RTPS के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दास्त नहीं: डीएम

RTPS के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दास्त नहीं: डीएम

छपरा: जिलाधिकारी दीपक आनंद ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियो के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि आम लोगो की शिकायतो की सुदृढ़ कार्य प्रणाली विकसित करने तथा एक निश्चित समय सीमा के अंदर परिवाद की सुनवाई एवं उसके निवारण के अवसर का अधिकार नागरिकों को देने के उद्देश्य से बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम को पूरे राज्य में 5 जून 2016 से लागू किया गया है. अब आम जनता के परिवादो को 60 दिनों के अंदर निवारण किया जाना है. जनता को अब यह अधिकार प्राप्त हो गया है कि निश्चित समय सीमा के भीतर किसी परिवाद पर सुनवाई उसके निवारण के अवसर एवं परिवाद पर सुनवाई में किये गये विनिश्चय, निर्णय के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त हो गया है.

जिलाधिकारी ने कहा कि इस अधिनियम के अन्तर्गत परिवाद का अर्थ है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रही किसी योजना, कार्यक्रम या सेवा के संबंध में कोई फायदा या अनुतोष मांगने के लिए ऐसा फायदा या अनुतोष प्रदान करने में विफलता या विलम्ब के संबंध में या किसी लोक प्राधिकार के कृत्यकरण में विफलता से या उसके द्वारा राज्य में प्रवृत किसी विधि, नीति सेवा कार्यक्रम या योजना में उल्लंघन से अदभूत किसी मामलें के संबंध में किसी नागरिक या नागरिकों के समूह द्वारा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को किया गया कोई आवेदन परिवाद के श्रेणी में आयेगा. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत, किसी लोक सेवक चाहे व सेवारत हो या सेवानिवृत के मामलों से संबंधित कोई ऐसा मामला जो किसी न्यायालय या अभिकरण की अधिकारिता में हो. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अधीन कोई मामला या बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम 2005 के अधीन किसी मामलें या बिहार लोक सेवा के अधिकार अधिनियम 2011 के अधीन अनुसूचित सेवाओं से संबंधित शिकायते इस अधिनियम में परिभाषित परिवाद में सम्मिलत नहीं है. उन्होंने कहा कि परिवाद काउंटर पर अथवा डाक द्वारा अथवा इलेक्ट्राॅनिक माध्यम यथा ईमेल आॅनलाईन पोर्टल अथवा काॅल सेन्टर के द्वारा परिवाद अनुमंडलीय तथा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय स्थित लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र या सचिवालय स्थित राज्य लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्र पर प्राप्त कराये जाते है. उन्होंने कहा कि परिवाद के सुनवाई के लिए अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिला स्तर पर जिला लोक शिकायत पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता होते है. जिलास्तर से उपर के लोक प्राधिकारो के स्तर पर निवारण होने वाले परिवाद के लिए विभागीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी होते है. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को परिवाद प्राप्त होने पर नियत समय सीमा के भीतर परिवादी को उसके शिकायत निवारण से संबंधित सुनवाई का अवसर देते है. सुनवाई के दौरान परिवादी अपने दावे के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते है. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी परिवादी को सुनवाई का समुचित अवसर देने तथा संबंधित लोक सेवक द्वारा प्रस्तुत अभिलेख के अवलोकन के पश्चात् मामले के संबंध में अपना निर्णय पारित कर सकते है. उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत लापरवाही बरतने वाले एवं परिवाद को नजर अंदाज करने वाले पदाधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

बैठक में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अपर समाहर्ता अरूण कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सुनिल कुमार, सहायक पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण कुमार, वरीय प्रभारी पदाधिकारी आपदा शिवकुमार पंडित, निदेशक ग्रामीण विकास मंजीत कुमार सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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