छपरा (संतोष कुमार ‘बंटी’): अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कर भारत निश्चित तौर पर विश्व गुरु बनने में कामयाब रहा है. विगत तीन वर्षों में जिस प्रकार योग के प्रति देश के साथ साथ विदेशों में इसका प्रचलन बढ़ा है यह स्वस्थ और जनता के सेहत के प्रति काफी लाभदायक है. लेकिन यह योग सिर्फ दिवस के दिन तक सीमित रहने से व्यक्ति निरोग कैसे रह सकता है.
योग दिवस पर जिले के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में योग दिवस के आयोजन को लेकर निर्देश जारी किया गया था लेकिन यह निर्देश तक ही सीमित रह गया.
कुछ सामाजिक संगठनों को छोड़ दे तो योग और उसके दिवस का आयोजन भी नही हो पाता. जो लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क है उनके लिए योग और उसका दिवस मनाने की आवश्यकता नही पर उनका क्या जिन्हें इस दिवस पर आकर्षित करना था, प्रेरित करना था, स्वास्थ के प्रति जागरूक करना था, उनलोगों के लिए ही शायद यह आयोजन था. लेकिन यह आयोजन सिर्फ संस्थान के प्रमोशन और उत्थान के लिये बन गया.
सिर्फ दिवस पर योग करना और उसकी फोटो प्रचारित प्रसारित करना एक स्वस्थ्य व्यक्ति की रचना नही कर पायेगा.