छपरा में लगभग 30 करोड़ की लागत से चल रहा खनुआ नाला का पुनर्निर्माण कार्य, जानिये कहाँ तक पहुंचा काम

Chhapra: छपरा शहर के लोगों को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए खनुआ नाले का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है. इस ऐतिहासिक नाले का जीर्णोद्धार हो जाने के बाद शहर में जलजमाव की लगभग समस्या समाप्त हो जाएगी. इसको लेकर निर्माण कार्य प्रगति पर है. बुडको के कार्यपालक अभियंता शिव सुंदर पंडित बताते हैं कि खनुआ नाला का जीर्णोद्धार कार्य अपनी गति से चल रहा है. अगले सात-आठ महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा और शहर में जलजमाव की समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी. इस कार्य का टेंडर जेएमडी कंस्ट्रक्शन को दिया गया है. नाले के जीर्णोद्धार कार्य मे संवेदक के सामने कई तरह की चुनौतियां भी सामने आ रही हैं.

अबतक कितना पूरा हुआ कार्य

कार्यपालक अभियंता ने बताया कि लगभग 30 करोड़ की लागत से पूरा होने वाले जीर्णोद्धार कार्य में 15 फ़ीसदी तक का कार्य पूरा कर लिया गया है. जिसमें नाले के दूसरे भाग में 1750 मीटर तक करीमचक से स्लूईस गेट तक नाले की सफायी कर दी गयी है और उसके वाल का पक्कीकरण कर दिया गया है. वहीं बी सेमिनरी स्कूल के पास नाले के उड़ाहीं का कार्य पूर्ण हो गया है और 200 मीटर पक्कीकरण का कार्य भी पूरा किया गया है. निर्माण कार्य के दौरान पानी रोकने के लिए सलुईस गेट व बी सेमिनरी के पास बांध बना दिया गया था, अब वो बांध हटा दिया गया है.


कार्यपालक अभियंता ने बताया कि वर्तमान में तीन जगहों पर कोनिया से पुरानी गुरहट्टी, कोर्ट कैम्पस, जजेज कॉलोनी के पीछे वाले हिस्से में सफायी का कार्य किया जा रहा है.

दुकानों के नीचे सफाई बेहद कठिन

खनुआ नाले पर1450 मीटर तक दुकानें बनी है. उसके नीचे सफाई करने में संवेदक के सामने सबसे बड़ी समस्या आ रही है. दुकानों के नीचे से नाले की सफाई करना में समय भी लग रहा है और खतरा भी ज्यादा है. आपको बता दें कि अभी तक नाले के ऊपर से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है जिस कारण से नाले के निर्माण कार्य में देरी हो रही है.

नाले पर 14 सौ मीटर तक जो जिला परिषद की दुकानें हैं जो साढ़ा से लेकर मोना चौक और चौक से लेकर भग्गी साह लेन होते हुए तिनकोनिया तक नाले के ऊपर दुकान बनी है. जिसके बाद संवेदक के के सामने इन दुकानों के नीचे से नाले की सफाई करना बहुत बड़ी चुनौती हो गई है.

अतिक्रमण नहीं हटाने से हो रही समस्या

कार्यपालक अभियंता ने बताया कि दुकानों के नीचे सफाई में सहयोग नहीं मिल रहा है. और इसमें खतरा भी है. यदि प्रशासन इलाके को अतिक्रमण मुक्त कर दे तो काम जल्दी जल्दी होगा. बता दें कि नाले को अतिक्रमण मुक्त करने पर अभी तक किसी भी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

प्रभुनाथ नगर तक बननी है पीसीसी सड़क

नाला को मशीन से सफाई करके बचे हुए भाग पर पीसीसी सड़क पर निर्माण भी कराया जाएगा. जिसमें यह सड़क करीम चक, साहेबगंज तिनकोनिया होते हुए छपरा कचहरी होकर, विशेश्वर सेमिनरी होते हुए प्रभुनाथ नगर को निकलेगी. यह सड़क बनने से इस पर छोटी गाड़ियां आसानी से चल सकेंगे. साथ ही साथ जाम से बचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा.

पम्प से निकाला जा रहा पानी,

शहर को जल जमाव से मुक्ति के लिए 16.5 एचपी के 4 समरसेबुल पंप और एक डीजल पंप, 10 एचपी के 2 तथा 7.5 एचपी के 2 पंप लगाये गये हैं. स्लूइेस गेट के पास दो, करीमचक के पास एक वीसेमिनरी के पास दो तथा साढ़ा ढाला के पास एक पंप लगा हुआ है.

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