छपरा: मुसलमानों का पाक महिना रमजान चल रहा है. आपने छोटे-छोटे बच्चों को रोजा रखते सुना होगा, लेकिन एहतेकाफ में बच्चों को बैठते बहुत कम सुना होगा. शहर के शिया कॉलोनी दहियावां के रहने वाले सुहैब के बेटे ने ये कर दिखाया है. सात वर्षीय शाफी पहली बार एहतेकाफ में बैठा है. नन्हे इस बच्चे की चारो ओर सराहना हो रही है. शाफी के वालदैन भी एहतेकाफ में बैठ चुके है. वालदैन ने बताया कि शाफी के एहतेकाफ में बैठने से हम दोनों काफी खुश है.
बताते चलें कि एहतेकाफ रमजान माह के 20 वें रोजे से ईद का चांद दिखने तक होता है. एहतेकाफ एक विशेष तरीके की इबादत होती है. एहतेकाफ में बैठने वाला व्यक्ति एक बार इसकी नीयत से मस्जिद मे दाखिल होता है तो वह ईद का चांद दिखने के बाद ही मस्जिद से बाहर निकलता है. वह व्यक्ति दिन रात अल्लाह की इबादत में गुजारता. इस दौरान वह व्यक्ति दुनियावी बातों से दूर रहता है. अल्लाह एहतेकाफ में बैठने वाले व्यक्ति के पुराने सारे गुनाह माफ कर एकदम पाक साफ बना देता है.