सांढा ढाला समापार संख्या 45A का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर

छपरा (संतोष कुमार ‘बंटी’): सांढा ढाला पर रेलवे ओवर ब्रिज बनने से लोगों को राहत तो मिली है, लेकिन इसके साथ ही ढाला के समीप बना 45 A नम्बर रेलवे समापार का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर हैं. 80 के दशक में बना यह रेलवे समापार कभी आज के रेलवे ओवर ब्रिज के ठीक नीचे वर्त्तमान सांढा ढाला शिव मंदिर के समीप हुआ करता था.  

जानकार बताते है कि 1982 में भी यह समापार बंद कर दिया गया था कारण था छोटी लाईन का बड़ी लाईन में परिवर्तन होना. काफी आन्दोलन के बाद इस समापार की पुनः स्थापना 1984 में की गयी. वहां तो नही लेकिन 100 मीटर पूरब दिशा में यह समापार आगे बढाकर बनाया गया. ग्रामीण क्षेत्रो से शहर का मुख्य प्रवेश द्वार होने के कारण यह रेल समापार काफी महत्वपूर्ण था. इस कारण यह ढाला महज 15 दिनों में बनकर तैयार हो गया. तत्कालीन रेल महाप्रबंधक डी हरिराम के प्रयास से यह कार्य हुआ और समापार का उद्घाटन भी उन्ही के हाथो संपन्न हुआ. 

पश्चिमोत्तर बिहार वाणिज्य एव उद्योग परिषद् के पवन कुमार अग्रवाल ने छपरा टुडे डॉट कॉम को बताया कि 1982 में छोटी लाइन का आमान परिवर्तन कर बड़ी लाइन किया गया. आमान परिवर्तन के समय यह ढाला शिव मंदिर के समीप हुआ करता था. आमान परिवर्तन के कारण रेल विभाग द्वारा इस ढाला को बंद करने का निर्देश जारी हुआ और बंद कर दिया गया. सारण चैम्बर्स ऑफ़ कामर्स के सदस्यों के साथ साथ आम जनता ने भी रेल विभाग को इस समापार को समाप्त नही करके वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की गयी. इस कार्य में तत्कालीन सांसद प्रो0 सत्यदेव सिंह का भरपूर सहयोग मिला. सांसद के सहयोग से रेल महाप्रबंधक डी हरिराम ने समापार को लेकर पहल शुरू की. 1984 में एक बार फिर समापार संख्या 45 A को कार्य प्रारंभ हुआ. 15 दिन में यह समापार बनकर तैयार हुआ था जिसका उद्घाटन तत्कालीन रेल महाप्रबंधक डी हरिराम ने किया. समापार के बनने से लोगों को राहत मिली. 

समापार के लिए आन्दोलन के लिए जुटे लोग
समापार के लिए आन्दोलन के लिए जुटे लोग

समय के साथ परिवर्तन हुआ रेलवे ने समापार संख्या 45 A के समीप ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया हैं. जिससे समापार संख्या 45 A का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर हैं. समापार बंद की सूचना के साथ ही स्थानीय लोगों का आन्दोलन शुरू हो चूका हैं. लोग एक बार फिर एक जुट हो होकर इस समापार को चालू रखने का आग्रह कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समापार के रास्ते ही शहर में व्यवसाय को गति मिलती हैं.

 

(हालांकि रेलवे द्वारा समापार संख्या 45 A को समाप्त करने की सूचना छपरा टुडे को नही मिल पाई है, स्थानीय आन्दोलन करने वाले लोगों के आधार पर यह सूचना प्राप्त हुई है)

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