सफदर के 29 वें शहादत दिवस पर नगरपालिका चौक पर इप्टा ने फूँका बिगुल

छपरा: सफदर हाशमी की 29 वें शहादत दिवस पर इप्टा बैंड ने जनगीतों, इप्टागीतों से फासिस्ट हमले के शहीद रंगकर्मी को श्रद्धांजलि दी.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए विशेष कार्यक्रम “बोल कि लब आजाद हैं तेरे” पेश किया गया जिसमें उपाध्यक्ष और जाने माने गायक जवाहर राय के निर्देशन में इप्टा बैंड ने साल की पहली प्रस्तुति की जिसकी शुरुआत शैलेन्द्र की अमर रचना ‘तू जिन्दा है तो जिन्दगी की जीत में यकीन कर’ की सामूहिक प्रस्तुति से हुई. फिर इप्टा कलाकारों ने उनसे प्रणाम कहना, जवाहर राय की सधी आवाज में परदेशी ये बात न पूछो, सोने वाले जाग समय अंगड़ाता है, सुखदर्पण दीवार के अंदर जैसे जनगीतों की जोशपूर्ण प्रस्तुति की गई.

रंजीत गिरि ने महेंद्र मिश्र की पूरबी गीतों से झुमाया तो अदिति राय ने ऐ मेरे प्यारे वतन गाकर देशभक्ति का भाव जगाया तो व कुमार ने बिहार वंदना में बिहारीपन को उजागर किया. राजू कुमार महतो ने निर्गुण से जीवन के उद्देश्यों की बानगी पेश की. प्रियंका कुमारी ने भोजपुरी ग़ज़ल से श्रोताओं को झूमने को विवस कर दिया.

कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सानू ने इप्टा के उद्देश्यों और सफ़दर की शहादत को अपने संबोधन में बयान किया. गोविंद कुमार, आमीर हसन, संभव संदर्भ, शिवांगी सिंह, आरती कुमारी, सुहैल अहमद हाशमी, मेहदी शा ने गायकों का भरपूर साथ निभाया तो वहीं विनय कुमार वीनू ने नाल और श्याम सानू ने झाझ पर संगत किया, संचालन सचिव अमित रंजन ने किया.

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