जेपी की जन्मस्थली और बापू की कर्मस्थली को रेल मार्ग से जोड़ा जाये: सांसद सिग्रीवाल

नई दिल्ली: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली ‘छपरा’ से लेकर महात्मा गाँधी की कर्मस्थली ‘पूर्वी चम्पारण’ को सीधे रेल लाइन से जोड़ने के लिए एक नई रेल लाइन बिछाने का मुद्दा महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बुधवार को लोक सभा उठाया.

सांसद सिग्रीवाल ने कहा कि बिहार राज्य के सारण और चम्पारण जिलों का भारत के स्वतत्रता संग्राम में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है. यहाँ के कई व्यक्तियों, मनीषियों एवं नेताओं ने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है.
जिनका नाम देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है.

इन्ही में से एक महापुरुष लोकनायक जय प्रकाश की जन्मस्थली जिला सारण में मेरे संसदीय क्षेत्र महाराजगंज का दो तिहाई क्षेत्र पड़ता है. इस क्षेत्र का विस्तार उत्तर प्रदेश की सीमा से गोपालगंज एवं चम्पारण जिला की सीमा तक है. चंपारण जिला तो महात्मा गाँधी जी का कर्मस्थल भी रहा है.

उन्होंने ने दोनों स्थानों एवं दोनों महापुरुषों की ऐतिहासिक योगदान के मद्देनजर यहाँ की जनता के लिए सरकार से लोकनायक जयप्रकाश की जन्म स्थली जिला सारण के छपरा से जलालपुर, बनियापुर, भगवानपुर, बसंतपुर, मलमलिया, मोहम्मद, डुमरियाघाट, खजुरिया चौक होते हुए महात्मा गाँधी की कर्मस्थली चम्पारण के चकिया तक एक नई रेलवे लाइन बनाने हेतु आवश्यकता पहल किये जाने की मांग की है.

सांसद ने कहा कि नई रेल लाइन के बनने से न केवल बिहार के जिलों की जनता को रेल यातायात की सुविधा प्रदान की जा सकती है, बल्कि इससे नेपाल जैसे पड़ोसी देश की जनता को भी सुविधा प्रदान की जा सकती है. इस नई रेल लाइन के बनने से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बलिया, छपरा होते हुए मोतिहारी, रक्सौल तक की रेल यात्रा की दूरी काफी घट जाएगी. इस दूरी के घटने से सम्बंधित क्षेत्र के यात्रियों को समय की बचत और आर्थिक बचत भी होगी. वाणिज्य दृष्टि से भी रेलवे को लाभ मिलेगा. क्योंकि इस नये रेल मार्ग से नेपाल से साथ व्यापारिक संबधों से तहत माल की ढुलाई भी अधिक हो सकेगी.

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