Chhapra: आर एस ए के संयोजक प्रमेंद्र सिंह सिंह कुशवाहा ने कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस विश्वविद्यालय के मेन गेट एवं बिल्डिंग पर विश्वविद्यालय का नामकरण हिंदी इंग्लिश एवं उर्दू मैं कुलपति ने लिखवाया है। इन भाषाओं का सम्मान करते हुए। संगठन यह मांग करती है कि संस्कृत भाषा में भी जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा का नाम लिखा जाए। जयप्रकाश विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा जो स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाई होती है वह विलुप्त होने के कगार पर है । जिसे बचाने के लिए इसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं एवं शिक्षा जगत में अगर संस्कृत भाषा में विश्वविद्यालय का नाम लिखा जाता है, तो अच्छा संदेश जाएगा । हिंदी इंग्लिश उर्दू का केवल विश्वविद्यालय प्रशासन सम्मान करेगा और संस्कृत भाषा जो सभी भाषाओं की जननी है । उसे अपमान करेगा तो उसे संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। इसलिए कुलपति को तुरंत ही विश्व विद्यालय पर विश्वविद्यालय का नाम संस्कृत भाषा में लिखने का आदेश निर्गत करना चाहिए। संस्कृत भाषा देश की संस्कृति और नैतिकता का पूरा ज्ञान देता है। शिक्षा ग्रहण करने के बाद जहां भी जाएं छात्र -छात्राये वहां अपने व्यवहार से देश की संस्कृति को प्रदर्शित करने में सफल होते है।