अखंड सुहाग की कामना के साथ सुहागन महिलाओं ने किया वट सावित्री व्रत

अखंड सुहाग की कामना के साथ सुहागन महिलाओं ने किया वट सावित्री व्रत

Chhapra: वट सावित्री पर्व को सुहागन स्त्रियाँ अपने अखंड सुहाग एवं पति की दीर्घायु होने के कामना के साथ मनाया.

ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन नव विवाहित एवं सुहागन स्त्रियाँ उपवास रखकर पूरे विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा करती हैं. जिसमें बांस के बने बियनि पंखा, फूल डाली, डलिया, मौनी में फल फूल सजा कर विशेष पूजा अर्चना कर बरगद के पेड़ में कच्चा धागा लपेटकर पति की दीर्घायु होने मनोकामना की जाती है.

इस पूजा में आम लीची तथा अंकुरित चना, मुंग,खीर, तेल सिन्दूर प्रसाद के रूप में सुहागन स्त्रियों मे वितरण किया जाता है.

यह पर्व सावित्री और सत्यवान की सत्य घटना पर आधारित हैं. जिस प्रकार सावित्री ने अपने सतीत्व धर्म के बल पर अपने अल्पायु पति को यमराज से वापस कर लेती है.

इसलिए इस दिन बरगद की पूजा की जाती है और यह पर्व वट सावित्री के रूप में जाना जाता है. इस पर्व में प्रकृति का कर्ज चुकाने के लिए इसका संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया जाता है.

उल्लेखनीय है कि मनुष्य के जीवन में प्राण वायु एवं आक्सीजन प्रदान करने वाले पीपल बरगद नीम आंवला तुलसी आम सहित अन्य पेड़ पौधे का पूजन किया जाता है जिसे आज के वर्तमान समय में वैज्ञानिक भी इसकी प्रासंगिकता को समझते हुए अनिवार्य रूप से इसे सही तरीके से परिभाषित कर रहे हैं.

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें