फाइलेरिया से सुरक्षित रहेंगे बच्चे तो उज्जवल होगा देश का भविष्य

फाइलेरिया से सुरक्षित रहेंगे बच्चे तो उज्जवल होगा देश का भविष्य

फाइलेरिया से सुरक्षित रहेंगे बच्चे तो उज्जवल होगा देश का भविष्य

स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में 450 स्कूली बच्चों व 23 शिक्षकों ने खाई दवाएं:

बच्चों ने उत्साह के साथ किया फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन

दवा की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक: एमओआईसी

सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया मुक्त अभियान में सहयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी: प्राचार्य

Chhapra: जिले से फाइलेरिया को पूरी तरह से मिटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तत्पर है। जिस दौरान वृहद पैमाने पर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। ताकि लोगों को फाइलेरिया के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके। इसके लिए डोर टू डोर अभियान चलाने के साथ सामूहिक रूप से भी दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक लोग फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें। इसी क्रम में मंगलवार को जिले के दरिया प्रखंड अंतर्गत बेला स्थित रेल पहिया कारखाना परिसर में अवस्थित केंद्रीय विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम की निगरानी में 450 स्कूली बच्चों के साथ- साथ 23 शिक्षकों और स्टाफ को दवाओं का सेवन कराया गया।

इस दौरान प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मेजर डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बच्चों को बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो इस समाज के लिए अभिशाप है। यह बीमारी लोगों को शरीर के साथ साथ मरीज को मानसिक रूप से भी दिव्यांग कर देती है। इसलिए आज यह बेहद जरूरी है कि देश के उज्जवल भविष्य के लिए बच्चों को इस भयानक बीमारी से बचाया जा सके। इसके लिए सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना चाहिए।

दवा की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक: एमओआईसी

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मेजर डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बच्चों को बताया कि यह बीमारी मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। क्योंकि यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसका कोई भी इलाज नहीं है। केवल फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया से संक्रमित हो जाने पर लंबे समय तक इलाज चलने, दवा की खुराक पूरी करने और प्रभावित अंगों का सही से रखरखाव करने पर रोगी सामान्य जीवन जी सकता है। दवा की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। इसलिए सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) राउंड के दौरान सभी को तीन सालों तक साल में एक बार लेना आवश्यक है। जिससे वो फाइलेरिया की चपेट में आने से बच सकेंगे।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया मुक्त अभियान में सहयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी: प्राचार्य

केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य शिवा कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि समाज को फाइलेरिया से मुक्त करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग विभिन्न प्रकार कार्यक्रमों का आयोजन के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रही है। लेकिन हम भी अपना सहयोग दे कर सरकार और स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास को सार्थक बना सकते हैं। जिसके लिए हमें फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाओं का सेवन करने के साथ मच्छरों से भी बचाव करने की जरूरत है। आगे उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है और मच्छर गंदगी में पैदा होते है। इसलिए इस रोग से बचना है, तो आस- पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी, कूड़ा जमने नही देना है। जबकि जमे पानी पर किरोसीन/मिट्टी तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें, सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें। इस विशेष शिविर में दरियापुर के बीएचएम रविश कुमार सिंह, बीसीएम ध्रुप कुमार, सीएचओ निधि कुमारी, आशा फैसिलिटेटर शिशु कुमारी व रीता देवी तथा आशा टुन्नी देवी व सविता देवी भी मौजूद रही।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें