी इसको लेकर अब मानसिक रूप से तैयार हो गए हैं.

क्या बोले छात्र व शिक्षक

जेईई की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र आदित्य बरनवाल ने बताया कि यदि परीक्षा नहीं ली गई तो जो छात्र इसकी लगन से तैयारी कर रहे हैं उन्हें परेशानी होगी, इसकी परीक्षा को टाला नहीं जा सकता है. सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और एहतियात बरतकर हमें परीक्षा देनी होगी. हम सभी परीक्षा के लिए तैयार हैं अगर ईश्वर परीक्षा ली गई तो सेशन जीरो हो जाएगा फिर बहुत सारे छात्रों का साल बर्बाद हो जाएगा. जहां तक सेंटर पर पहुंचने का सवाल है लगभग छात्र अपने निजी वाहन से ही जाएंगे.

आदित्य बर्णवाल, छात्र

छपरा में जेईई की तैयारी कराने वाले शारदा क्लासेस के निदेशक वसुमित्र सिंह ने कहा कि परीक्षाएं समय पर होनी चाहिए, सेंटर पर जाने में छात्रों को वैसी कोई परेशानी नहीं होगी, एन टी ए ने पहले से ही सेंटरों की संख्या बढ़ा दी है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. पहले ही तीन बार परीक्षाएं टाली जा चुकी थी, यदि परीक्षा टाल दी गई तो अगले साल छात्रों को और तैयारी में और मुश्किल होगी. अगले वर्ष कंपटीशन दोगुना बढ़ जाएगा. वसुमित्र सिंह ने बताया कि कोविड-19 में हर कुछ अब खुल रहा है. ऐसे में छात्रों खुद का ख्याल रखते हुए परीक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए.

वसुमित्र सिंह, निदेशक शारदा क्लासेज

छपरा के अवन्ति क्लासेस के शिक्षक सौरव ने बताया कि जेईई मेंस एग्जाम रुकने से बहुत सारे बच्चों का कैरियर अधर में लटका हुआ है. अगर परीक्षा नही हुई तो आई आईटी का पूरा 1 साल से शून्य हो जाएगा जो इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है. इसलिए परीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कोविड काल मे अब सब कुछ नॉर्मल हो रहा है. बच्चे एहतियात बरतकर परीक्षा देने जाएंगे. जहां तक सुविधाओं का सवाल है तो ज्यादातर बच्चे निजी वाहन व अपना लंच लेकर ही जाएंगे.

सौरभ, निदेशक अवन्ति

छपरा के कैलाश करियर प्वाइंट के निदेशक गौरव सिंह ने बताया कि जेईई मेंस की परीक्षा कोविड-19 को देखते हुए अभी टालने की जरूरत थी, उन्होंने बताया कि बिहार में बाढ़ व कोरोना चरम ओर है. होटल बन्द हैं वाहन भी नहीं चल रहे, छात्रों को सेंटर पर जाने में परेशानी होगी. लाखों छात्र कोविड-19 के काल में परीक्षा देने जाएंगे ऐसे में खतरा बढ़ सकता है.

गौरव सिंह, निदेशक केसीपी

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